Relationship Tips: “इवॉल्व होने का मतलब बेवफाई नहीं”, पंकज त्रिपाठी ने ओपन रिलेशनशिप ट्रेंड पर रखी राय

Relationship Tips: “इवॉल्व होने का मतलब बेवफाई नहीं”, पंकज त्रिपाठी ने ओपन रिलेशनशिप ट्रेंड पर रखी राय

Relationship Tips: आज के दौर में जब ओपन रिलेशनशिप को “मॉडर्न सोच” का नाम दिया जा रहा है, तब अभिनेता पंकज त्रिपाठी की राय लोगों को ठहरकर सोचने पर मजबूर करती है। उनका कहना है कि इवॉल्व होना सोच में परिपक्वता लाता है, न कि रिश्तों में बेवफाई की छूट। प्यार में समझ, जिम्मेदारी और ईमानदारी ही किसी भी रिश्ते को मजबूत बनाती है, चाहे समय कितना भी बदल क्यों न जाए। फिल्म मेट्रो इन दिनों के प्रमोशन के दौरान उन्होंने कहा कि रिश्तों में इवॉल्व होने का मतलब कई लोगों से जुड़ जाना नहीं होता। उनकी यह सीधी और सधी हुई बात लोगों के दिल को छू गई। आइए ओपन रिलेशनशिप को लेकर कुछ जरूरी बातों को समझते हैं-

पंकज त्रिपाठी का बयान क्यों हुआ चर्चा में?

पंकज त्रिपाठी ने रिश्तों की तुलना बैंक अकाउंट से करते हुए मजाकिया अंदाज में गहरी बात कही। उनका मानना है कि जैसे बैंक अकाउंट और OTP हर किसी के लिए नहीं होते, वैसे ही रिश्तों में भी भरोसा और सीमाएं जरूरी होती हैं।उनकी बात ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या हर नया ट्रेंड अपनाना सच में जरूरी है?

ओपन रिलेशनशिप क्या है?

ओपन रिलेशनशिप वह रिश्ता होता है जिसमें पार्टनर्स आपसी सहमति से एक-दूसरे को किसी और से भावनात्मक या शारीरिक संबंध बनाने की आजादी देते हैं। इसमें भरोसा और स्पष्ट नियम सबसे जरूरी माने जाते हैं।

ओपन रिलेशनशिप को “इवॉल्व्ड” क्यों माना जाने लगा है?

आजकल मॉडर्न और प्रोग्रेसिव दिखने की चाह में लोग कुछ फैसले बिना आत्म-मंथन के ले लेते हैं।उनके मुताबिक,भावनात्मक रूप से आगे बढ़ना किसी खास रिलेशनशिप मॉडल को अपनाने से नहीं, बल्कि खुद को समझने और साफ बातचीत करने से आता है।

क्या ओपन रिलेशनशिप हर कपल के लिए सही है?

इस सवाल का जवाब हर रिश्ते के लिए अलग हो सकता है।डॉ. शंकर बताती हैं कि किसी भी फैसले से पहले कपल को यह समझना चाहिए कि उन्हें रिश्ते से क्या चाहिए सुरक्षा, स्थिरता या स्वतंत्रता।अगर दोनों पार्टनर एक जैसी भावनात्मक स्थिति में नहीं हैं, तो ऐसा रिश्ता आगे चलकर परेशानी पैदा कर सकता है।

रिश्ते में सीमाएं तय करना क्यों जरूरी है?

अगर कोई कपल ओपन रिलेशनशिप चुनता भी है, तो स्पष्ट सीमाएं तय करना बेहद जरूरी होता है।बिना इन सीमाओं के रिश्ता धीरे-धीरे उलझ सकता है।

  • भावनात्मक और शारीरिक सीमाएं।
  • दूसरों से संपर्क की हद।
  • क्या बातें एक-दूसरे को बताना जरूरी हैं।

कब ओपन रिलेशनशिप नुकसान पहुंचा सकता है?

  • जब कोई पार्टनर सिर्फ झगड़े से बचने के लिए राजी हो।
  • जब फैसला ट्रेंड देखकर लिया जाए।
  • जब इसे बोरियत या असुरक्षा से भागने का जरिया बनाया जाए।
  • अगर पार्टनर ओपन रिलेशनशिप की बात करे और आप सहज न हों ।

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