कोटपूतली। जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर कोटपूतली के पनियाला मोड़ से अलवर के बड़ौदामेव के बीच बनने वाला 86 किलोमीटर लंबा सुपर एक्सप्रेस हाईवे अब रफ्तार पकड़ चुका है। हाईवे का निर्माण कार्य पिछली साल शुरू हुआ था। भूमि अवाप्ति से जुड़े विवादों के कारण काम में थोड़ी देरी हुई। हालांकि, अब यह बहुप्रतीक्षित परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है। माना जा रहा है कि अगले साल तक सुपर एक्सप्रेस हाईवे का काम पूरा हो जाएगा।
कोटपूतली-पनियाला हाईवे सीधे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। सड़क मार्ग का काम पूरा होने के बाद पंजाब और हिमाचल प्रदेश से आने वाले वाहन पनियाला से सीधे दिल्ली-मुंबई हाईवे से जुड़ सकेंगे। इस परियोजना का 29 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है।
हाईवे के बनने से कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा और अलवर जिले की कनेक्टिविटी मजबूत होगी। इसके निर्माण से क्षेत्र में औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। पनियाला में यह हाईवे अम्बाला ग्रीनफील्ड हाईवे और जयपुर-दिल्ली राजमार्ग से जुड़कर मल्टी-लेन जंक्शन का हब बनेगा।

पहले चरण में 17 व दूसरे में बनेंगे 23 अंडरपास
सुपर एक्सप्रेस हाईवे प्रोजेक्ट 2 चरणों में तैयार होगा। पहले चरण में 40 किलोमीटर और दूसरे में 46 किलोमीटर तक सड़क बनेगी। पहले चरण में पनियाला से मातोर तक 17 अंडरपास बनेंगे, जबकि दूसरे चरण में मातोर से बड़ौदामेव तक 23 अंडरपास होंगे। इन अंडरपासों से वन्यजीवों, पशुओं और आमजन का आवागमन सुगम होगा। पहले चरण में पनियाला, बींजाहेडा, नांगललाखा, बटेरी, बबेरी, माजरा अहीर, काली पहाड़ी सहित अन्य गांवों में अंडरपास बनाए जाएंगे।
तीन जिलों के 55 गांव शामिल
सुपर एक्सप्रेस हाईवे में तीन जिलों के 55 गांव शामिल होंगे। इनमें कोटपूतली के 2, बानसूर के 15, मुण्डावर के 9, किशनगढ़ के 2, अलवर के 16, रामगढ़ के 9, लक्ष्मणगढ़ के 2 गांव शामिल हैं। नए हाईवे के निर्माण से कोटपूतली-बहरोड़ व आसपास के क्षेत्रों की औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होेगी। इसके निर्माण से यात्रा समय में कमी आएगी। अभी कोटपूतली से अलवर की दूरी तय करने में डेढ़ घंटे तक लग जाता है, जबकि हाईवे बनने के बाद यह दूरी मात्र 45 मिनट में तय हो सकेगी।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा हाईवे
पनियाला से बड़ौदामेव तक यह सुपर हाईवे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। पनियाला में इसकी कनेक्टिविटी अम्बाला ग्रीनफील्ड हाईवे और जयपुर-दिल्ली राजमार्ग से होगी, जबकि आने वाले समय में नीमकाथाना बायपास भी जुड़ जाएगा। इसके बनने से पनियाला में मल्टी-लेन जंक्शन हब तैयार होगा। हाईवे के कारण क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, दिल्ली और एनसीआर की सड़कों पर यातायात का दबाव कम होगा और हजारों लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

उद्योग को मिलेगा प्रोत्साहन
सड़क के दोनों ओर उद्योग और सर्विस सेक्टर को भी प्रोत्साहन मिलेगा। यह परियोजना केवल एक सड़क नहीं, बल्कि उत्तर भारत को पश्चिमी भारत से जोड़ने वाला रणनीतिक आर्थिक कॉरिडोर है, जिससे कोटपूतली–बहरोड़ सहित आसपास का क्षेत्र औद्योगिक मानचित्र पर और मजबूत होकर उभरेगा।
इनका कहना है….
हाईवे के लिए कुल 1748 हैक्टेयर भूमि अधिग्रहित की गई है। इसमें 100 मीटर चौड़ाई में सड़क निर्माण होगा, जिसमें 60 मीटर सड़क और 40 मीटर हरियाली के लिए रिजर्व किया गया है। इसके अतिरिक्त, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश से मुंबई-गुजरात जाने वाले वाहनों को दिल्ली होकर जाने की बजाय पनियाला से सीधे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से बडौदमेव पर जुड़ाव हो सकेगा। हाईवे छह लेन का होगा, जिसमें पनियाला, खैरथल और अलवर के पास तीन इंटरचेंज और दो फ्लाईओवर बनाए जाएंगे।
-बिशन शर्मा, परियोजना उप प्रबंधक


