औरंगाबाद में बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतदानकर्मी, पीठासीन पदाधिकारी, पुलिसकर्मी EVM और VVPAT मशीनों के साथ अपने-अपने आवंटित बूथों पर रवाना हो गए हैं। 11 नवंबर को औरंगाबाद जिले के 6 विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 2279 बूथों पर मतदान कराया जाना है। सेकेंड फेज के तहत होने वाले इस विधानसभा चुनाव को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण माहौल में संपर्क करने को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। सभी मतदान केंद्रों पर वेव कास्टिंग की व्यवस्था की गई है। इसके लिए सेक्टर अधिकारियों और मजिस्ट्रेट को अनिवार्य रूप से वीडियोग्राफी करने का निर्देश दिया गया है। डीएम श्रीकांत शास्त्री, एसपी अंबरीश राहुल ने जरूरी दिशा निर्देश दिए बूथ पर रवाना करने से पहले जिले के सभी चार डिस्पैच केंद्र पर डीएम श्रीकांत शास्त्री व एसपी अंबरीश राहुल ने मतदान कर्मियों को ब्रीफ कर आवश्यक निर्देश दिया है। डीएम ने कहा कि मतदान की गति धीमी ना हो इसके लिए पीठासीन पदाधिकारी मतदान प्रक्रिया को तेज रखने का प्रयास करेंगे। मतदान कर्मियों के लिए बूथों पर ही भुगतान के आधार पर चाय नाश्ता और भोजन की व्यवस्था की गई है। वास्तविक मतदान शुरू होने से एक घंटा पहले मतदान अभिकर्ताओं की उपस्थिति में मॉक पोल कराया जाएगा। जिसके लिए कर्मियों को विधिवत प्रशिक्षण दिया गया है। तकनीकी गड़बड़ी ठीक करने के लिए मास्टर ट्रेनर तैनात पीठासीन पदाधिकारी को मतदान शुरू होने से समाप्ति तक हर 2 घंटे के अंतराल पर पड़े मतदान का प्रतिशत ऐप पर अपलोड करना होगा। यदि किसी मतदान केंद्र पर EVM में तकनीकी गड़बड़ी आती है तो उसे ठीक करने के लिए प्रत्येक सेक्टर पदाधिकारी के साथ मास्टर ट्रेनर तैनात किए गए हैं। EVM बदलने की आवश्यकता पड़ने पर सेक्टर पदाधिकारी को अतिरिक्त EVM सेट भी दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त एक विशेष तकनीकी टीम भी क्षेत्र में मौजूद रहेगी। प्रत्येक पोलिंग पार्टी में पीठासीन पदाधिकारी सहित चार कर्मियों को नियुक्त किया गया है। जो मतदान प्रक्रिया के दौरान अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे। मतदान दलों के साथ प्रत्येक केंद्र पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल के जवान भी भेजे गए हैं। सभी मतदान दलों को बूथों तक पहुंचाने के लिए वाहन उपलब्ध कराया गया है। जिले में चार जगह पर बनाए गए हैं डिस्पैच सेंटर जिले में चार जगह पर डिस्पैच सेंटर बनाया गया है, जहां से मतदान कर्मियों को EVM और VVPAT मशीन देकर बूथ पर भेजा गया है। दाउदनगर के डायट में बनाए गए डिस्पैच सेंटर से गोह विधानसभा क्षेत्र के लिए मतदान कर्मियों को रवाना किया गया है। वहीं औरंगाबाद शहर के गेट स्कूल में बनाए गए डिस्पैच सेंटर से ओबरा और नबीनगर विधानसभा में मतदान कर्मियों को रवाना किया गया। कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र के लिए गांधी मैदान में डिस्पैच सेंटर बनाया गया है। वहीं से मतदान कर्मियों को ब्रीफ के बाद डीएम एसपी ने रवाना किया है। इसी प्रकार सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज में बनाए गए डिस्पैच सेंटर से औरंगाबाद और रफीगंज विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न बूथों पर मतदान कर्मियों को रवाना किया गया है। जिले में 101 सीआरपीएफ की कंपनी, बीएसएफ की 2 कंपनियां तैनात एसपी ने जानकारी देते हुए बताया कि चुनाव को लेकर पूरी तैयारी हो चुकी है। चुनाव कराने के लिए जिले में 101 सीआरपीएफ की कंपनी तथा दो बीएसएफ की कंपनी के अलावा अन्य जिलों से फोर्स उपलब्ध कराया गया है। पुलिस के जवान सीआरपीएफ पैरामिलिट्री को जिले के 1405 बूथ भवन पर लगाया गया है। सभी बूथों पर चुस्त दुरुस्त व्यवस्था की गई है। सभी बूथों पर सीआरपीएफ की निगरानी में चुनाव संपन्न होगा। इसके अलावा सेक्टर मजिस्ट्रेट, जोनल, सुपर जोनल आदि की भी तैनाती की गई है। 402 संवेदनशील बूथों पर किए गए हैं सुरक्षा केके इंतजाम एसपी ने बताया कि जिले में कुल 402 संवेदनशील और नक्सल प्रभावित बूथ चयनित किए गए हैं। इन बूथों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। नक्सल प्रभावित इलाके में 13 ऐसे सड़कों को चिन्हित किया गया है। जहां आने जाने में मतदान कर्मियों को परेशानी हो सकती है। इन सभी सड़कों पर रोड ओपनिंग पार्टी (ROP) की तैनाती की गई है ताकि किसी प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न ना हो। औरंगाबाद में बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतदानकर्मी, पीठासीन पदाधिकारी, पुलिसकर्मी EVM और VVPAT मशीनों के साथ अपने-अपने आवंटित बूथों पर रवाना हो गए हैं। 11 नवंबर को औरंगाबाद जिले के 6 विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 2279 बूथों पर मतदान कराया जाना है। सेकेंड फेज के तहत होने वाले इस विधानसभा चुनाव को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण माहौल में संपर्क करने को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। सभी मतदान केंद्रों पर वेव कास्टिंग की व्यवस्था की गई है। इसके लिए सेक्टर अधिकारियों और मजिस्ट्रेट को अनिवार्य रूप से वीडियोग्राफी करने का निर्देश दिया गया है। डीएम श्रीकांत शास्त्री, एसपी अंबरीश राहुल ने जरूरी दिशा निर्देश दिए बूथ पर रवाना करने से पहले जिले के सभी चार डिस्पैच केंद्र पर डीएम श्रीकांत शास्त्री व एसपी अंबरीश राहुल ने मतदान कर्मियों को ब्रीफ कर आवश्यक निर्देश दिया है। डीएम ने कहा कि मतदान की गति धीमी ना हो इसके लिए पीठासीन पदाधिकारी मतदान प्रक्रिया को तेज रखने का प्रयास करेंगे। मतदान कर्मियों के लिए बूथों पर ही भुगतान के आधार पर चाय नाश्ता और भोजन की व्यवस्था की गई है। वास्तविक मतदान शुरू होने से एक घंटा पहले मतदान अभिकर्ताओं की उपस्थिति में मॉक पोल कराया जाएगा। जिसके लिए कर्मियों को विधिवत प्रशिक्षण दिया गया है। तकनीकी गड़बड़ी ठीक करने के लिए मास्टर ट्रेनर तैनात पीठासीन पदाधिकारी को मतदान शुरू होने से समाप्ति तक हर 2 घंटे के अंतराल पर पड़े मतदान का प्रतिशत ऐप पर अपलोड करना होगा। यदि किसी मतदान केंद्र पर EVM में तकनीकी गड़बड़ी आती है तो उसे ठीक करने के लिए प्रत्येक सेक्टर पदाधिकारी के साथ मास्टर ट्रेनर तैनात किए गए हैं। EVM बदलने की आवश्यकता पड़ने पर सेक्टर पदाधिकारी को अतिरिक्त EVM सेट भी दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त एक विशेष तकनीकी टीम भी क्षेत्र में मौजूद रहेगी। प्रत्येक पोलिंग पार्टी में पीठासीन पदाधिकारी सहित चार कर्मियों को नियुक्त किया गया है। जो मतदान प्रक्रिया के दौरान अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे। मतदान दलों के साथ प्रत्येक केंद्र पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल के जवान भी भेजे गए हैं। सभी मतदान दलों को बूथों तक पहुंचाने के लिए वाहन उपलब्ध कराया गया है। जिले में चार जगह पर बनाए गए हैं डिस्पैच सेंटर जिले में चार जगह पर डिस्पैच सेंटर बनाया गया है, जहां से मतदान कर्मियों को EVM और VVPAT मशीन देकर बूथ पर भेजा गया है। दाउदनगर के डायट में बनाए गए डिस्पैच सेंटर से गोह विधानसभा क्षेत्र के लिए मतदान कर्मियों को रवाना किया गया है। वहीं औरंगाबाद शहर के गेट स्कूल में बनाए गए डिस्पैच सेंटर से ओबरा और नबीनगर विधानसभा में मतदान कर्मियों को रवाना किया गया। कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र के लिए गांधी मैदान में डिस्पैच सेंटर बनाया गया है। वहीं से मतदान कर्मियों को ब्रीफ के बाद डीएम एसपी ने रवाना किया है। इसी प्रकार सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज में बनाए गए डिस्पैच सेंटर से औरंगाबाद और रफीगंज विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न बूथों पर मतदान कर्मियों को रवाना किया गया है। जिले में 101 सीआरपीएफ की कंपनी, बीएसएफ की 2 कंपनियां तैनात एसपी ने जानकारी देते हुए बताया कि चुनाव को लेकर पूरी तैयारी हो चुकी है। चुनाव कराने के लिए जिले में 101 सीआरपीएफ की कंपनी तथा दो बीएसएफ की कंपनी के अलावा अन्य जिलों से फोर्स उपलब्ध कराया गया है। पुलिस के जवान सीआरपीएफ पैरामिलिट्री को जिले के 1405 बूथ भवन पर लगाया गया है। सभी बूथों पर चुस्त दुरुस्त व्यवस्था की गई है। सभी बूथों पर सीआरपीएफ की निगरानी में चुनाव संपन्न होगा। इसके अलावा सेक्टर मजिस्ट्रेट, जोनल, सुपर जोनल आदि की भी तैनाती की गई है। 402 संवेदनशील बूथों पर किए गए हैं सुरक्षा केके इंतजाम एसपी ने बताया कि जिले में कुल 402 संवेदनशील और नक्सल प्रभावित बूथ चयनित किए गए हैं। इन बूथों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। नक्सल प्रभावित इलाके में 13 ऐसे सड़कों को चिन्हित किया गया है। जहां आने जाने में मतदान कर्मियों को परेशानी हो सकती है। इन सभी सड़कों पर रोड ओपनिंग पार्टी (ROP) की तैनाती की गई है ताकि किसी प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न ना हो।


