सहरसा पुलिस ने रिटायर्ड वन प्रमंडल पदाधिकारी (डीएफओ) महेश्वर पाठक के लापता होने और बैंक खाते से 28 लाख रुपए की फर्जी निकासी के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने मुख्य आरोपी शशिशंकर को गिरफ्तार कर रविवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। आरोपी मूलतः कहरा प्रखंड के पड़री गांव का निवासी बताया जा रहा है। यह मामला अगस्त 2024 में सामने आया, जब रिटायर्ड डीएफओ महेश्वर पाठक के भतीजे सुमित कुमार पाठक ने सहरसा सदर थाना में अपहरण और बैंक धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने कांड संख्या 844/2024 दर्ज कर जांच शुरू की। केयरटेकर के तौर पर करता था काम पुलिस के अनुसार, आरोपी शशिशंकर पटना के शगुना स्थित सेवानिवृत्त डीएफओ के निर्माणाधीन आवास में केयरटेकर के तौर पर काम करता था। इसी दौरान उसने महेश्वर पाठक का एटीएम कार्ड चुरा लिया और उनकी जानकारी के बिना खाते से लाखों रुपए निकालता रहा। पुलिस जांच में यह पुष्टि हुई है कि आरोपी पहले पैसे अपने रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर करता था, फिर वहां से राशि अपने खाते में भेज लेता था। इस तरह उसने 28 लाख रुपए से अधिक की फर्जी निकासी की। जब महेश्वर पाठक को पैसे निकाले जाने की जानकारी हुई, उसके लगभग दस दिन बाद वे अचानक लापता हो गए। तब से उनका कोई सुराग नहीं मिला है। पैसों के विवाद में बनाया गया बंधक पुलिस को आशंका है कि पैसों के विवाद के कारण उन्हें कहीं बंधक बनाया गया है या उनकी हत्या कर दी गई है। इस पहलू पर भी गंभीरता से जांच जारी है। सदर थानाध्यक्ष सुबोध कुमार ने बताया कि आरोपी शशिशंकर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 140(3), 303(2), 318(4) के तहत कार्रवाई की गई है। फिलहाल उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और मामले की जांच आगे बढ़ रही है। रिटायर्ड डीएफओ महेश्वर पाठक का अब तक कोई पता न चलना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। उनका परिवार उनके सुरक्षित मिलने की उम्मीद कर रहा है। सहरसा पुलिस ने रिटायर्ड वन प्रमंडल पदाधिकारी (डीएफओ) महेश्वर पाठक के लापता होने और बैंक खाते से 28 लाख रुपए की फर्जी निकासी के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने मुख्य आरोपी शशिशंकर को गिरफ्तार कर रविवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। आरोपी मूलतः कहरा प्रखंड के पड़री गांव का निवासी बताया जा रहा है। यह मामला अगस्त 2024 में सामने आया, जब रिटायर्ड डीएफओ महेश्वर पाठक के भतीजे सुमित कुमार पाठक ने सहरसा सदर थाना में अपहरण और बैंक धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने कांड संख्या 844/2024 दर्ज कर जांच शुरू की। केयरटेकर के तौर पर करता था काम पुलिस के अनुसार, आरोपी शशिशंकर पटना के शगुना स्थित सेवानिवृत्त डीएफओ के निर्माणाधीन आवास में केयरटेकर के तौर पर काम करता था। इसी दौरान उसने महेश्वर पाठक का एटीएम कार्ड चुरा लिया और उनकी जानकारी के बिना खाते से लाखों रुपए निकालता रहा। पुलिस जांच में यह पुष्टि हुई है कि आरोपी पहले पैसे अपने रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर करता था, फिर वहां से राशि अपने खाते में भेज लेता था। इस तरह उसने 28 लाख रुपए से अधिक की फर्जी निकासी की। जब महेश्वर पाठक को पैसे निकाले जाने की जानकारी हुई, उसके लगभग दस दिन बाद वे अचानक लापता हो गए। तब से उनका कोई सुराग नहीं मिला है। पैसों के विवाद में बनाया गया बंधक पुलिस को आशंका है कि पैसों के विवाद के कारण उन्हें कहीं बंधक बनाया गया है या उनकी हत्या कर दी गई है। इस पहलू पर भी गंभीरता से जांच जारी है। सदर थानाध्यक्ष सुबोध कुमार ने बताया कि आरोपी शशिशंकर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 140(3), 303(2), 318(4) के तहत कार्रवाई की गई है। फिलहाल उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और मामले की जांच आगे बढ़ रही है। रिटायर्ड डीएफओ महेश्वर पाठक का अब तक कोई पता न चलना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। उनका परिवार उनके सुरक्षित मिलने की उम्मीद कर रहा है।


