भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को कैमूर जिला मुख्यालय भभुआ में विरोध जुलूस निकाला। यह प्रदर्शन पार्टी की केंद्रीय कमेटी के आह्वान पर किया गया। माले के जिला महामंत्री रंगलाल पासवान ने केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों पर हमला बोला। पासवान ने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को एक सोची-समझी साजिश के तहत खत्म कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा को महात्मा गांधी के नाम से घबराहट होने लगी है। मनरेगा के तहत गरीब काम की मांग करते थे और काम न मिलने पर उन्हें बेरोजगारी भत्ता मिलता था, लेकिन अब इस अधिकार को छीना जा रहा है। प्रदेश में ‘बुलडोजर राज’ कायम किया जा रहा उन्होंने बिहार की नीतीश सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि प्रदेश में ‘बुलडोजर राज’ कायम कर गरीबों को परेशान किया जा रहा है। पासवान ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के उल्लंघन का आरोप लगाया। उनके अनुसार, कोर्ट ने कहा है कि यदि कोई गरीब सड़क किनारे या सरकारी जमीन पर बसा है और उसके पास भूमि नहीं है, तो उसे उजाड़ने से पहले वैकल्पिक व्यवस्था या जमीन दी जानी चाहिए। इसके विपरीत, प्रशासन बिना किसी जांच या विकल्प के गरीबों के घरों को उजाड़कर उनमें डर पैदा कर रहा है। माले नेता ने स्पष्ट किया कि यह जुलूस एक चेतावनी है। उन्होंने घोषणा की कि आगामी 5 जनवरी को जिले में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसमें बड़ी संख्या में लोग जुटेंगे और जिलाधिकारी (डीएम) को अपनी मांगों का एक ज्ञापन सौंपेंगे। भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को कैमूर जिला मुख्यालय भभुआ में विरोध जुलूस निकाला। यह प्रदर्शन पार्टी की केंद्रीय कमेटी के आह्वान पर किया गया। माले के जिला महामंत्री रंगलाल पासवान ने केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों पर हमला बोला। पासवान ने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को एक सोची-समझी साजिश के तहत खत्म कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा को महात्मा गांधी के नाम से घबराहट होने लगी है। मनरेगा के तहत गरीब काम की मांग करते थे और काम न मिलने पर उन्हें बेरोजगारी भत्ता मिलता था, लेकिन अब इस अधिकार को छीना जा रहा है। प्रदेश में ‘बुलडोजर राज’ कायम किया जा रहा उन्होंने बिहार की नीतीश सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि प्रदेश में ‘बुलडोजर राज’ कायम कर गरीबों को परेशान किया जा रहा है। पासवान ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के उल्लंघन का आरोप लगाया। उनके अनुसार, कोर्ट ने कहा है कि यदि कोई गरीब सड़क किनारे या सरकारी जमीन पर बसा है और उसके पास भूमि नहीं है, तो उसे उजाड़ने से पहले वैकल्पिक व्यवस्था या जमीन दी जानी चाहिए। इसके विपरीत, प्रशासन बिना किसी जांच या विकल्प के गरीबों के घरों को उजाड़कर उनमें डर पैदा कर रहा है। माले नेता ने स्पष्ट किया कि यह जुलूस एक चेतावनी है। उन्होंने घोषणा की कि आगामी 5 जनवरी को जिले में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसमें बड़ी संख्या में लोग जुटेंगे और जिलाधिकारी (डीएम) को अपनी मांगों का एक ज्ञापन सौंपेंगे।


