बेतिया में भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने दावा किया कि बिहार में अब कांग्रेस पार्टी जैसी कोई चीज नहीं बची है। जायसवाल ने बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी राज्य की राजनीति में लगभग अप्रासंगिक हो चुकी है और उसकी स्थिति लगातार कमजोर हो रही है। पार्टी में नेतृत्व का घोर अभाव दिख रहा है। पार्ट में जबतक परिवारवाद लगा रहेगा तब तक जनता का भरोसा कायम नहीं होगा। पार्टी नेतृत्व को बताया जिम्मेदार सांसद जायसवाल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का नेतृत्व ही इस स्थिति के लिए जिम्मेदार है। उनके अनुसार, पार्टी के शीर्ष नेताओं को खुद नहीं पता कि वे क्या बोल रहे हैं और क्या कर रहे हैं। ऐसे में जनता पार्टी से कोई उम्मीद कैसे कर सकती है? जनता के मुद्दों पर बात नहीं करती पार्टी संजय जायसवाल ने यह भी कहा कि कांग्रेस चुनावों के दौरान ऐसे मुद्दे उठाती है, जिनका गरीब या आम लोगों से कोई संबंध नहीं होता। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि “पूरे बिहार में कांग्रेस ‘वोट चोरी’ और ‘SIR’ जैसे मुद्दे लेकर घूमती रही, जबकि इनका सामान्य जनता पर कोई प्रभाव नहीं था।” जायसवाल ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस का बिहार के असली मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है। सांसद जायसवाल ने कांग्रेस पर अंदरूनी तौर पर अवसरवाद और टिकटों की खरीद-फरोख्त में डूबे होने का भी आरोप लगाया। उनके अनुसार, चुनाव के समय टिकट बांटने का आधार योग्यता या जनसमर्थन नहीं, बल्कि आर्थिक लेन-देन बन जाता है। उन्होंने कहा, “जब किसी पार्टी में चुनावी टिकट तक पैसे लेकर बांटे जाते हों, तो ऐसी पार्टी से मजबूत संगठन या जनता की सेवा की उम्मीद करना बेकार है।” पार्टी में नेतृत्व की कमी जायसवाल ने आगे कहा कि कांग्रेस की गिरती साख और कमजोर संगठनात्मक ढांचा यह साबित करता है कि पार्टी अब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस का जनाधार खत्म हो चुका है और आने वाले चुनावों में उसकी स्थिति और भी खराब होगी। उनके मुताबिक, “ऐसी पार्टी का समाप्त होना स्वाभाविक है, क्योंकि न उसके पास नेतृत्व है, न मुद्दे, न जनता से जुड़ाव।” इस दौरान, सांसद संजय जायसवाल ने बिहार में एनडीए के विकास कार्यों को आगामी चुनाव में जनता का मुख्य आधार बताया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि लोग स्थिर और जवाबदेह शासन को ही चुनेंगे। बेतिया में भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने दावा किया कि बिहार में अब कांग्रेस पार्टी जैसी कोई चीज नहीं बची है। जायसवाल ने बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी राज्य की राजनीति में लगभग अप्रासंगिक हो चुकी है और उसकी स्थिति लगातार कमजोर हो रही है। पार्टी में नेतृत्व का घोर अभाव दिख रहा है। पार्ट में जबतक परिवारवाद लगा रहेगा तब तक जनता का भरोसा कायम नहीं होगा। पार्टी नेतृत्व को बताया जिम्मेदार सांसद जायसवाल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का नेतृत्व ही इस स्थिति के लिए जिम्मेदार है। उनके अनुसार, पार्टी के शीर्ष नेताओं को खुद नहीं पता कि वे क्या बोल रहे हैं और क्या कर रहे हैं। ऐसे में जनता पार्टी से कोई उम्मीद कैसे कर सकती है? जनता के मुद्दों पर बात नहीं करती पार्टी संजय जायसवाल ने यह भी कहा कि कांग्रेस चुनावों के दौरान ऐसे मुद्दे उठाती है, जिनका गरीब या आम लोगों से कोई संबंध नहीं होता। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि “पूरे बिहार में कांग्रेस ‘वोट चोरी’ और ‘SIR’ जैसे मुद्दे लेकर घूमती रही, जबकि इनका सामान्य जनता पर कोई प्रभाव नहीं था।” जायसवाल ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस का बिहार के असली मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है। सांसद जायसवाल ने कांग्रेस पर अंदरूनी तौर पर अवसरवाद और टिकटों की खरीद-फरोख्त में डूबे होने का भी आरोप लगाया। उनके अनुसार, चुनाव के समय टिकट बांटने का आधार योग्यता या जनसमर्थन नहीं, बल्कि आर्थिक लेन-देन बन जाता है। उन्होंने कहा, “जब किसी पार्टी में चुनावी टिकट तक पैसे लेकर बांटे जाते हों, तो ऐसी पार्टी से मजबूत संगठन या जनता की सेवा की उम्मीद करना बेकार है।” पार्टी में नेतृत्व की कमी जायसवाल ने आगे कहा कि कांग्रेस की गिरती साख और कमजोर संगठनात्मक ढांचा यह साबित करता है कि पार्टी अब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस का जनाधार खत्म हो चुका है और आने वाले चुनावों में उसकी स्थिति और भी खराब होगी। उनके मुताबिक, “ऐसी पार्टी का समाप्त होना स्वाभाविक है, क्योंकि न उसके पास नेतृत्व है, न मुद्दे, न जनता से जुड़ाव।” इस दौरान, सांसद संजय जायसवाल ने बिहार में एनडीए के विकास कार्यों को आगामी चुनाव में जनता का मुख्य आधार बताया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि लोग स्थिर और जवाबदेह शासन को ही चुनेंगे।


