सागर| डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के डायरेक्ट एकेडमिक अफेयर्स यानी डोआ पद से प्रो. विनोद भारद्वाज को हटा दिया गया है। वे 28 अगस्त 2025 में ही डोआ बनाए गए थे। उनका कार्यकाल तीन साल का था। परंतु उन्हें महज 4 माह में ही हटा दिया गया। इसके पीछे की वजह को लेकर विवि में चर्चा है कि कुछ दिन पहले कुलपति की मौजूदगी में विवि के ही एक बड़े अधिकारी से उनकी बहस हो गई थी। संभवत: इसी के चलते उन्हें इस पद से हटाया गया। हालांकि विवि प्रशासन द्वारा जारी आदेश में इस तरह का कोई जिक्र नहीं है। नए आदेश में मानविकी एवं समाज विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता प्रो. दिवाकर सिंह राजपूत को डोआ बनाया गया है। इसके बाद प्रो. राजपूत ने पदभार भी ग्रहण कर लिया। प्रो. राजपूत ने कुलपति प्रो. वायएस ठाकुर से मिलकर आगामी कार्ययोजनाओं पर चर्चा की। डोआ विवि का डीएसडब्ल्यू के बाद वह महत्वपूर्ण पद है, जिससे विद्यार्थियों का सबसे ज्यादा व सीधा संपर्क होता है।


