क्रिकेट जगत में 14 साल की उम्र में एंट्री लेने वाले बिहार के वैभव सूर्यवंशी को आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सम्मानित किया है। अब तक कई रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले वैभव को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिला है। वैभव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी करेंगे। अवॉर्ड देने के बाद अपने भाषण में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वैभव सूर्यवंशी की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘वैभव सूर्यवंशी ने कड़ी प्रतिस्पर्धा और अनेक प्रतिभा वाले क्रिकेट जगत में अपनी पहचान बनाई है। अनेक रिकॉर्ड्स अपने नाम किए हैं। मुझे विश्वास है कि आपके जैसे प्रतिभाशाली बच्चे निरंतर अच्छा काम करते रहेंगे। ये तो अभी शुरुआत है। आपको देखकर बाकी बच्चे सीखेंगे और फॉलो करेंगे। इस सम्मान समारोह में शामिल होने के लिए वैभव बुधवार को ही दिल्ली रवाना हो गए ते। इसलिए विजय हजारे ट्रॉफी में आज मणिपुर के खिलाफ दूसरा मुकाबला नहीं खेल रहे। हाल ही में हुए अंडर-19 वर्ल्ड-कप में वैभव ने सबसे ज्यादा छक्के मारे थे। विजय हजारे ट्रॉफी में तोड़ा 39 साल का रिकॉर्ड बिहार के वैभव सूर्यवंशी ने 2 दिन पहले विजय हजारे ट्रॉफी में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया। वैभव बिहार के लिए प्लेट ग्रुप मैच में खेल रहे थे। रांची के JSCA ओवल ग्राउंड में वैभव ने सिर्फ 36 गेंदों में अपना शतक पूरा किया। जबकि, बिहार के कप्तान साकिबुल गनी ने 32 बॉल और झारखंड से ईशान किशन ने 33 बॉल पर शतक लगाया। इसके साथ ही वैभव लिस्ट-A क्रिकेट में शतक लगाने वाले दुनिया के सबसे युवा खिलाड़ी बन गए। उन्होंने पाकिस्तान के जहूर इलाही का 39 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। जहूर इलाही ने साल 1986 में विल्स कप के दौरान पाकिस्तान ऑटोमोबाइल्स की ओर से खेलते हुए रेलवे के खिलाफ लिस्ट-A क्रिकेट में शतक जड़ा था। उस समय उनकी उम्र सिर्फ 15 साल 209 दिन थी और वे लिस्ट-A में सबसे कम उम्र में शतक लगाने वाले खिलाड़ी बन गए थे। वैभव सूर्यवंशी ने 84 गेंदों में बनाए 190 रन वैभव ने उन्होंने 84 बॉल पर 190 रन बनाए। वैभव बिहार टीम के उप-कप्तान भी हैं। उन्होंने अपनी पारी में अब तक 16 चौके और 15 छक्के लगाए। उन्होंने 12वें ओवर की पहली गेंद पर एक रन लेकर अपना शतक पूरा किया। वैभव ने सबसे तेज 150 रन बनाते हुए उन्होंने साउथ अफ्रीका के एबी डिविलियर्स और इंग्लैंड के जोस बटलर को पछाड़ दिया। यूथ वनडे में रिकॉर्ड सिक्स लगा चुके हैं वैभव बिहार के वैभव सूर्यवंशी ने UAE के खिलाफ 14 सिक्स लगाकर रिकॉर्ड बना चुके हैं। U-19 एशिया कप में उन्होंने 95 गेंदों पर 171 रन बना दिए। 180 की स्ट्राइक रेट से खेली गई इस इनिंग में वैभव ने 14 छक्कों के साथ 9 चौके भी लगाए। इसी के साथ वे यूथ वनडे में सबसे ज्यादा सिक्स लगाने वाले बल्लेबाज बन गए। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के माइकल हिल का 2008 में बना 12 सिक्स वाला रिकॉर्ड तोड़ दिया। वैभव ने महज 56 गेंदों में सेंचुरी पूरी की। उनकी बैटिंग के दम पर भारत ने यूथ वनडे में अपना सबसे बड़ा स्कोर खड़ा किया। टीम ने 433 रन बनाए, जो पिछले साल ढाका द्वारा स्कॉटलैंड के खिलाफ बनाए 425 रन के रिकॉर्ड से ज्यादा है। वैभव के साथ एरोन जॉर्ज और विहान मल्होत्रा ने भी 69-69 रन की अहम पारियां खेलीं। मैच के दौरान वैभव की कुछ तस्वीरें देखिए… वैभव सूर्यवंशी के टॉप-3 रिकॉर्ड वैभव मुश्ताक अली में शतक लगाने वाले यंगेस्ट बैटर: वैभव ने 10 दिन पहले सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी शतक लगाया था। 14 साल के वैभव टूर्नामेंट में सबसे कम उम्र में शतक लगाने वाले बल्लेबाज बने थे। उन्होंने 2 दिसंबर को ईडन गार्डन्स में महाराष्ट्र के खिलाफ 61 गेंदों में नाबाद 108 रन बनाए, जिसमें 7 चौके और 7 छक्के शामिल थे। साथ ही वैभव 14 की उम्र में 3 टी-20 सेंचुरी लगाने वाले इकलौते प्लेयर हैं। वैभव IPL में फिफ्टी लगाने वाले यंगेस्ट प्लेयर: वैभव सूर्यवंशी IPL में फिफ्टी लगाने वाले सबसे कम उम्र के प्लेयर बने। उन्होंने मात्र 14 साल और 32 दिन में अर्धशतक लगाया। सेकेंड पोजिशन पर कप्तान रियान पराग है, उन्होंने 17 साल 175 दिन में 2019 में फिफ्टी लगाई थी। वैभव टी-20 में शतक लगाने वाले यंगेस्ट बैटर: टी-20 क्रिकेट में अब तक के सबसे युवा शतक लगाने वाले खिलाड़ियों में वैभव सूर्यवंशी का नाम सबसे ऊपर आता है। उन्होंने 14 साल 32 दिन की उम्र में राजस्थान रॉयल्स के लिए गुजरात टाइटंस के खिलाफ 35 बॉल में शतक पूरा किया। इसके बाद, विजय जोल ने 18 साल 118 दिन में महाराष्ट्र के लिए मुंबई के खिलाफ 2013 में शतक लगाया था। अब जानिए वैभव सूर्यवंशी की पूरी कहानी पिता ने जमीन बेचकर क्रिकेट एकेडमी जॉइन कराई वैभव सूर्यवंशी समस्तीपुर जिले के ताजपुर के रहने वाले हैं। 27 मार्च 2011 को जन्मे वैभव ने 7 साल की उम्र में अपने पिता संजीव के गाइडेंस में क्रिकेट खेलना शुरू किया। बेटे का क्रिकेट के प्रति लगाव देखकर संजीव ने वैभव की ट्रेनिंग के लिए जमीन बेच दी। उन्होंने जेनिथ क्रिकेट एकेडमी समस्तीपुर से ट्रेनिंग शुरू की। 9 साल की उम्र में क्रिकेट एकेडमी से जुड़े वैभव बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। वह घर पर ही 2 साल तक क्रिकेट खेलते रहे। 9 साल की उम्र में पिता समस्तीपुर के क्रिकेट एकेडमी में लेकर गए। वैभव ने यहां 3 साल तक खेला। फिर उनके पिता उन्हें पटना के संपतचक स्थित जेन एक्स क्रिकेट एकेडमी में लेकर आ गए। 10 साल की उम्र में ही वैभव ने बड़े-बड़े मैच खेले और रन बनाने भी शुरू कर दिए। चिलचिलाती धूप में रोज करते थे प्रैक्टिस वैभव समस्तीपुर के पटेल मैदान में प्रैक्टिस करते थे। उनके कोच ब्रजेश ने बताते हैं- ‘वैभव काफी मेहनत करता था। उसका एकेडमी में 5 से 6 घंटे स्पेशल टाइम रहता था। इस दौरान सीनियर भी उसके साथ प्रैक्टिस करते थे। गर्मी के महीने में भी सुबह 10 बजे से शाम 3:30 बजे तक वह अपने सेशन में प्रैक्टिस करता था, जिसका रिजल्ट आज हमें देखने को मिल रहा है। वह जल्दी रेस्ट करते नहीं दिखेगा। हमेशा वह अपने आप को प्रैक्टिस में रखता है।’ वैभव के कोच के मुताबिक, ‘उनके पिता संजीव उन्हें मैच दिखाने के लिए हर दूसरे दिन 100 किमी दूर ले जाते थे। वैभव जब भी एक्स्ट्रा ट्रेनिंग करते थे, उनके पिता संजीव उनके अलावा सभी 10 साथी खिलाड़ियों के लिए भी टिफिन पैक करके लाते थे, क्योंकि उसके साथी गेंदबाज उसे बॉलिंग करने के लिए एक्स्ट्रा टाइम देते थे।’ वेस्टइंडीज प्लेयर को मानते हैं अपना आइडल भास्कर से बातचीत में अपनी क्रिकेट की रुचि को लेकर वैभव ने कहा था- ‘मुझे बचपन से ही क्रिकेट पसंद था। मेरे पापा भी क्रिकेट खेलते थे। उनका भी सपना क्रिकेट में नाम कमाना था। मैं भी बचपन से अच्छा क्रिकेट खेलता था।‘ ‘मेरे पापा भी चाहते थे कि इस फील्ड में मैं आगे बढ़ूं। मैं वेस्ट इंडीज के प्लेयर ब्रायन लारा को अपना आइडल मानता हूं। आगे मैं सीनियर क्रिकेट टीम में अपनी जगह बनाकर देश के लिए खेलना चाहता हूं। यही मेरा सपना है।’ उम्र को लेकर विवाद में घिरे वैभव की उम्र को लेकर चर्चाएं होती रही हैं। कुछ रिपोर्टों में ये दावा किया गया है कि उनकी उम्र और उनके स्टेटमेंट में फर्क है। हालांकि, उनके पिता ने उनकी सही उम्र के लिए मेडिकल टेस्ट करवाया जिसके मुताबिक उनकी उम्र को सही मान लिया गया है। वैभव के स्टेट कोच प्रमोद कुमार ने अपने एक इंटरव्यू में उन्हें एक शांत लड़का बताया जो अपने क्रिकेट से प्यार करता है। उनके मुताबिक, वह उस तरह के खिलाड़ी हैं जो क्रिकेट खेलने के लिए धरती पर आए हैं। उन्हें किसी और चीज की जरूरत नहीं है।


