इंदौर हाई कोर्ट ने आजाद नगर थाना क्षेत्र में नाबालिग के साथ हुए दुष्कर्म और गर्भधारण के मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए याचिका दायर कर बुधवार को सुनवाई की। सुनवाई में मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पेश की गई। इसमें बताया गया कि पीड़िता को 23 दिसंबर को एमटीएच अस्पताल की ओपीडी में उपस्थित होना था, लेकिन वह दोपहर 2 बजे तक पेश ही नहीं हुई। इस पर कोर्ट ने कहा कि मामला नाबालिग से गंभीर यौन अपराध और गर्भधारण से जुड़ा है, ऐसे में संबंधित विभागों का दायित्व है कि पीड़िता को तत्काल चिकित्सा सहायता और संरक्षण उपलब्ध कराएं। कोर्ट ने आजाद नगर पुलिस को निर्देश दिए कि पीडिता को तत्काल एमटीएच अस्पताल में भर्ती जाए और प्राथमिकता के आधार पर मामले की जांच की जाए। कोर्ट ने पीडिता के आने-जाने और अन्य सुविधा की व्यवस्था के लिए भी पुलिस को निर्देशित किया है। कोर्ट ने विधिक सेवा प्राधिकरण से कहा है कि वह पीड़िता के लिए विधिक सेवा से वकील और काउंसलर नियुक्त कराएं ताकि उसके अधिकारों की रक्षा हो सके। साथ ही कोर्ट ने एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन को निर्देशित कि पीड़िता की मेडिकल जांच करें। पीडिता के गर्भ की अवधि, गर्भ जारी रखने के जोखिम और गर्भपात से जुड़े जोखिमों पर रिपोर्ट पेश करें। अगली सुनवाई 26 दिसंबर को होगी।


