टीकमगढ़ के झिर की बगिया हनुमान मंदिर में चल रही श्रीराम कथा इन दिनों भक्ति के उल्लास से सराबोर है। मंगलवार को कथा के दौरान जब भगवान श्रीराम का जन्म प्रसंग आया, तो पूरा मंदिर परिसर जयकारों से गूंज उठा। श्रद्धालुओं ने भगवान के अवतार का स्वागत बड़े ही उत्साह और धूमधाम के साथ किया। “भक्तों को सुख देने के लिए अवतार लेते हैं भगवान” कथा व्यास खजुहा धाम के महंत रसिकेश्वर दास महाराज ने श्रीराम जन्म के आध्यात्मिक रहस्यों को समझाते हुए कहा कि भगवान का अवतार केवल राक्षसों का संहार करने के लिए नहीं होता। उन्होंने बताया कि भगवान तो केवल एक संकल्प मात्र से ही पूरी सृष्टि का प्रलय कर सकते हैं, उनके लिए राक्षसों का अंत करना बहुत सामान्य कार्य है। ईश्वर का वास्तविक उद्देश्य तो अपने प्रिय भक्तों को दर्शन देना, उनके साथ लीलाएं करना और उन्हें आनंदित करना होता है। बधाई गीतों पर झूमे श्रद्धालु जन्मोत्सव के दौरान मंदिर का माहौल उत्सव जैसा हो गया। जैसे ही ‘अवध में आनंद भयो, जय रघुबर लाल की’ जैसे भजन शुरू हुए, भक्त खुद को रोक नहीं पाए और जमकर नृत्य किया। इस अवसर पर कलाकारों के गाए गए बधाई गीतों ने सभी को भाव-विभोर कर दिया। महाराज ने ‘नवमी’ तिथि का महत्व बताते हुए कहा कि इसका अर्थ ‘शरणागति’ है, जो प्रभु को अत्यंत प्रिय है। 28 दिसंबर तक चलेगी भक्ति की गंगा मंदिर के महंत रामदास महाराज ने जानकारी दी कि श्रीराम कथा का यह पावन आयोजन 28 दिसंबर तक चलेगा। कथा के साथ-साथ मंदिर में अखंड राम नाम संकीर्तन भी किया जा रहा है, जिससे पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया है। कथा के अंतिम दिन भंडारे का आयोजन किया जाएगा, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं के जुटने की संभावना है।


