लोक आस्था और सूर्य उपासना का पर्व छठ पूजा बिहार की पहचान बन चुका है। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि पारिवारिक एकता, अनुशासन और पवित्रता का संदेश भी देता है। जमुई के मलयपुर वार्ड संख्या 12 की रहने वाली रीना रानी इस परंपरा की जीवंत मिसाल हैं। बीते 52 वर्षों से वे लगातार छठ व्रत कर रही हैं। रीना रानी ने बताया कि वर्ष 1974 में, जब वे मात्र 18 वर्ष की थीं, तभी उन्होंने पहली बार छठ व्रत रखा था। तब से लेकर आज तक उन्होंने एक भी बार यह अनुष्ठान नहीं छोड़ा। साधना और पारिवारिक सहयोग का पर्व रीना रानी (68) कहती हैं कि छठ पूजा सिर्फ पूजा-अर्चना नहीं, बल्कि जीवन की एक साधना है। इस व्रत में शुद्धता, नियम और संयम का विशेष महत्व होता है।उनका कहना है कि इस पर्व से परिवार में एकता, प्रेम और सहयोग की भावना मजबूत होती है। छठ व्रत के दौरान पूरा परिवार व्रती के साथ मिलकर घाट की सफाई, प्रसाद की तैयारी और पूजा सामग्री का संग्रह करता है। आध्यात्मिक लाभ और सकारात्मक ऊर्जा रीना रानी ने बताया कि छठ व्रत करने से उन्हें आत्मिक शांति और मानसिक शक्ति मिलती है। उनका कहना है कि जब परिवार के सभी सदस्य एक साथ सूर्य देव की उपासना करते हैं, तो घर में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-समृद्धि का वातावरण बनता है। परंपरा को आगे बढ़ा रही नई पीढ़ी रीना रानी की गोतनी, बहू और पोतियां अब इस परंपरा को आगे बढ़ा रही हैं। रीना रानी गर्व से कहती हैं—”यह सिर्फ पूजा नहीं, हमारी पहचान और संस्कार की धरोहर है, जिसे मैं जीवन भर निभाती रहूंगी।” लोक आस्था और सूर्य उपासना का पर्व छठ पूजा बिहार की पहचान बन चुका है। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि पारिवारिक एकता, अनुशासन और पवित्रता का संदेश भी देता है। जमुई के मलयपुर वार्ड संख्या 12 की रहने वाली रीना रानी इस परंपरा की जीवंत मिसाल हैं। बीते 52 वर्षों से वे लगातार छठ व्रत कर रही हैं। रीना रानी ने बताया कि वर्ष 1974 में, जब वे मात्र 18 वर्ष की थीं, तभी उन्होंने पहली बार छठ व्रत रखा था। तब से लेकर आज तक उन्होंने एक भी बार यह अनुष्ठान नहीं छोड़ा। साधना और पारिवारिक सहयोग का पर्व रीना रानी (68) कहती हैं कि छठ पूजा सिर्फ पूजा-अर्चना नहीं, बल्कि जीवन की एक साधना है। इस व्रत में शुद्धता, नियम और संयम का विशेष महत्व होता है।उनका कहना है कि इस पर्व से परिवार में एकता, प्रेम और सहयोग की भावना मजबूत होती है। छठ व्रत के दौरान पूरा परिवार व्रती के साथ मिलकर घाट की सफाई, प्रसाद की तैयारी और पूजा सामग्री का संग्रह करता है। आध्यात्मिक लाभ और सकारात्मक ऊर्जा रीना रानी ने बताया कि छठ व्रत करने से उन्हें आत्मिक शांति और मानसिक शक्ति मिलती है। उनका कहना है कि जब परिवार के सभी सदस्य एक साथ सूर्य देव की उपासना करते हैं, तो घर में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-समृद्धि का वातावरण बनता है। परंपरा को आगे बढ़ा रही नई पीढ़ी रीना रानी की गोतनी, बहू और पोतियां अब इस परंपरा को आगे बढ़ा रही हैं। रीना रानी गर्व से कहती हैं—”यह सिर्फ पूजा नहीं, हमारी पहचान और संस्कार की धरोहर है, जिसे मैं जीवन भर निभाती रहूंगी।”


