वरिष्ठ पत्रकार नवीन जोशी के व्यक्तित्व, संपादकीय समझ और पत्रकारिता यात्रा पर आधारित पुस्तक ‘नवीन धुन’ का विमोचन गोमतीनगर स्थित कसाया इन होटल में किया गया । इस कार्यक्रम में ‘आज तक’ के पूर्व न्यूज डायरेक्टर और ‘सत्य हिंदी’ के सह-संस्थापक कमर वहीद नकवी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। हॉल पत्रकारों, लेखकों, शिक्षकों और मीडिया जगत से जुड़े दिग्गजों से खचाखच भरा था। ग्रे पैरट पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित और वरिष्ठ लेखिका-पत्रकार शिखा एस द्वारा संपादित यह पुस्तक 30 से अधिक पत्रकारों के संस्मरणों और अनुभवों का संकलन है। वरिष्ठ पत्रकार मृणाल पांडे द्वारा लिखे गए प्राक्कथन में नवीन जोशी की पत्रकारिता को संवेदनशील, मानवीय और सटीक भाषा का अद्वितीय संगम बताया गया है। यह पुस्तक श्रृंखला उन जीवित हिंदी संपादकों पर केंद्रित संपादक शिखा एस ने इस अवसर पर कहा कि यह किताब साबित करती है कि अच्छाई दूर तक साथ चलती है। उन्होंने बताया कि नवीन को सेवानिवृत्त हुए एक दशक हो गया है। अंग्रेजी लेखक व ब्यूरोक्रेट पार्थ सारथी सेन शर्मा, पूर्व सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही और साहित्य व मीडिया जगत के अन्य लोग शामिल हुए। 1997 में स्थानीय संपादक बने नवीन जोशी ने बताया कि उन्होंने 1977 से अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत ‘स्वतंत्र भारत’ से की थी। भाषा पर उनकी पकड़ और अनुवाद कौशल के कारण वे शीघ्र ही सह-संपादक बन गए। बाद में उन्होंने अपने प्रिय संपादक राजेंद्र माथुर के साथ काम करने के लिए ‘नवभारत टाइम्स’ जॉइन किया। परिस्थितियों के चलते वे 1991 में ‘स्वतंत्र भारत’ लौटे और 1997 में स्थानीय संपादक बने। संपादकीय पेज पर विज्ञापन छापने के विरोध में दिया गया उनका इस्तीफा पत्रकारिता के आदर्शों की एक मिसाल माना जाता है। इसके बाद उन्होंने ‘दैनिक जागरण’ और ‘हिंदुस्तान’ के लखनऊ व पटना संस्करणों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभालीं। वर्ष 2009 में उन्हें उत्तर प्रदेश के सभी संस्करणों का कार्यकारी संपादक बनाया गया। सेवानिवृत्ति के बाद, वे लगभग एक वर्ष तक ‘दैनिक भास्कर’ के बिहार-झारखंड एडिटोरियल एक्सीलेंस सेंटर में संपादक के पद पर कार्यरत रहे।


