अदिम जनजाति समुदाय को मनरेगा से हर साल मिलेगा 150 दिन का रोजगार

{ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने दी प्रस्ताव पर मंजूरी राज्य में आदिम जनजाति समूह के लोगों को मनरेगा में अब सालभर में 150 दिन का रोजगार मिलेगा। करीब 74 हजार परिवारों को इसका लाभ मिलेगा। अभी सभी समुदायों के लोगों के लिए एक साल में 100 दिनों के रोजगार की गारंटी देने का प्रावधान है। पलायन को देखते हुए राज्य सरकार ने आदिम जनजाति समूह के लोगों को 100 दिन के अलावा 50 दिन का अतिरिक्त रोजगार देने का फैसला लिया है। ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने विभाग के इस प्रस्ताव पर अपनी स्वीकृति दे दी है। विभाग ने अब इसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एक आकलन के मुताबिक आदिम जनजाति परिवारों को 50 दिन का अतिरिक्त रोजगार मुहैया कराने पर हर साल करीब 100 करोड़ रुपए अतिरिक्त भुगतान होगा। हर साल कम हो रही मनरेगा मजदूरों की संख्या वर्ष 2023-24 में झारखंड में करीब 35 लाख परिवारों ने मनरेगा में काम की मांग की थी, जिनमें से करीब 21.8 लाख मानव दिवस रोजगार मिले थे वर्ष 2024-25 में यह संख्या करीब 20.2 लाख थी। यह योजना विशेष रूप से अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति वर्ग के लिए उपयोगी सिद्ध हुई है। राज्य में अभी 74 हजार आदिम जनजाति परिवार झारखंड में सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने करीब 74 हजार आदिम जनजाति परिवार की पहचान की है। सामाजिक-आर्थिक रूप से कमजोर और जंगल व पारंपरिक आजीविका पर निर्भर है । वर्तमान में इन्हें रोज 282 रुपए की मजदूरी मिलती है। 50 दिन अतिरिक्त रोजगार मिलने से आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। ये होगा लाभ… आदिम जनजाति समुदाय को अतिरिक्त रोजगार मिलने से पलायन की समस्या में कमी आएगी। पोषण स्तर में सुधार होगा एवं वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होगी। इन समुदायों की सामाजिक आर्थिक स्थिति में स्थाई सुधार आएगा। मनरेगा में ग्रामीण परिवारों को हर वित्तीय वर्ष में 100 दिन के रोजगार की गारंटी दी जाती है। मनरेगा केंद्रीय योजना है। छत्तीसगढ़ में मनरेगा मजदूरों को 100 दिन के अलावा 50 अतिरिक्त दिन रोजगार देने का प्रावधान हुआ है। इसी तरह आ​ेडिशा में पलायन संभावित प्रखंडों में मनरेगा के तहत रोजगार चाहने वालों को 100 दिनों के अतिरिक्त 100 दिनों का और रोजगार देने का प्रावधान किया गया है। अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराने पर होने वाले अतिरिक्त खर्च का वहन राज्य सरकार करती है। झारखंड सरकार अब उसी तर्ज पर आदिम जनजाति परिवारों के लिए 50 अतिरिक्त मानव दिवस के रोजगार का अवसर देने की व्यवस्था कर रही है।

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