राजपुर में सरगुजा संभाग की पुलिस समीक्षा बैठक:एनडीपीएस और गौ तस्करी मामलों में सख्त कार्रवाई के निर्देश, लंबित प्रकरणों को सुलझाने पर जोर

राजपुर में सरगुजा संभाग की पुलिस समीक्षा बैठक:एनडीपीएस और गौ तस्करी मामलों में सख्त कार्रवाई के निर्देश, लंबित प्रकरणों को सुलझाने पर जोर

बलरामपुर जिले के हरितिमा फॉरेस्ट रेस्ट हाउस, राजपुर में सरगुजा संभाग स्तरीय पुलिस समीक्षा बैठक आयोजित की गई। पुलिस महानिरीक्षक, सरगुजा रेंज ने बैठक की अध्यक्षता की। इसमें कोरिया, जशपुर, एमसीबी, सरगुजा, सूरजपुर और बलरामपुर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तथा सभी जिलों के न्यायालयों में कार्यरत लोक अभियोजन अधिकारी शामिल हुए। बैठक में सर्वप्रथम संभाग के विभिन्न जिलों में दोषमुक्ति से जुड़े कुल 709 प्रकरणों की गहन समीक्षा की गई। इनमें सेशन कोर्ट के 128 और लोवर कोर्ट के 581 प्रकरण शामिल थे। समीक्षा के दौरान उन मामलों पर विशेष चर्चा हुई जिनमें अग्रिम जमानत निरस्त होने के बावजूद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। विवेचना में पाई गई त्रुटियों को सुधारने और अभियोजन अधिकारियों से समन्वय कर प्रकरणों के त्वरित निराकरण के निर्देश दिए गए। इसके बाद कानून व्यवस्था, लंबित अपराध, लंबित शिकायतें, मर्ग प्रकरण, एनडीपीएस एक्ट के मामले और गौ तस्करी से संबंधित कार्यवाहियों की जिलेवार समीक्षा की गई। एनडीपीएस प्रकरणों में संपत्ति कुर्की, वित्तीय एवं एंड-टू-एंड इन्वेस्टिगेशन कर अंतरराज्यीय गिरोहों तथा प्रतिबंधित दवाओं की सप्लाई चेन पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए। गौ तस्करी में प्रयुक्त वाहनों के राजसात की कार्यवाही पूर्ण करने पर भी जोर दिया गया। लंबित अपराधों की समीक्षा करते हुए एक वर्ष से अधिक समय से लंबित प्रकरणों के शीघ्र निराकरण हेतु राजपत्रित अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपने और स्वयं पर्यवेक्षण करने के निर्देश दिए गए। साइबर अपराधों के कुल 105 लंबित मामलों, म्यूल अकाउंट, पीओएस और ऑनलाइन शिकायतों की भी विस्तृत समीक्षा कर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए। यातायात व्यवस्था की समीक्षा में बताया गया कि वर्ष 2024 की तुलना में वर्ष 2025 में सड़क दुर्घटनाओं एवं मृतकों की संख्या में कमी आई है। इसके बावजूद आम जनता को यातायात नियमों का पालन करने, दोपहिया वाहन चालकों को हेलमेट तथा चारपहिया वाहन चालकों को सीट बेल्ट अनिवार्य रूप से उपयोग करने के लिए जागरूक करने के निर्देश दिए गए। अधिक दुर्घटनाग्रस्त स्थानों की पहचान कर आवश्यक सुधारात्मक कार्रवाई करने पर भी बल दिया गया।

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