राजस्थान पुलिस ने केंद्र और राज्य सरकार की कई कल्याणकारी योजनाओं में हेरफेर कर करोड़ों रुपये का वित्तीय नुकसान पहुंचाने वाले एक अंतरराज्यीय साइबर धोखाधड़ी नेटवर्क का भंड़ाफोड़ करते हुए कई राज्यों से इस गिरोह में शामिल छह और लोगों को गिरफ्तार किया। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि आरोपियों को दिल्ली, पंजाब और राजस्थान के जयपुर, भरतपुर व जोधपुर से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि राजस्थान के दौसा और फलौदी से दो सरकारी कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया।
अधिकारी के मुताबिक, ये गिरफ्तारियां झालावाड़ पुलिस द्वारा पिछले सप्ताह सरकारी कल्याणकारी योजनाओं में साइबर धोखाधड़ी पर नकेल कसने के लिए शुरू किए गए ‘ऑपरेशन शटर डाउन’ के तहत की गईं।
झालावाड़ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अमित कुमार ने बताया कि जांच में एक बेहद संगठित नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ, जिसने पीएम-किसान सम्मान निधि, जन आधार, राज्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन और आपदा प्रबंधन योजनाओं सहित कई पोर्टल तक अनधिकृत पहुंच प्राप्त की हुई थी।
उन्होंने बताया कि जांच के दौरान एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने बड़ी मात्रा में संदिग्ध लाभार्थियों का डेटा और डिजिटल उपकरण जब्त किए।
कुमार के अनुसार, इससे पहले की गई छापेमारी में 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया था और 53 लाख रुपये नकद, नोट गिनने वाली मशीनें, हजारों चेक बुक, पासबुक, एटीएम कार्ड, 35 लैपटॉप, 70 मोबाइल फोन, 11,000 संदिग्ध बैंक खातों का विवरण और महंगी गाड़ियां बरामद की गई थीं।
कुमार ने बताया कि लगभग एक करोड़ रुपये जमा राशि वाले लगभग 11,000 बैंक खातों से वित्तीय लेन-देन पर रोक लगा दी गई है।


