रतलाम। लंबी जद्दोजहद के बाद अंतत: एमपीआरडीसी यानी मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन ने रतलाम-झाबुआ के 100 किमी लंबे रोड पर टू लेन बनाने की 325 करोड़ रुपए की निविदा को मंजूरी दे दी है। इस रोड से प्रतिदिन करीब 5 हजार दो व चार पहिया वाहन निकलते है। फिलहाल यह रोड जगह-जगह से जर्जर हो रहा है। रोड का निर्माण रतलाम के सालाखेड़ी से लेकर झाबुआ तक होगा। निविदा ऐजेंसी को 31 दिसंबर 2027 तक कार्य को पूरा करना होगा। पहले यह रोड टू लेन, फिर फोरलेन व अंत में टू लेन बनाने का निर्णय लिया।
रतलाम-झाबुआ मार्ग पर वर्तमान में सिंगल लेन सड़क है, लेकिन इसे अब टू-लेन (पेव्ड शोल्डर सहित) में अपग्रेड किया जा रहा है, जिसमें एनएच 147ई और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का हिस्सा शामिल है, जिसका उद्देश्य यात्रा समय को कम करना और कनेक्टिविटी बढ़ाना है। जिसमें ₹325 करोड़ रुपए लागत और 2027 तक निर्माण पूरा करने का लक्ष्य लिया है।रतलाम को राजस्थान और गुजरात से जोड़ने के लिए यह निर्माण महत्वपूर्ण साबित होगा। इसके अलावा रतलाम के मेडिकल कॉलेज आने के लिए इस समय जर्जर सड़क का उपयोग जिले के अंचल के रहवासी कर रहे है, बेहतर सड़क पर कम समय में ये पहुंच जाएंगे।
परियोजना का विवरण
प्रकार: रतलाम-झाबुआ मार्ग को टू-लेन (पेव्ड शोल्डर के साथ) और फोर-लेन में अपग्रेड किया जा रहा है।
लागत: लगभग ₹325 करोड़ (फोरलेन हिस्से के लिए)।
लंबाई: लगभग 104 किमी (झाबुआ से रतलाम)।
परियोजना कोड: एनएच 147ई
इससे पूरे क्षेत्र को लाभ होगा
रतलाम से झाबुआ तक टू लेन निर्माण की निविदा हो गई है। जनवरी से निर्माण कार्य की प्रारंभिक शुरुआत होगी। दो साल में यह रोड बनकर तैयार हो जाएगी। इससे पूरे क्षेत्र को लाभ होगा।
-अनिता चौहान, सांसद, रतलाम-झाबुआ


