रवींद्र जडेजा ने वनडे टीम से बाहर किए जाने के बाद पहली बार तोड़ी चुप्पी, बताया अपना फ्यूचर प्लान

रवींद्र जडेजा ने वनडे टीम से बाहर किए जाने के बाद पहली बार तोड़ी चुप्पी, बताया अपना फ्यूचर प्लान

टीम इंडिया 19 अक्टूबर से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज खेलेगी। इसके लिए भारतीय स्क्वाड का ऐलान कर दिया गया है, जिसमें स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को जगह नहीं मिल सकी है। 

Ravindra Jadeja: स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए चुनी गई भारतीय वनडे टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। अजीत अगरकर की अध्यक्षता वाली भारतीय चयन समिति के इस फैसले पर क्रिकेट प्रशंसकों ने हैरानी जताई है, वहीं कई पूर्व खिलाड़ियों ने भी सवाल उठाए हैं। यह तब है जब रवींद्र जडेजा गेंद और बल्ले से कमाल का प्रदर्शन कर रहे हैं। वेस्टइंडीज खिलाफ दिल्ली में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट के दौरान रवींद्र जडेजा ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय वनडे टीम में अपने चयन को लेकर चुप्पी तोड़ी है।

उप-कप्तान रवींद्र जडेजा ने कहा, देखिए, यह मेरे हाथ में नहीं है। मेरा मतलब है, मैं निश्चित रूप से वनडे विश्व कप 2027 खेलना चाहता हूं, लेकिन आखिर में, टीम प्रबंधन, चयनकर्ता, कोच और कप्तान कुछ सोच रहे होंगे। उन्होंने मुझे इस सीरीज में क्यों नहीं रखा, इसके पीछे कुछ कारण होगा?

उन्होंने यह भी कहा कि मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर, मुख्य कोच गौतम गंभीर और कप्तान शुभमन गिल ने मुझसे बात की। उन्होंने फैसले के पीछे का कारण बताया। ऐसा नहीं है कि मुझे अचानक पता चला, वे स्पष्ट और ईमानदार थे। जब भी मुझे वनडे में दोबारा मौका मिलेगा, मैं अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगा और वही करूंगा जो मैंने हमेशा किया है।

‘रिकॉर्ड के बारे में नहीं सोचता’

रवींद्र जडेजा से 4000 टेस्ट रन और 300 वनडे विकेट के बारे में पूछे जाने पर रवींद्र जडेजा ने कहा, मैं रिकॉर्ड के बारे में ज्यादा नहीं सोचता। कभी-कभी यह मेरे दिमाग में आता है, लेकिन यह प्राथमिकता नहीं है। मेरे लिए क्या मायने रखता है कि क्या मेरा प्रदर्शन टीम को जीत दिलाने में मदद कर रहा है। रन बनाना या विकेट लेना केवल तभी मायने रखता है जब इससे जीत मिलती है। खासकर आईसीसी टूर्नामेंट या विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप में। जब वे प्रदर्शन जीत में योगदान करते हैं, तभी मैं वास्तव में संतुष्ट महसूस करता हूं।

रवींद्र जडेजा के बयान से स्पष्ट है कि उनका बाहर होना फॉर्म या फिटनेस पर विचार करने से ज्यादा योजनाबद्ध सिलेक्शन का मामला था। शुभमन गिल के नेतृत्व में भारतीय टीम एक बदलाव के दौर से गुजर रही है। चयनकर्ता 50 ओवर के प्रारूप में बेंच स्ट्रेंथ का परीक्षण कर रहे हैं। साथ ही यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि वरिष्ठ खिलाड़ी लंबे टूर्नामेंटों के लिए तरोताजा रहें।

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