चौथम में बौरने घाट पर बागमती नदी का तेज कटाव:चपेट में आए सड़क और उपजाऊ जमीन, ग्रामीणों ने की प्रशासन से की राहत – बचाव की मांग

चौथम में बौरने घाट पर बागमती नदी का तेज कटाव:चपेट में आए सड़क और उपजाऊ जमीन, ग्रामीणों ने की प्रशासन से की राहत – बचाव की मांग

खगड़िया जिले के चौथम प्रखंड की पूर्वी बौरने पंचायत स्थित जयप्रभानगर-बौरने घाट पर बागमती नदी का कटाव लगातार तेज होता जा रहा है। नदी की धार बदलने से जहां उपजाऊ कृषि भूमि बह रही है, वहीं अब जयप्रभानगर-बौरने मुख्य सड़क भी इसकी चपेट में आ गई है। स्थानीय किसानों और ग्रामीणों का कहना है कि यह कटाव कोई नया नहीं है कि पिछले कई वर्षों से यह समस्या बनी हुई है। पिछले तीन वर्षों में नदी ने आधा किलोमीटर से अधिक क्षेत्रफल और कई एकड़ उपजाऊ भूमि को अपने में समा लिया है। ग्रामीण वीर कुंवर सिंह ने बताया कि घाट के पास सड़क और खेतों का कटाव लगातार बढ़ रहा है, लेकिन इस गंभीर समस्या पर न तो प्रशासन और न ही जनप्रतिनिधियों ने कोई ठोस कदम उठाया है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से जल्द से जल्द तटबंध निर्माण या स्थायी बचाव कार्य शुरू करने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में सड़क संपर्क पूरी तरह टूट सकता है और आसपास के गांवों की बड़ी आबादी प्रभावित हो सकती है। खगड़िया जिले के चौथम प्रखंड की पूर्वी बौरने पंचायत स्थित जयप्रभानगर-बौरने घाट पर बागमती नदी का कटाव लगातार तेज होता जा रहा है। नदी की धार बदलने से जहां उपजाऊ कृषि भूमि बह रही है, वहीं अब जयप्रभानगर-बौरने मुख्य सड़क भी इसकी चपेट में आ गई है। स्थानीय किसानों और ग्रामीणों का कहना है कि यह कटाव कोई नया नहीं है कि पिछले कई वर्षों से यह समस्या बनी हुई है। पिछले तीन वर्षों में नदी ने आधा किलोमीटर से अधिक क्षेत्रफल और कई एकड़ उपजाऊ भूमि को अपने में समा लिया है। ग्रामीण वीर कुंवर सिंह ने बताया कि घाट के पास सड़क और खेतों का कटाव लगातार बढ़ रहा है, लेकिन इस गंभीर समस्या पर न तो प्रशासन और न ही जनप्रतिनिधियों ने कोई ठोस कदम उठाया है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से जल्द से जल्द तटबंध निर्माण या स्थायी बचाव कार्य शुरू करने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में सड़क संपर्क पूरी तरह टूट सकता है और आसपास के गांवों की बड़ी आबादी प्रभावित हो सकती है।  

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