आर्मी की रिटायर्ड कैप्टन पंजाब में PCS अफसर बनीं:2021 में पास किया एग्जाम, 3 साल सुप्रीम कोर्ट तक लड़ीं; अब मिली नौकरी

आर्मी की रिटायर्ड कैप्टन पंजाब में PCS अफसर बनीं:2021 में पास किया एग्जाम, 3 साल सुप्रीम कोर्ट तक लड़ीं; अब मिली नौकरी

पंजाब के लुधियाना की बेटी गुरप्रीत कौर भारतीय सेना से बतौर कैप्टन रिटायर हुई और अब पंजाब सिविल सर्विसिस (PCS) अधिकारी बन गई। सेना से कैप्टन के पद से रिटायर होने और पीसीएस अधिकारी बनने तक के लिए गुरप्रीत कौर को अलग तरह से संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने हार नहीं मानी और चार साल तक हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कानूनी लड़ाई लड़ी और आखिर में पीसीएस अधिकारी बन गई। गुरप्रीत कौर ने पंजाब सेक्रेट्रिएट चंडीगढ़ में ज्वाइन कर दिया है और जल्दी ही उन्हें किसी जिले में नियुक्ति मिल जाएगी। चार साल के लंबे संघर्ष के बाद पीसीएस के तौर पर नियुक्ति मिलने से रिटायर्ड कैप्टन गुरप्रीत कौर व उसका परिवार बेहद खुश है। गुरप्रीत कौर का कहना है कि उन्हें अब स्टेशन अलॉटमेंट का इंतजार है जो कि इसी सप्ताह खत्म हो जाएगा। सेना में कैप्टन, फिर PCS बनने तक का सफर… सैनिक मानने को लेकर रहा विवाद
सेना में शॉर्ट सर्विस कमिशन के जरिए भर्ती होने वाले अधिकारी अगर जल्दी रिटायरमेंट लेते हैं तो उन्हें पेंशन नहीं मिलती है। इसी बात को आधार बनाकर गुरप्रीत कौर की नियुक्ति को एक्स सर्विसमैन कैटेगरी में चैलेंज किया गया। गुरप्रीत कौर ने कहा कि हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने माना कि शॉट कमिशन में के तहत सेना में सेवा निभा चुके अधिकारी भी सैनिक की कैटेगरी में आते हैं। दादा सेना में सूबेदार थे तो सेना से हुआ लगाव
गुरप्रीत कौर ने बताया कि उसके दादा सेना में सूबेदार थे तो बचपन में दादा जी को सेना की वर्दी में देखकर अच्छा लगता था। उन्हें देखकर ही सेना को जॉइन किया। उन्होंने बताया कि सेना के पांच साल बेहद अच्छे रहे। उन्होंने कहा कि अनुशासन और हर काम को जिम्मेदारी के साथ करना, समय पर करना यह सब सेना में सीखा है। यही नहीं अपने हक के लिए लड़ने का जज्बा भी सेना से ही मिला नहीं तो पीसीएस की नौकरी हासिल करने के लिए इतनी लंबी कानूनी लड़ाई नहीं लड़ पाती। पति शॉर्ट कमिशन के जरिए नेवी में बने लेफ्टिनेंट कमांडर
गुरप्रीत कौर की शादी 2015 में पटियाला जिले के समाना में रहने वाले गगनदीप सिंह से हुई गगनदीप सिंह भी भारतीय नौ सेना में शॉर्ट सर्विस कमिशन के जरिए लेफ्टिनेंट कमांडर बने थे। उन्होंने 2023 में नेवी से रिटायरमेंट ले ली है और अब भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड दिल्ली में जॉब कर रहे हैं। सेना से रिटायर होने के बाद जहां गुरप्रीत कौर ने पीसीएस की तैयारी की वहीं उन्होंने अपनी पढ़ाई भी जारी रखी। गुरप्रीत कौर ने मनोविज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन की और फिर बीएड किया। वर्तमान में वो पंजाब यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रही हैं। पार्षद मंजू अग्रवाल व इंद्र अग्रवाल ने दी बधाई
भारतीय जनता पार्टी की पार्षद मंजू अग्रवाल व पूर्व पार्षद इंद्र अग्रवाल ने गुरप्रीत कौर के पीसीएस अफसर बनने पर उन्हें और उनके परिवार को बधाई दी। उन्होंने उनके घर जाकर सिरोपा भेंट किया और इसे अपने वार्ड के लिए गौरव की बात बताया।

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