लखनऊ विकास प्राधिकरण की सुल्तानपुर रोड पर बन रही आईटी सिटी योजना को बड़ा झटका लगा है। 2858 एकड़ में प्रस्तावित इस योजना की कुछ जमीनों को सीबीआई ने अटैच कर लिया है। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार और ब्लैक मनी से जुड़े मामलों में कुछ प्रॉपर्टी डीलरों और बिल्डरों के खिलाफ की गई है। सीबीआई ने एलडीए को पत्र भेजकर साफ किया है कि जिन भूखंडों को अटैच किया गया है, उन्हें फिलहाल योजना से बाहर रखा जाए। एजेंसी का कहना है कि ऐसा न करने पर भविष्य में कानूनी विवाद खड़े हो सकते हैं। इस कार्रवाई के बाद आईटी सिटी का कुल क्षेत्रफल घट सकता है। इसका असर मास्टर प्लान पर भी पड़ने की आशंका है। सड़क, ग्रीन बेल्ट, आईटी पार्क और आवासीय सेक्टरों की प्लानिंग में बदलाव करना पड़ सकता है। जनवरी में प्रस्तावित योजना की लॉन्चिंग भी टल सकती है। एलडीए अब पूरे मामले में सीबीआई से औपचारिक पत्राचार करेगा। प्राधिकरण यह जानकारी मांगेगा कि आईटी सिटी क्षेत्र में कौन-कौन से भूखंड अटैच हुए हैं, उनका कुल रकबा कितना है और आगे उनकी कानूनी स्थिति क्या रहेगी। एलडीए के संयुक्त सचिव सुशील प्रताप सिंह ने बताया कि सीबीआई का पत्र मिल गया है। अटैच की गई जमीनें कुछ ऐसे बिल्डरों और व्यक्तियों की हैं, जिन पर गंभीर मामलों में जांच चल रही है। अधिकारियों के मुताबिक 25 दिसंबर के बाद सीबीआई से विस्तार से बातचीत होगी। फिलहाल योजना को पूरी तरह रोकने का फैसला नहीं लिया गया है। अटैच जमीनों को उसी स्थान पर आरक्षित दिखाते हुए प्लान में शामिल रखा जाएगा। न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने और सीबीआई की सहमति के बाद इन जमीनों का मुआवजा जिलाधिकारी कार्यालय में जमा कराया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि आईटी सिटी क्षेत्र में प्रभावशाली लोगों ने ब्लैक मनी के जरिए बड़े पैमाने पर जमीन खरीदी थी। इनकम टैक्स विभाग से मिले इनपुट के आधार पर ही सीबीआई ने कार्रवाई की है। जांच आगे बढ़ने पर कई बड़े नाम सामने आने की संभावना है। फिलहाल सुल्तानपुर रोड की आईटी सिटी योजना असमंजस की स्थिति में पहुंच गई है।


