यूपी के 31 जिलों में बारिश का अलर्ट:लखनऊ, कानपुर और आगरा में बरसात हुई, मोंथा चक्रवात 24 घंटे बाद पहुंचेगा

यूपी के 31 जिलों में बारिश का अलर्ट:लखनऊ, कानपुर और आगरा में बरसात हुई, मोंथा चक्रवात 24 घंटे बाद पहुंचेगा

यूपी में अगले 24 घंटों के लिए 31 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है। मौसम विभाग ने आंधी और तेज हवा चलने का भी अलर्ट जारी किया है। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बना दाब तेजी से एक्टिव होकर गंभीर चक्रवाती तूफान मोंथा में बदल रहा है। मोंथा चक्रवात बुधवार सुबह ओडिशा पहुंच गया है। अगले 24 घंटे में इसका असर यूपी और बिहार में भी दिखेगा। 29 से 31 अक्टूबर के बीच पूर्वांचल के कई जिलों और बुंदेलखंड में गरज-चमक के साथ बारिश के आसार हैं। 30 अक्टूबर को वाराणसी के आसपास भारी बारिश का अनुमान है। मंगलवार को लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, आगरा, मथुरा, बस्ती, कुशीनगर और अयोध्या में सुबह से रुक-रुक बारिश हुई। जौनपुर, भदोही, आजमगढ़ समेत 20 से ज्यादा जिलों में बादल छाए रहे। तस्वीरें देखिए- इस बारिश के बाद अब ठंड ज्यादा पड़ेगी
एक्सपर्ट मानते हैं कि अच्छी बारिश से ठंड भी अच्छी पड़ती है। बारिश से जमीन का तापमान ठंडा हो जाता है, जिसकी वजह से ठंड भी ज्यादा पड़ती है। हालांकि, यह सिर्फ एक फैक्टर नहीं है, जिस पर ठंड निर्भर करती है। इस बार ला-नीना के चलते वैसे ही ज्यादा ठंड पड़ने का अनुमान है। नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन यानी NOAA ने कहा है कि अक्टूबर से दिसंबर के बीच ला नीना के बनने की 71% संभावना है, जबकि दिसंबर से फरवरी के बीच यह संभावना 54% रहेगी। एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि ये भूमध्य सागर से उठने वाले बर्फीले तूफान यानी वेस्टर्न डिस्टरबेंस को और मजबूत बनाएगा। इससे उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में बहुत ज्यादा बर्फबारी होगी और मैदानी इलाकों में ठंडी हवाएं चलेंगी, कोहरा और धुंध बनी रहेगी। इस साल मानसून में कितनी बारिश हुई?
यूपी में इस साल मानसून सीजन में पश्चिम से लेकर पूर्वांचल तक जमकर बरसात देखने को मिली। इसकी वजह से मानसून सीजन में बारिश का कोटा पूरा हो गया। मानसून सीजन में ( 1 जून से 30 सितंबर) तक औसत 701.6 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि 1 से 10 अक्टूबर के बीच राज्य में 42.3 मिमी बारिश हुई। यानी पूरे सीजन में कुल 743.9 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य बारिश 746.2 के लगभग बराबर है। मानसून के चार महीने में प्रदेश के 13 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई, जबकि 30 जिलों में कोटे से सामान्य बारिश दर्ज की गई।

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