10 तस्वीरों में देखिए मिर्जापुर का बाल भरत मिलाप:भाईदूज पर दुर्गादेवी से निकली शोभायात्रा, लाखों भक्तों ने जयकारे लगाए

10 तस्वीरों में देखिए मिर्जापुर का बाल भरत मिलाप:भाईदूज पर दुर्गादेवी से निकली शोभायात्रा, लाखों भक्तों ने जयकारे लगाए

मिर्जापुर में भैया दूज के अवसर पर बाल भरत मिलाप की शोभायात्रा धूमधाम से निकाली गई। इस दौरान मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने अपने भ्राता लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, माता सीता और पवन पुत्र हनुमान के साथ नगर भ्रमण कर भक्तों को दर्शन दिए। इस यात्रा में देवगणों ने भी हर्षोल्लास के साथ भाग लिया। भगवान राम और भरत के मिलन के बाद देवताओं के साथ नगरवासियों को दर्शन देने की यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस भव्य शोभायात्रा को देखने के लिए नगर के विभिन्न मार्गों पर लाखों की संख्या में लोग उमड़ पड़े। बाल भरत मिलाप कमेटी दुर्गादेवी के तत्वावधान में यह शोभायात्रा बैंड-बाजों के साथ निकाली गई। इसमें सबसे आगे कीनाराम की गद्दी थी, जिसके बाद दो दर्जन से अधिक देवी-देवताओं की आकर्षक झांकियां शामिल थीं। देखिए 10 तस्वीरें… शोभायात्रा के अंत में राजा दशरथ के चारों पुत्र, माता सीता और रामदूत हनुमान एक रथ पर विराजमान थे। गुरु वशिष्ठ भी एक अन्य रथ पर आगे आसीन थे। नगरवासियों ने ‘राजा रामचंद्र की जय’ का उद्घोष करते हुए पुष्प वर्षा की। शोभायात्रा में शामिल देवगणों ने भक्ति गीतों पर नृत्य करते हुए मर्यादा और भाईचारे के प्रेम का संदेश बांटा। भगवान राम के वनवास जाने के बाद भरत ने पिता की आज्ञा से अयोध्या का राजपाट संभाला था, लेकिन उन्होंने राजसी ठाठ-बाट त्याग कर कुटिया में निवास किया। वे सिंहासन पर ज्येष्ठ भ्राता राम की खड़ाऊ रखकर जनता की सेवा करते रहे। रावण का वध कर माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ राम के अयोध्या लौटने की खबर सुनकर भरत व्याकुल हो उठे थे। राम और भरत का यह मिलन आज भी समाज में भाइयों के प्रेम और त्याग का अनुपम उदाहरण बना हुआ है। यह सदियों पुरानी परंपरा आज भी कायम है। नगर के गुड़हट्टी चौराहे पर पालिकाध्यक्ष श्याम सुंदर केशरी ने आकर्षक झांकियों को पुरस्कृत किया। उन्होंने भगवान श्रीराम के दरबार की आरती उतारकर नमन भी किया।

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