आजादी के बाद पहली बार सर्वाधिक 65% वोटिंग

बिहार में आजादी के बाद सबसे अधिक मतदान दर्ज हुआ है। गुरुवार को पहले चरण में 64.69% लोगों ने वोट डाला। इससे पहले सबसे ज्यादा मतदान वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव में हुआ था, जो 62.57% था। 121 सीटों पर 1314 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई। 18 जिलों की इन सीटों पर शाम 7 बजे तक मतदान हुआ। राज्य में कुल 3.75 करोड़ मतदाता हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने इस रिकॉर्ड मतदान के लिए बिहार के मतदाताओं को बधाई दी। वहीं, राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने बताया कि इस बार भी महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा वोट डाले हैं। उन्होंने कहा कि 121 सीटों पर 45,341 बूथों पर वोटिंग हुई। अब तक 41,943 बूथों का डेटा मिला है। शेष 3,398 बूथों से आंकड़े आने के बाद मतदान प्रतिशत और बढ़ सकता है। इस चरण में 1314 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें 1192 पुरुष और 122 महिला उम्मीदवार शामिल हैं। सभी का भाग्य ईवीएम में सील हो गया है।
बिहार में महिलाओं की वोटिंग भागीदारी लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में महिलाओं ने 60.48% मतदान किया, जबकि पुरुषों ने 53.32% वोट डाले थे। वर्ष 2020 में भी महिलाओं की वोटिंग 56.69% रही और पुरुषों की 54.45%।मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल के अनुसार, 2025 के चुनाव में भी महिलाएं पुरुषों से आगे हैं। मतगणना 14 नवंबर को होगी। डिप्टी सीएम के काफिले पर हमला, कई जगह झड़प.. पटना | वोटिंग के दौरान कई जिलों में तनाव देखने को मिला। नेताओं के काफिलों पर पथराव और चाकूबाजी की घटनाएं हुईं। 18 जिलों की 121 सीटों पर हुए मतदान में पुलिस ने कुल 1647 गिरफ्तार किए गए। 16 वाहन जब्त किए गए। शेष पेज 11 पर पढ़ें रेगुलर फ्रंट पेज भी बिहार में पड़े वोटों को ऐसे समझिए बिहार के वोटिंग परसेंटेज को समझना बड़ी टेढ़ी खीर है। एक बात साफ दिखती है कि जब- जब लालू आए वोटिंग परसेंटेज 60 से ऊपर रहा और जब भी नीतीश आए, यह प्रतिशत हमेशा 60 से नीचे रहा। लेकिन इसमें कई तरह के पेच हैं। लालू जब 1990 में पहली बार सत्ता में आए तो यह प्रतिशत पहली बार 60 से ऊपर यानी 62.04 रहा। लेकिन 1995 में वे लगभग इतने ही (61.79) वोट प्रतिशत में रिपीट हो गए। 2000 में तो तब का पहली बार का भारी मतदान (62.57) हुआ और लालू फिर रिपीट हो गए। आश्चर्यजनक यह है कि नीतीश जब 2005 में पहली बार आए तो सत्ता परिवर्तन मात्र 46.5 प्रतिशत में हो गया। फिर वे इससे भी कम कुल 45. 85 प्रतिशत वोटिंग में रिपीट हो गए। 2010 से 2020 तक लगातार वोट प्रतिशत बढ़ रहा है। फिर भी नीतीश रिपीट हो रहे हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि ज्यादा या कम वोट प्रतिशत से जीत-हार का अनुमान लगाना मुश्किल है। बिहार में इस बार पड़ा ज्यादा वोट सत्ता के समर्थन का है या सत्ता के प्रति गुुस्से का, यह तो चुनाव परिणाम आने पर ही पता चलेगा। बड़े चेहरों की सीट पर भी ज्यादा वोटिंग, फिर भी किस्मत दांव पर प्रत्याशी दल सीट 2020 2025 तेजस्वी यादव राजद राघोपुर 58.3% 66.24% सम्राट चौधरी (उप मु.) भाजपा तारापुर 55.00% 66.88% विजय सिन्हा (उप मु.) भाजपा लखीसराय 52.78% 63.46% विजय चौधरी जदयू सरायरंजन 60.86% 73.33% अनंत सिंह जदयू मोकामा 54.01% 64.00% मैथिली ठाकुर भाजपा अलीनगर 57.40% 60.18% खेसारी लाल राजद छपरा 50.99% 58.61% 4 लाख की टीम तैनात थी इन 121 सीटों पर 68 हजार पोलिंग एजेंट, 90 हजार जीविका दीदी, हर मतदान केंद्र पर एक जवान तैनात किया गया था। करीब 4 लाख चुनावकर्मी मैदान में थे। यशवंत देशमुख, फाउंडर एडिटर सी-वोट कोई घायल नहीं हुआ, कहीं गोलीबारी नहीं हुई : एडीजी 121 सीटों पर पिछले चुनाव से कितना घटा-बढ़ा वोट: पढ़ें इनसाइड व पटना फ्रंट पेज पटना| फुलवारीशरीफ में चलने में असमर्थ 80 साल की वृद्धा सोनाकलिया को जवान सिर पर उठाकर जानीपुर बूथ ले गया। महिलाओं का अधिक वोट देना नीतीश को फायदा बिहार के पहले चरण मे ऐतिहासिक वोट पोल होने का मतलब है चुनाव आयोग के एसआईआर समेत अन्य प्रक्रियाओं पर वोटरों को पूरा भरोसा है। अगर वोटर एसआईआर से नाराज होते तो फिर इतने वोट कैसे होते? महिलाओं का पुरुष के मुकाबले अधिक वोट नीतीश कुमार को लिए फायदा है। अगर युवाओं ने रोजगार के नाम पर अधिक वोट दिए तो इससे तेजस्वी को लाभ है। वहीं परिवर्तन के नाम पर वोट पड़ा तो यह प्रशांत किशोर के नैरेटिव का असर है। सबसे ज्यादा वोटिंग: मुजफ्फरपुर 71.41%सबसे कम मतदान: पटना 58.40% पहला चरण: मतदान में महिलाओं की भागीदारी इस बार भी पुरुषों से ज्यादा इस जज्बे से रिकॉर्ड वोटिंग बिहार में आजादी के बाद सबसे अधिक मतदान दर्ज हुआ है। गुरुवार को पहले चरण में 64.69% लोगों ने वोट डाला। इससे पहले सबसे ज्यादा मतदान वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव में हुआ था, जो 62.57% था। 121 सीटों पर 1314 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई। 18 जिलों की इन सीटों पर शाम 7 बजे तक मतदान हुआ। राज्य में कुल 3.75 करोड़ मतदाता हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने इस रिकॉर्ड मतदान के लिए बिहार के मतदाताओं को बधाई दी। वहीं, राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने बताया कि इस बार भी महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा वोट डाले हैं। उन्होंने कहा कि 121 सीटों पर 45,341 बूथों पर वोटिंग हुई। अब तक 41,943 बूथों का डेटा मिला है। शेष 3,398 बूथों से आंकड़े आने के बाद मतदान प्रतिशत और बढ़ सकता है। इस चरण में 1314 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें 1192 पुरुष और 122 महिला उम्मीदवार शामिल हैं। सभी का भाग्य ईवीएम में सील हो गया है।
बिहार में महिलाओं की वोटिंग भागीदारी लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में महिलाओं ने 60.48% मतदान किया, जबकि पुरुषों ने 53.32% वोट डाले थे। वर्ष 2020 में भी महिलाओं की वोटिंग 56.69% रही और पुरुषों की 54.45%।मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल के अनुसार, 2025 के चुनाव में भी महिलाएं पुरुषों से आगे हैं। मतगणना 14 नवंबर को होगी। डिप्टी सीएम के काफिले पर हमला, कई जगह झड़प.. पटना | वोटिंग के दौरान कई जिलों में तनाव देखने को मिला। नेताओं के काफिलों पर पथराव और चाकूबाजी की घटनाएं हुईं। 18 जिलों की 121 सीटों पर हुए मतदान में पुलिस ने कुल 1647 गिरफ्तार किए गए। 16 वाहन जब्त किए गए। शेष पेज 11 पर पढ़ें रेगुलर फ्रंट पेज भी बिहार में पड़े वोटों को ऐसे समझिए बिहार के वोटिंग परसेंटेज को समझना बड़ी टेढ़ी खीर है। एक बात साफ दिखती है कि जब- जब लालू आए वोटिंग परसेंटेज 60 से ऊपर रहा और जब भी नीतीश आए, यह प्रतिशत हमेशा 60 से नीचे रहा। लेकिन इसमें कई तरह के पेच हैं। लालू जब 1990 में पहली बार सत्ता में आए तो यह प्रतिशत पहली बार 60 से ऊपर यानी 62.04 रहा। लेकिन 1995 में वे लगभग इतने ही (61.79) वोट प्रतिशत में रिपीट हो गए। 2000 में तो तब का पहली बार का भारी मतदान (62.57) हुआ और लालू फिर रिपीट हो गए। आश्चर्यजनक यह है कि नीतीश जब 2005 में पहली बार आए तो सत्ता परिवर्तन मात्र 46.5 प्रतिशत में हो गया। फिर वे इससे भी कम कुल 45. 85 प्रतिशत वोटिंग में रिपीट हो गए। 2010 से 2020 तक लगातार वोट प्रतिशत बढ़ रहा है। फिर भी नीतीश रिपीट हो रहे हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि ज्यादा या कम वोट प्रतिशत से जीत-हार का अनुमान लगाना मुश्किल है। बिहार में इस बार पड़ा ज्यादा वोट सत्ता के समर्थन का है या सत्ता के प्रति गुुस्से का, यह तो चुनाव परिणाम आने पर ही पता चलेगा। बड़े चेहरों की सीट पर भी ज्यादा वोटिंग, फिर भी किस्मत दांव पर प्रत्याशी दल सीट 2020 2025 तेजस्वी यादव राजद राघोपुर 58.3% 66.24% सम्राट चौधरी (उप मु.) भाजपा तारापुर 55.00% 66.88% विजय सिन्हा (उप मु.) भाजपा लखीसराय 52.78% 63.46% विजय चौधरी जदयू सरायरंजन 60.86% 73.33% अनंत सिंह जदयू मोकामा 54.01% 64.00% मैथिली ठाकुर भाजपा अलीनगर 57.40% 60.18% खेसारी लाल राजद छपरा 50.99% 58.61% 4 लाख की टीम तैनात थी इन 121 सीटों पर 68 हजार पोलिंग एजेंट, 90 हजार जीविका दीदी, हर मतदान केंद्र पर एक जवान तैनात किया गया था। करीब 4 लाख चुनावकर्मी मैदान में थे। यशवंत देशमुख, फाउंडर एडिटर सी-वोट कोई घायल नहीं हुआ, कहीं गोलीबारी नहीं हुई : एडीजी 121 सीटों पर पिछले चुनाव से कितना घटा-बढ़ा वोट: पढ़ें इनसाइड व पटना फ्रंट पेज पटना| फुलवारीशरीफ में चलने में असमर्थ 80 साल की वृद्धा सोनाकलिया को जवान सिर पर उठाकर जानीपुर बूथ ले गया। महिलाओं का अधिक वोट देना नीतीश को फायदा बिहार के पहले चरण मे ऐतिहासिक वोट पोल होने का मतलब है चुनाव आयोग के एसआईआर समेत अन्य प्रक्रियाओं पर वोटरों को पूरा भरोसा है। अगर वोटर एसआईआर से नाराज होते तो फिर इतने वोट कैसे होते? महिलाओं का पुरुष के मुकाबले अधिक वोट नीतीश कुमार को लिए फायदा है। अगर युवाओं ने रोजगार के नाम पर अधिक वोट दिए तो इससे तेजस्वी को लाभ है। वहीं परिवर्तन के नाम पर वोट पड़ा तो यह प्रशांत किशोर के नैरेटिव का असर है। सबसे ज्यादा वोटिंग: मुजफ्फरपुर 71.41%सबसे कम मतदान: पटना 58.40% पहला चरण: मतदान में महिलाओं की भागीदारी इस बार भी पुरुषों से ज्यादा इस जज्बे से रिकॉर्ड वोटिंग  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *