सुपौल में 700 रुपये प्रति बोरी यूरिया मिलने की अफवाह:हटिया चौक पर उमड़ी किसानों की भीड़; दुकानदार बोले- 266 रुपये में ही मिल रहा

सुपौल में 700 रुपये प्रति बोरी यूरिया मिलने की अफवाह:हटिया चौक पर उमड़ी किसानों की भीड़; दुकानदार बोले- 266 रुपये में ही मिल रहा

सुपौल के सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत सदानंदपुर हटिया चौक पर शुक्रवार की सुबह अचानक किसानों की भीड़ उमड़ पड़ी। भीड़ का कारण सोशल मीडिया पर तेजी से फैली वह अफवाह बनी, जिसमें यह दावा किया गया था कि यूरिया खाद की कीमत बढ़कर 600 से 700 रुपये प्रति बोरी हो गई है। सुबह 7 बजे से दुकान के बाहर किसानों की लंबी कतार महंगी दर की खबर मिलते ही किसान सुबह करीब 7 बजे से दुकान के बाहर लंबी कतार में खड़े हो गए। कई किसान बिना कामकाज निपटाए जल्दबाजी में खाद लेने पहुंचे ताकि बढ़ी कीमत का असर पड़ने से पहले अपने हिस्से की खाद ले सकें। देखते ही देखते स्थिति यह हो गई कि हटिया चौक स्थित खाद दुकानों पर लाइनें सड़कों तक फैल गईं। चार घंटे रही भीड़, 11 बजे के बाद मिली सही जानकारी करीब चार घंटे तक भीड़ बनी रही और सुबह 11 बजे के बाद दुकानों पर पहुंचे किसानों को सही जानकारी मिलने लगी। कतार में खड़े किसानों ने बताया कि दुकान पर यूरिया का मूल्य अब भी 266 रुपये प्रति बोरी ही लिया जा रहा है। किसानों ने राहत की सांस लेते हुए कहा कि अफवाह के कारण सभी परेशान हो गए थे। कई किसानों ने कहा कि सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैलने से भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई, जिससे अनावश्यक भीड़ बढ़ गई। खाद विक्रेता बोले-सरकारी रेट पर ही खाद दी जा रही वहीं, खाद विक्रेता राज ट्रेडर्स के संचालक रवींद्र राज ने बताया कि सोशल मीडिया के जरिए किसी ने झूठी जानकारी फैलाई थी कि यूरिया के दाम 600-700 रुपये पहुंच गए हैं। इसी कारण सुबह से ही भारी संख्या में किसान दुकान पहुंच गए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकारी रेट पर ही खाद दी जा रही है और किसी प्रकार की कीमत वृद्धि नहीं हुई है। रवींद्र राज ने कहा कि यदि किसान जिंक या बोरन मांगते हैं तो वे भी उपलब्ध करवाए जाते हैं, लेकिन यूरिया के साथ जिंक-बोरन का दाम जोड़कर भ्रम फैलाया गया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ी। जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि निर्धारित मूल्य पर ही खाद मिल रहा है। सुपौल के सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत सदानंदपुर हटिया चौक पर शुक्रवार की सुबह अचानक किसानों की भीड़ उमड़ पड़ी। भीड़ का कारण सोशल मीडिया पर तेजी से फैली वह अफवाह बनी, जिसमें यह दावा किया गया था कि यूरिया खाद की कीमत बढ़कर 600 से 700 रुपये प्रति बोरी हो गई है। सुबह 7 बजे से दुकान के बाहर किसानों की लंबी कतार महंगी दर की खबर मिलते ही किसान सुबह करीब 7 बजे से दुकान के बाहर लंबी कतार में खड़े हो गए। कई किसान बिना कामकाज निपटाए जल्दबाजी में खाद लेने पहुंचे ताकि बढ़ी कीमत का असर पड़ने से पहले अपने हिस्से की खाद ले सकें। देखते ही देखते स्थिति यह हो गई कि हटिया चौक स्थित खाद दुकानों पर लाइनें सड़कों तक फैल गईं। चार घंटे रही भीड़, 11 बजे के बाद मिली सही जानकारी करीब चार घंटे तक भीड़ बनी रही और सुबह 11 बजे के बाद दुकानों पर पहुंचे किसानों को सही जानकारी मिलने लगी। कतार में खड़े किसानों ने बताया कि दुकान पर यूरिया का मूल्य अब भी 266 रुपये प्रति बोरी ही लिया जा रहा है। किसानों ने राहत की सांस लेते हुए कहा कि अफवाह के कारण सभी परेशान हो गए थे। कई किसानों ने कहा कि सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैलने से भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई, जिससे अनावश्यक भीड़ बढ़ गई। खाद विक्रेता बोले-सरकारी रेट पर ही खाद दी जा रही वहीं, खाद विक्रेता राज ट्रेडर्स के संचालक रवींद्र राज ने बताया कि सोशल मीडिया के जरिए किसी ने झूठी जानकारी फैलाई थी कि यूरिया के दाम 600-700 रुपये पहुंच गए हैं। इसी कारण सुबह से ही भारी संख्या में किसान दुकान पहुंच गए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकारी रेट पर ही खाद दी जा रही है और किसी प्रकार की कीमत वृद्धि नहीं हुई है। रवींद्र राज ने कहा कि यदि किसान जिंक या बोरन मांगते हैं तो वे भी उपलब्ध करवाए जाते हैं, लेकिन यूरिया के साथ जिंक-बोरन का दाम जोड़कर भ्रम फैलाया गया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ी। जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि निर्धारित मूल्य पर ही खाद मिल रहा है।  

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