शिवहर में लगातार बढ़ रही कड़ाके की ठंड ने आम जनजीवन को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है। सुबह और शाम के समय ठंड का प्रकोप इतना तेज हो गया है कि लोग घरों से बाहर निकलने में भी हिचकिचाने लगे हैं। हालात यह हैं कि बाजार, चौक-चौराहे और सरकारी कार्यालयों के आसपास लोग अलाव के सहारे खुद को गर्म रखने को मजबूर नजर आ रहे हैं। ठंड के कारण जिले में सामान्य जनजीवन की रफ्तार थम सी गई है। सड़कों पर आवाजाही कम हो गई है और लोग जरूरी काम होने पर ही घरों से बाहर निकल रहे हैं। खासकर सुबह के समय घना कोहरा और ठंडी हवाएं लोगों की मुश्किलें और बढ़ा रही हैं। बाजारों में अलाव बना राहत का सहारा शिवहर के मुख्य बाजारों और प्रमुख चौक-चौराहों पर ठंड का असर साफ देखा जा सकता है। स्कूली बच्चे, राहगीर, अधिवक्ता और दुकानदार अलाव के चारों ओर खड़े होकर ठंड से राहत पाने की कोशिश कर रहे हैं। तस्वीरों में साफ नजर आता है कि लोग हाथ सेंकते हुए किसी तरह समय काट रहे हैं। नगर परिषद की ओर से शहर के कई इलाकों में अलाव की व्यवस्था की गई है, जिससे आम लोगों को कुछ हद तक राहत जरूर मिली है। हालांकि, कई स्थानों पर लोगों का कहना है कि अभी भी अलाव की संख्या कम है और इसे और बढ़ाए जाने की जरूरत है। बुजुर्ग और बच्चे सबसे अधिक प्रभावित अलाव के पास खड़े गोपाल चौधरी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से ठंड में लगातार इजाफा हो रहा है। उन्होंने कहा,“ठंड इतनी बढ़ गई है कि बिना अलाव के कुछ देर भी बाहर खड़ा होना मुश्किल हो गया है। नगर परिषद ने अलाव की व्यवस्था की है, लेकिन अगर इसे और जगहों पर किया जाए तो लोगों को ज्यादा राहत मिलेगी।” वहीं फैयाज आलम ने बताया कि ठंड का सबसे ज्यादा असर बुजुर्गों और छोटे बच्चों पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों को सर्दी-जुकाम और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ गया है, जबकि छोटे बच्चों को भी ठंड से बचाने की सख्त जरूरत है। जरूरी कामों के लिए ही निकल रहे लोग अपने निजी काम से बाजार पहुंचे ओमप्रकाश मिश्र भी ठंड से परेशान नजर आए। अलाव के पास खड़े होकर उन्होंने बताया कि ठंड लगातार बढ़ती जा रही है और इससे बचाव के लिए सावधानी बेहद जरूरी है।उन्होंने कहा,“अब लोग बिना जरूरी काम के घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। गर्म कपड़े पहनना और ठंड से बचाव के उपाय करना बेहद जरूरी हो गया है।” बाजार में दुकानदारों का कहना है कि ठंड के कारण ग्राहकों की संख्या में भी कमी आई है। सुबह के समय दुकानें देर से खुल रही हैं और शाम ढलते ही बाजार जल्दी सिमट जा रहा है। प्रशासन से बढ़ी उम्मीदें ठंड को देखते हुए आम लोगों को प्रशासन से और बेहतर इंतजाम की उम्मीद है। लोगों का कहना है कि नगर परिषद द्वारा अलाव की व्यवस्था सराहनीय है, लेकिन इसे सभी प्रमुख इलाकों, अस्पतालों, बस स्टैंड और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर और बढ़ाया जाना चाहिए। साथ ही गरीब, असहाय और सड़क किनारे रहने वाले लोगों के लिए कंबल वितरण की मांग भी जोर पकड़ने लगी है, ताकि वे इस कड़ाके की ठंड में सुरक्षित रह सकें। ठंड से बचाव को लेकर जागरूकता जरूरी विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में ठंड से बचाव के लिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। सुबह-शाम अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें, गर्म कपड़े पहनें और बच्चों एवं बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें। शिवहर में लगातार बढ़ रही कड़ाके की ठंड ने आम जनजीवन को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है। सुबह और शाम के समय ठंड का प्रकोप इतना तेज हो गया है कि लोग घरों से बाहर निकलने में भी हिचकिचाने लगे हैं। हालात यह हैं कि बाजार, चौक-चौराहे और सरकारी कार्यालयों के आसपास लोग अलाव के सहारे खुद को गर्म रखने को मजबूर नजर आ रहे हैं। ठंड के कारण जिले में सामान्य जनजीवन की रफ्तार थम सी गई है। सड़कों पर आवाजाही कम हो गई है और लोग जरूरी काम होने पर ही घरों से बाहर निकल रहे हैं। खासकर सुबह के समय घना कोहरा और ठंडी हवाएं लोगों की मुश्किलें और बढ़ा रही हैं। बाजारों में अलाव बना राहत का सहारा शिवहर के मुख्य बाजारों और प्रमुख चौक-चौराहों पर ठंड का असर साफ देखा जा सकता है। स्कूली बच्चे, राहगीर, अधिवक्ता और दुकानदार अलाव के चारों ओर खड़े होकर ठंड से राहत पाने की कोशिश कर रहे हैं। तस्वीरों में साफ नजर आता है कि लोग हाथ सेंकते हुए किसी तरह समय काट रहे हैं। नगर परिषद की ओर से शहर के कई इलाकों में अलाव की व्यवस्था की गई है, जिससे आम लोगों को कुछ हद तक राहत जरूर मिली है। हालांकि, कई स्थानों पर लोगों का कहना है कि अभी भी अलाव की संख्या कम है और इसे और बढ़ाए जाने की जरूरत है। बुजुर्ग और बच्चे सबसे अधिक प्रभावित अलाव के पास खड़े गोपाल चौधरी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से ठंड में लगातार इजाफा हो रहा है। उन्होंने कहा,“ठंड इतनी बढ़ गई है कि बिना अलाव के कुछ देर भी बाहर खड़ा होना मुश्किल हो गया है। नगर परिषद ने अलाव की व्यवस्था की है, लेकिन अगर इसे और जगहों पर किया जाए तो लोगों को ज्यादा राहत मिलेगी।” वहीं फैयाज आलम ने बताया कि ठंड का सबसे ज्यादा असर बुजुर्गों और छोटे बच्चों पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों को सर्दी-जुकाम और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ गया है, जबकि छोटे बच्चों को भी ठंड से बचाने की सख्त जरूरत है। जरूरी कामों के लिए ही निकल रहे लोग अपने निजी काम से बाजार पहुंचे ओमप्रकाश मिश्र भी ठंड से परेशान नजर आए। अलाव के पास खड़े होकर उन्होंने बताया कि ठंड लगातार बढ़ती जा रही है और इससे बचाव के लिए सावधानी बेहद जरूरी है।उन्होंने कहा,“अब लोग बिना जरूरी काम के घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। गर्म कपड़े पहनना और ठंड से बचाव के उपाय करना बेहद जरूरी हो गया है।” बाजार में दुकानदारों का कहना है कि ठंड के कारण ग्राहकों की संख्या में भी कमी आई है। सुबह के समय दुकानें देर से खुल रही हैं और शाम ढलते ही बाजार जल्दी सिमट जा रहा है। प्रशासन से बढ़ी उम्मीदें ठंड को देखते हुए आम लोगों को प्रशासन से और बेहतर इंतजाम की उम्मीद है। लोगों का कहना है कि नगर परिषद द्वारा अलाव की व्यवस्था सराहनीय है, लेकिन इसे सभी प्रमुख इलाकों, अस्पतालों, बस स्टैंड और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर और बढ़ाया जाना चाहिए। साथ ही गरीब, असहाय और सड़क किनारे रहने वाले लोगों के लिए कंबल वितरण की मांग भी जोर पकड़ने लगी है, ताकि वे इस कड़ाके की ठंड में सुरक्षित रह सकें। ठंड से बचाव को लेकर जागरूकता जरूरी विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में ठंड से बचाव के लिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। सुबह-शाम अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें, गर्म कपड़े पहनें और बच्चों एवं बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।


