मध्य प्रदेश की हाई कोर्ट ने फिल्म ‘हक’ की रिलीज के खिलाफ शाह बानो की बेटी सिद्दीक बेगम खान की याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस प्रणय वर्मा ने सुनवाई करते हुए कहा कि शाह बानो अब जीवित नहीं हैं। इसलिए निजता व प्रतिष्ठा का अधिकार उनके साथ समाप्त हो गया है। अदालत ने यह भी माना कि फिल्म में शाह बानो का गलत चित्रण नहीं है और न ही इसे किसी की सच्ची कहानी बताया गया है।
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अदालत ने कहा कि फिल्म के डिस्क्लेमर में साफ लिखा है कि यह काल्पनिक रचना है और ‘बानोः भारत की बेटी’ नामक पुस्तक पर आधारित है और 1985 के सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले से प्रेरित है, इसलिए रचनात्मक छूट दी जा सकती है। कोर्ट ने साफ किया कि सिर्फ इसलिए कि फिल्म में नाटकीय या काल्पनिक तत्व जोड़े गए हैं, इसे सनसनीखेज या भ्रामक नहीं कहा जा सकता।
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फिल्म में यदि कहानी को प्रभावी बनाने के लिए कुछ वैवाहिक या निजी विवरण जोड़े गए हैं, तो वह गलत नहीं माने जाएंगे। जस्टिस वर्मा ने कहा कि फिल्म के बारे में यह दावा नहीं किया गया है कि यह अहमद खान बनाम शाह बानो बेगम (1985) मामले पर पूरी तरह आधारित है। अदालत ने इस संदर्भ में केएस पुट्टास्वामी और दीपा जया कुमार बनाम एनएल विजय (2021) मामलों के फैसलों का हवाला भी दिया।


