उप-प्राचार्य पद को डाइंग कैडर घोषित करने के विरोध में शिक्षा सेवा परिषद का हल्ला–बोल

उप-प्राचार्य पद को डाइंग कैडर घोषित करने के विरोध में शिक्षा सेवा परिषद का हल्ला–बोल

राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद (उप-प्राचार्य संगठन) ने शिक्षा विभाग की ओर से उप-प्राचार्य पद को डाइंग कैडर घोषित कर समाप्त करने के आदेश के खिलाफ गुरुवार को जोरदार विरोध दर्ज कराया। इस संबंध में संगठन के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) प्रतिभा देवठिया को सौंपा।

डाइंग कैडर का निर्णय शिक्षा व्यवस्था के हित में नहीं

जिला संयोजक जितेंद्र वैष्णव ने बताया कि शिक्षा विभाग के शासन उप सचिव की ओर से जारी आदेश में उप-प्राचार्य पद को डाइंग कैडर घोषित किया गया है, जो विद्यालयों के प्रशासनिक प्रबंधन एवं राज्य की शिक्षा व्यवस्था के लिए हितकारी नहीं है। संगठन ने ज्ञापन में संबंधित आदेश को तत्काल अपास्त करते हुए उप-प्राचार्य पद को पूर्ववत बनाए रखने की मांग की। साथ ही वरिष्ठ व्याख्याता पद लागू करने के प्रस्ताव को भी संगठन ने कड़े शब्दों में खारिज किया।

विद्यालय प्रबंधन की अनिवार्य कड़ी है उप-प्राचार्य

संगठन ने कहा कि उप-प्राचार्य पद विद्यालय के दैनिक प्रबंधन, अनुशासन, अकादमिक निगरानी व प्रशासनिक कार्यों की एक अनिवार्य इकाई है। इस पद को समाप्त करना विद्यालयों के संचालन को कमजोर करेगा तथा शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर डालेगा।

मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की अपील

अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) प्रतिभा देवठिया को सौंपे गए ज्ञापन में अनुरोध किया गया कि इस महत्वपूर्ण प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए विषय को मुख्यमंत्री तक पहुंचाया जाए तथा आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। ज्ञापन देने वालों में योगेश दाधीच, वीरेन्द्र चतुर्वेदी, भारत पारीक, भूपेंद्र कुमार नायक, गणपत पुरोहित, सुरेश कोली सहित प्रदेश के अनेक उप-प्राचार्य मौजूद रहे। संगठन ने उम्मीद जताई कि राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था के हित में इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर सकारात्मक एवं संवेदनशील निर्णय लेगी।

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