एशेज को लेकर मार्नस लाबुशेन का दावा, बोले- चयनकर्ता और कोच जहां भी चाहें मैं बल्लेबाजी करूंगा

एशेज को लेकर मार्नस लाबुशेन का दावा, बोले- चयनकर्ता और कोच जहां भी चाहें मैं बल्लेबाजी करूंगा

भारत के खिलाफ ऑस्‍ट्रेलिया की वनडे स्‍क्‍वॉड का हिस्‍सा मार्नस लाबुशेन ने एशेज को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्‍होंने कहा कि अगर उन्‍हें चुना जाता है तो चयनकर्ता और कोच जहां भी कहेंगे वह बल्‍लेबाजी के लिए तैयार हैं। 

मार्नस लाबुशेन को भारत के खिलाफ चल रही तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला के लिए उन्हें ऑस्ट्रेलियाई टीम में शामिल किया गया था, लेकिन वह पर्थ वनडे की प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं बना सके। इसी बीच लाबुशेन ने कहा है कि अगर उन्हें एशेज के लिए बुलाया जाता है तो वह चयनकर्ता और कोच जहां कहेंगे वह बल्‍लेबाजी करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि वे शेफील्ड शील्ड में आत्मविश्वास हासिल करने के बाद वह अच्‍छी फॉर्म में हैं। जबकि ऑस्ट्रेलिया को उस्मान ख्वाजा के साथी एक सलामी बल्लेबाज की तलाश है। 

वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज कर दिया था बाहर

टेस्ट स्तर पर तीन साल के कठिन दौर के कारण लंबे समय से शीर्ष क्रम के बल्लेबाज़ रहे लाबुशेन को वेस्टइंडीज के खिलाफ एक सीरीज के लिए बाहर कर दिया गया था। उन्‍होंने क्वींसलैंड के लिए तीन लिस्ट ए मैचों और दो शेफ़ील्ड शील्ड मैचों की पांच पारियों में चार शतक लगाकर शानदार शुरुआत की है। फॉक्स क्रिकेट से बातचीत में लाबुशेन ने कहा कि वह चयनकर्ता और कोच की इच्छानुसार कहीं भी बल्लेबाजी करने के लिए तैयार हैं।

‘सब कुछ अपने आप ठीक हो जाएगा’

उन्‍होंने कहा कि चयनकर्ता और कोच मुझे जहां भी रखेंगे, मैं वहीं बल्लेबाजी करूंगा। लेकिन, मैंने अपना पूरा करियर ऑस्ट्रेलिया के लिए तीसरे नंबर पर ही खेला है। इसलिए कहने को कुछ नहीं है, वे मुझे जहां भी रखना चाहे रख सकते हैं। एशेज हमेशा आपके दिमाग में रहती है। मैं हमेशा खुद से कहता रहा हूं कि अगर मैं अपना सर्वश्रेष्ठ खेल रहा हूं तो सब कुछ अपने आप ठीक हो जाएगा।

130, 2, 160, 105, 159 और 18 के स्कोर बनाए

17 सितंबर को घरेलू समर की शुरुआत से लाबुशेन ने 130, 2, 160, 105, 159 और 18 के स्कोर बनाए हैं। ये प्रदर्शन एशेज के लिए उनके चयन की लगभग गारंटी देते हैं। खासकर जब देश के बाकी शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों को सीजन की शुरुआत में संघर्ष करना पड़ा है। लाबुशेन को टीम से बाहर किए जाने से पहले उनकी फॉर्म और आत्मविश्वास में कमी साफ दिखाई दे रही थी, लेकिन साल के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट खिलाड़ी का मानना ​​है कि उनके लगातार रन बनाने से ज़्यादा किसी और चीज ने उनकी मदद नहीं की।

‘जब आप रन बना रहे होते हैं तो अच्छा लगता है’

जब आप रन बना रहे होते हैं तो हमेशा अच्छा लगता है। आप शायद थोड़ा ऊंचा चलते हैं, आपके पास आत्मविश्वास होता है और कुछ सालों तक संघर्ष करने के बाद यह शायद आपके लिए एक अच्छा अनुस्मारक है कि आपमें अभी भी आत्मविश्वास है। इससे कोई फर्क़ नहीं पड़ता कि आप कितने अच्छे हैं या आपने कितने रन बनाए हैं। जब आप कुछ समय तक रन नहीं बनाते हैं तो ये संदेह घर कर जाते हैं।

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