जमुई जिले के खैरा प्रखंड मुख्यालय स्थित पंचमंदिर और खैरा फील्ड के सामने भारी मात्रा में कचरा जमा हो गया है। इस गंदगी के कारण धार्मिक आस्था और स्वच्छता दोनों पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। मंदिर के ठीक बाहर फैली दुर्गंध से श्रद्धालुओं, खिलाड़ियों और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मंदिर में पूजा करने आने वाली महिलाओं ने बताया कि कचरे की बदबू इतनी तीव्र होती है कि उन्हें पूजा के दौरान भी असहजता महसूस होती है। मंदिर के पुजारी कौशल आचार्य ने जानकारी दी कि आसपास के ठेले और चाय दुकानदार खुलेआम कचरा फेंक रहे हैं। बार-बार मना करने के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है, जिससे श्रद्धालुओं को लगातार दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मंदिर के सामने स्थित खैरा मैदान और उससे सटे ग्राउंड क्लब भी इस समस्या से प्रभावित हैं। यहां सुबह-शाम अभ्यास करने आने वाले खिलाड़ियों का कहना है कि मैदान के पास और क्लब के पीछे जमा कचरे से लगातार दुर्गंध फैलती है। इसके कारण क्लब परिसर में प्रवेश करना भी मुश्किल हो गया है। खिलाड़ियों ने आशंका जताई है कि लंबे समय तक ऐसी स्थिति बने रहने से उनके स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त, मंदिर के निकट पीएचईडी द्वारा संचालित जल-नल योजना की स्थिति भी बदहाल बताई जा रही है, जहां गंदगी और अव्यवस्था स्पष्ट दिखाई दे रही है। स्थानीय लोगों ने इस पूरे मामले की जिम्मेदारी पर सवाल उठाया है कि आखिर यह किसकी लापरवाही है—मंदिर समिति, दुकानदारों की या फिर स्थानीय प्रशासन की उदासीनता? फिलहाल, साफ-सफाई को लेकर कोई ठोस पहल नजर नहीं आ रही है। स्थानीय लोग प्रशासन से इस गंभीर समस्या पर तत्काल ध्यान देने और पंचमंदिर जैसे पवित्र स्थल तथा सार्वजनिक मैदान को गंदगी से मुक्त कराने के लिए आवश्यक कदम उठाने की उम्मीद कर रहे हैं। खैरा स्वच्छता प्रभारी बरुण मिश्रा ने कहा जल्द ही इसे हटाया जाएगा और कचरा फैला रहे लोगों पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। जमुई जिले के खैरा प्रखंड मुख्यालय स्थित पंचमंदिर और खैरा फील्ड के सामने भारी मात्रा में कचरा जमा हो गया है। इस गंदगी के कारण धार्मिक आस्था और स्वच्छता दोनों पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। मंदिर के ठीक बाहर फैली दुर्गंध से श्रद्धालुओं, खिलाड़ियों और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मंदिर में पूजा करने आने वाली महिलाओं ने बताया कि कचरे की बदबू इतनी तीव्र होती है कि उन्हें पूजा के दौरान भी असहजता महसूस होती है। मंदिर के पुजारी कौशल आचार्य ने जानकारी दी कि आसपास के ठेले और चाय दुकानदार खुलेआम कचरा फेंक रहे हैं। बार-बार मना करने के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है, जिससे श्रद्धालुओं को लगातार दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मंदिर के सामने स्थित खैरा मैदान और उससे सटे ग्राउंड क्लब भी इस समस्या से प्रभावित हैं। यहां सुबह-शाम अभ्यास करने आने वाले खिलाड़ियों का कहना है कि मैदान के पास और क्लब के पीछे जमा कचरे से लगातार दुर्गंध फैलती है। इसके कारण क्लब परिसर में प्रवेश करना भी मुश्किल हो गया है। खिलाड़ियों ने आशंका जताई है कि लंबे समय तक ऐसी स्थिति बने रहने से उनके स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त, मंदिर के निकट पीएचईडी द्वारा संचालित जल-नल योजना की स्थिति भी बदहाल बताई जा रही है, जहां गंदगी और अव्यवस्था स्पष्ट दिखाई दे रही है। स्थानीय लोगों ने इस पूरे मामले की जिम्मेदारी पर सवाल उठाया है कि आखिर यह किसकी लापरवाही है—मंदिर समिति, दुकानदारों की या फिर स्थानीय प्रशासन की उदासीनता? फिलहाल, साफ-सफाई को लेकर कोई ठोस पहल नजर नहीं आ रही है। स्थानीय लोग प्रशासन से इस गंभीर समस्या पर तत्काल ध्यान देने और पंचमंदिर जैसे पवित्र स्थल तथा सार्वजनिक मैदान को गंदगी से मुक्त कराने के लिए आवश्यक कदम उठाने की उम्मीद कर रहे हैं। खैरा स्वच्छता प्रभारी बरुण मिश्रा ने कहा जल्द ही इसे हटाया जाएगा और कचरा फैला रहे लोगों पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।


