जमुई सदर अस्पताल एक बार फिर अपनी अव्यवस्थाओं को लेकर चर्चा में है। मंगलवार सुबह इमरजेंसी वार्ड में एक घंटे से अधिक समय तक बिजली गुल रही, जिसके कारण मरीजों का इलाज मोबाइल टॉर्च की रोशनी में करना पड़ा। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। बिजली गुल होने के कारण डॉक्टरों और उनके सहयोगियों को मोबाइल फोन की टॉर्च जलाकर मरीजों का उपचार करना पड़ा। इस दौरान आग से झुलसे एक युवक का इलाज भी मोबाइल की रोशनी में किया गया, जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियां उजागर हुईं। बिजली आपूर्ति में तकनीकी खराबी के कारण समस्या बताया जा रहा है कि बिजली आपूर्ति में तकनीकी खराबी के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई। हालांकि, अस्पताल में महंगा जनरेटर मौजूद होने के बावजूद उसे चालू नहीं किया गया, जिससे इमरजेंसी वार्ड अंधेरे में डूबा रहा। यह स्थिति अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही को दर्शाती है। चार से पांच मोबाइल टॉर्च की रोशनी में डॉक्टर मरीज का कर रहे उपचार वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है कि चार से पांच मोबाइल टॉर्च की रोशनी में डॉक्टर मरीज का उपचार कर रहे हैं। मरीज के परिजन नुनु खान ने बताया कि बिजली न होने के कारण अंधेरे में ही इलाज किया गया, जिससे मरीज, डॉक्टर और कर्मचारियों सभी को काफी परेशानी हुई। तकनीकी समस्या के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हुई थी सदर अस्पताल के मैनेजर रमेश पांडेय ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि तकनीकी समस्या के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हुई थी, जिसे जल्द ही ठीक कर लिया गया। हालांकि, इस घटना ने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था की आपातकालीन स्थितियों से निपटने की क्षमता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जमुई सदर अस्पताल एक बार फिर अपनी अव्यवस्थाओं को लेकर चर्चा में है। मंगलवार सुबह इमरजेंसी वार्ड में एक घंटे से अधिक समय तक बिजली गुल रही, जिसके कारण मरीजों का इलाज मोबाइल टॉर्च की रोशनी में करना पड़ा। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। बिजली गुल होने के कारण डॉक्टरों और उनके सहयोगियों को मोबाइल फोन की टॉर्च जलाकर मरीजों का उपचार करना पड़ा। इस दौरान आग से झुलसे एक युवक का इलाज भी मोबाइल की रोशनी में किया गया, जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियां उजागर हुईं। बिजली आपूर्ति में तकनीकी खराबी के कारण समस्या बताया जा रहा है कि बिजली आपूर्ति में तकनीकी खराबी के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई। हालांकि, अस्पताल में महंगा जनरेटर मौजूद होने के बावजूद उसे चालू नहीं किया गया, जिससे इमरजेंसी वार्ड अंधेरे में डूबा रहा। यह स्थिति अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही को दर्शाती है। चार से पांच मोबाइल टॉर्च की रोशनी में डॉक्टर मरीज का कर रहे उपचार वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है कि चार से पांच मोबाइल टॉर्च की रोशनी में डॉक्टर मरीज का उपचार कर रहे हैं। मरीज के परिजन नुनु खान ने बताया कि बिजली न होने के कारण अंधेरे में ही इलाज किया गया, जिससे मरीज, डॉक्टर और कर्मचारियों सभी को काफी परेशानी हुई। तकनीकी समस्या के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हुई थी सदर अस्पताल के मैनेजर रमेश पांडेय ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि तकनीकी समस्या के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हुई थी, जिसे जल्द ही ठीक कर लिया गया। हालांकि, इस घटना ने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था की आपातकालीन स्थितियों से निपटने की क्षमता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।


