रूस का यूक्रेन पर सबसे बड़ा हमला: 450 ड्रोन और 30 मिसाइलें दागीं, एनर्जी सिस्टम को बनाया निशाना

रूस का यूक्रेन पर सबसे बड़ा हमला: 450 ड्रोन और 30 मिसाइलें दागीं, एनर्जी सिस्टम को बनाया निशाना

Russia Ukraine Attack: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सीजफायर करवाने की ​कोशिशों के बीच रूस-यूक्रेन जंग इन दिनों फिर से भयंकर रूप ले रही है। रूस ने 12-13 दिसंबर 2025 की रात यूक्रेन पर जोरदार हमला (Russia Ukraine Attack)कर दिया, जिसमें 450 से ज्यादा ड्रोन (Russia Ukraine war) और 30 अलग-अलग तरह की मिसाइलें दागी गईं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने खुद बताया कि यह मुख्य तौर पर देश के ऊर्जा ढांचे पर हमला था, खासकर दक्षिणी इलाकों और ओडेसा क्षेत्रों को निशाना बनाया गया। ज़ेलेंस्की (Zelensky statement) ने कहा कि रात भर चले इस हमले से कई इलाकों में बिजली और पानी की सप्लाई ठप हो गई। ओडेसा में दो लोग घायल हुए हैं। देश भर में दर्जन भर से ज्यादा नागरिक सुविधाएं क्षतिग्रस्त हो गईं, जिनमें पॉवर प्लांट (Ukraine energy infrastructure)और सब स्टेशन शामिल हैं। हजारों परिवार बिजली के बिना रह गए। प्रभावित क्षेत्रों में किरोवोह्रद, मायकोलाइव, ओडेसा, सुमी, खार्किव, खेरसॉन और चेर्निहाइव शामिल हैं। इसके अलावा ड्निप्रो और चेरकसी क्षेत्रों पर भी हमले हुए।

रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार रूस की यह पुरानी रणनीति है

सर्दियों से पहले ऊर्जा सिस्टम को निशाना बना कर आम लोगों को परेशान करना। ठंड में बिना बिजली के घरों में रहना कितना मुश्किल होता है, सोचिए! ज़ेलेंस्की ने कहा कि आपातकालीन टीमें और उपयोगिता सेवाएं दिन-रात काम कर रही हैं, ताकि बिजली-पानी जल्द बहाल हो सके। वो सभी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद भी दे रहे हैं जो इस मुश्किल वक्त में लगे हुए हैं।

रूस का युद्ध खत्म करने का इरादा नहीं: ज़ेलेंस्की

ज़ेलेंस्की ने साफ तौर पर कहा कि रूस का इरादा युद्ध खत्म करने का नहीं है। ये हमले सिर्फ आतंक फैलाने और यूक्रेन को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने के लिए हैं। वो अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील कर रहे हैं कि मॉस्को पर और सख्त दबाव डाला जाए। खासकर हवाई रक्षा सिस्टम व लंबी दूरी के हथियार और सैन्य मदद बढ़ाने की जरूरत है। ज़ेलेंस्की बोले, “राजनयिक कोशिशें तभी काम करेंगी, जब हमलावर पर प्रेशर बनाया जाए और वो अपनी शुरू की हुई जंग रोकने पर मजबूर हो जाए।”

रूस पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है

बहरहाल, यह हमला ऐसे वक्त हुआ है, जब अमेरिका और यूरोपीय देश दोनों देशों के बीच शांति वार्ताओं में लगे हुए हैं। लेकिन रूस के ये कदम दिखाते हैं कि वो पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है। ज़ेलेंस्की ने ठीक कहा – दुनिया को साफ देखना चाहिए कि रूस क्या कर रहा है। उम्मीद है सेवाएं जल्द बहाल हों और लोग सुरक्षित रहें।

हमले बढ़े तो भारत में तेल की कीमतें बढ़ेंगी

भारत के लिहाज से य​ह जंग दूर की नहीं है। हम रूस से सस्ता तेल खरीद रहे हैं, लेकिन अगर ये हमले बढ़े तो वैश्विक बाजार में हलचल मचेगी। ऊर्जा की कीमतें बढ़ेंगी, जो हमारे यहां महंगाई का कारण बन सकती है। साथ ही, भारत शांति की बात करता रहा है, और पीएम मोदी ने दोनों पक्षों से बातचीत करने की अपील की है। भारत जैसे देशों को भी अपनी ऊर्जा सुरक्षा पर और ध्यान देना होगा, क्योंकि ऐसी जंगें हमें भी प्रभावित करती हैं। आप क्या सोचते हैं, ये युद्ध कब खत्म होगा? कमेंट करके बताएं! (ANI)

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