2027 World Cup की तैयारी: दक्षिण अफ्रीकी पिचों के लिए टीम इंडिया की नई रणनीति, गंभीर ने खोला राज

2027 World Cup की तैयारी: दक्षिण अफ्रीकी पिचों के लिए टीम इंडिया की नई रणनीति, गंभीर ने खोला राज
बीते डेढ़ साल में भारत ने ज्यादातर वनडे मुकाबले एशियाई पिचों पर खेले हैं, ऐसे में 2027 वर्ल्ड कप से पहले टीम कॉम्बिनेशन पर नए सिरे से सोचने की जरूरत बढ़ गई है। बता दें कि यह टूर्नामेंट दक्षिण अफ्रीका की उछालभरी और तेज़ पिचों पर खेला जाएगा, जहां उपमहाद्वीप जैसी परिस्थितियाँ बिल्कुल नहीं मिलने वाली हैं। मौजूद जानकारी के अनुसार, भारतीय टीम प्रबंधन इस तथ्य को लेकर पहले ही सतर्क है और तैयारी का ढांचा तय करने में जुट चुका है।
घरेलू मैदानों पर सीरीज जीतना टीम इंडिया के लिए सामान्य बात मानी जाती है, लेकिन विशाखापट्टनम में मिली बड़ी जीत ने हालिया असफलताओं के बाद ड्रेसिंग रूम का मनोबल स्थिर किया है। गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज हारने और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टेस्ट श्रृंखला में क्लीन स्वीप झेलने के बाद सवाल लगातार उठ रहे थे। ऐसे माहौल में मुख्य कोच गौतम गंभीर ने आलोचकों को सीधे जवाब देते हुए साफ कहा कि अभी इस वनडे टीम का अंतिम स्वरूप सामने नहीं आया है और 2027 तक इसका संतुलन पूरी तरह तय कर लिया जाएगा।
पिछले कई मुकाबलों में रोहित शर्मा और विराट कोहली ने यह साबित किया है कि वे अब भी भारतीय वनडे बैटिंग की मजबूत धुरी हैं। उनकी रन बनाने की निरंतर क्षमता ने चयनकर्ताओं के मन में यह स्पष्ट संदेश छोड़ा है कि फिलहाल उनसे आगे बढ़ने की कोई गुंजाइश नहीं दिखाई देती। हालांकि, निचले क्रम की बल्लेबाज़ी को लेकर चिंताएँ बनी हुई हैं। अंतिम ओवरों में रन गति बढ़ाने की कमी साफ देखी गई है और रविंद्र जडेजा तथा वॉशिंगटन सुंदर की पावर-हिटिंग क्षमता को लेकर सवाल उठते रहे हैं।
बता दें कि ऋतुराज गायकवाड़ को हाल ही में श्रेयस अय्यर की जगह नंबर-4 पर उतारने का प्रयोग सफल रहा, लेकिन लगातार बैटिंग क्रम बदलने की रणनीति हर बार टीम को स्थिरता नहीं दे पाती। पूर्व चयनकर्ता देवांग गांधी का मानना है कि 2019 विश्व कप के दौरान नंबर-4 स्लॉट पर तय योजना न होने का नुकसान टीम ने झेला था और वही गलती दोहराने की गुंजाइश नहीं है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि ऋषभ पंत को पर्याप्त मैच समय दिया जाना चाहिए, ताकि किसी भी आकस्मिक चोट की स्थिति में बैकअप खिलाड़ियों को अनुभव की कमी न झेलनी पड़े हैं।
तेज गेंदबाज़ी विभाग पर भी संतुलन साधने की चुनौती बनी हुई है। जसप्रीत बुमराह के अलावा अन्य तेज विकल्पों के अनुभव की कमी स्पष्ट है। प्रसिद्ध कृष्णा की अनियमितता और मोहम्मद सिराज के चयन पर उठे सवालों ने पेस अटैक की गहराई की ओर ध्यान खींचा है। गंभीर ने संकेत दिया कि हरशित राणा को नंबर 8 पर ऑलराउंड क्षमता देने वाले खिलाड़ी के रूप में तैयार किया जा रहा है, क्योंकि दक्षिण अफ्रीकी पिचों पर तीन से चार तेज गेंदबाज़ों के साथ उतरने की रणनीति लगभग तय मानी जा रही है।
पूर्व विकेटकीपर दीप दासगुप्ता ने यह चिंता भी जताई कि हार्दिक पंड्या की फिटनेस पर अत्यधिक निर्भरता जोखिमपूर्ण हो सकती है। उन्होंने कहा कि अगर हार्दिक उपलब्ध न हों, तो मध्यम ओवरों में बैटिंग और सीम बॉलिंग संतुलन संभालने वाला विकल्प पहले से तैयार रखना ही समझदारी होगी। वहीं यह राय भी सामने आई कि केएल राहुल को तेज पिचों पर शीर्ष क्रम में थोड़ा ऊपर बैटिंग कराई जा सकती है, जिससे आक्रामक शुरुआत के बाद स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलेगी।
कुल मिलाकर, टीम प्रबंधन फिलहाल घरेलू जीतों की चमक से आगे देख रहा है और 2027 विश्व कप के लिहाज से संयोजन तैयार करने की दिशा में कदम बढ़ा चुका है। बता दें कि अगले कुछ महीनों में सीमित संख्या में वनडे मुकाबले ही खेले जाने हैं, इसलिए खिलाड़ियों का पूल तय करने और भूमिकाएँ स्पष्ट करने का निर्णय अभी से सबसे अहम माना जा रहा है, ताकि किसी भी परिस्थिति में टीम तैयार और संतुलित रह सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *