मेरी छोटी बहन जब पैदा हुई, वो मम्मी के पास सोती। मैं पापा के पास। पापा मुझे गंदे वीडियो दिखाते। वैसा ही करने के लिए फोर्स करते। मैं तब 10-11 साल की थी। कुछ समझ नहीं पाती थी। धीरे-धीरे ये सिलसिला बढ़ने लगा। 19 साल की श्वेता (बदला हुआ नाम) जब ये कहती है तो उसकी आंखों में बेचैनी साफ नजर आती है। दरअसल, श्वेता के पिता ने ही 10 साल तक उसका शारीरिक और मानसिक शोषण किया। श्वेता बताती है कि पिता की गंदी नजर उसकी 11 साल की छोटी बहन पर भी थी। उसे बचाने के लिए वह किराए के मकान में रहने लगी। जब उसने पिता से भरण-पोषण मांगा तो उसने बेटी के सामने एक गंदी शर्त रखी कहा कि वह हर महीने 10 हजार रुपए देगा, लेकिन बेटी को उसके साथ सोना पड़ेगा। पिता की इसी नाजायज मांग के बाद श्वेता ने पुलिस में शिकायत करने का फैसला किया। पुलिस ने पिता के खिलाफ छेड़छाड़, शारीरिक संबंध के लिए दबाव बनाने और पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया है। श्वेता की मां की मौत हो चुकी है। अब वह अपनी बहन के साथ जिंदगी में आने वाली चुनौतियों का सामना कर रही है। आखिर कैसे उसने हिम्मत कर अपने ही पिता के खिलाफ शिकायत की और इतने सालों तक वह किस ट्रॉमा से गुजरी? इसे लेकर भास्कर ने श्वेता से बात की। पढ़िए रिपोर्ट… 10 साल की उम्र से पिता ने किया शोषण
श्वेता ने बताया कि जब वह महज 10 साल की थी, तभी से उसके पिता उस पर बुरी नजर रखने लगे थे। यह सिलसिला तब शुरू हुआ, जब उसकी छोटी बहन का जन्म हुआ। छोटा घर होने के कारण एक कमरे में सभी का सोना मुश्किल था, इसलिए श्वेता ने अपनी मम्मी के पास सोना बंद कर दिया और अपने पापा के पास सोने लगी। यह बदलाव उसके जीवन का सबसे भयानक मोड़ साबित हुआ। श्वेता बताती है कि उसके पिता उसे अपने फोन पर अश्लील वीडियो दिखाने लगे। फिर उन वीडियो में दिखाए गए कृत्यों को उसके साथ दोहराने के लिए मजबूर करने लगे। उस छोटी उम्र में श्वेता इन हरकतों का मतलब नहीं समझ पाती थी। वह नहीं जानती थी कि उसके साथ क्या हो रहा और क्यों हो रहा? मां को गोली मारने की धमकी दी
धीरे-धीरे यह सिलसिला रोजमर्रा का हिस्सा बन गया। जब श्वेता को कुछ-कुछ समझ आने लगा और उसे यह सब गलत लगने लगा तो उसने पिता से ऐसा करने से मना किया, लेकिन उसके पिता ने उसकी मासूमियत और डर का फायदा उठाया। उन्होंने श्वेता को धमकी दी कि अगर उसने किसी को कुछ बताया या विरोध किया तो वह उसकी मां को गोली मार देंगे। इस धमकी ने श्वेता को अंदर तक डरा दिया। वह डर गई और चुपचाप 4-5 साल तक इस भयानक शोषण को सहती रही। मां को बताया तो पिता उसे ही पीटने लगा
जब यह सिलसिला असहनीय हो गया और पिता की हरकतें बढ़ती गईं, तब श्वेता ने हिम्मत जुटाकर अपनी मां को पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया। मां ने अपनी बेटी की बात सुनी और अपने तरीके से इस स्थिति से निपटने की कोशिश की। उन्होंने अपनी बेटी को बचाने का हरसंभव प्रयास किया, लेकिन श्वेता के पिता अपनी हरकतों से बाज नहीं आए। वे मां को मारने-पीटने लगे। कहने लगे कि उन्हें श्वेता के साथ सोने दिया जाए, वर्ना वह उन्हें जान से मार डालेंगे। यह स्थिति एक परिवार के लिए किसी नर्क से कम नहीं थी, जहां एक पिता अपनी ही बेटी का शोषण कर रहा था और मां अपनी बेटी को बचाने के लिए संघर्ष कर रही थी। मां की सड़क दुर्घटना में हुई मौत
मई 2023 का महीना श्वेता के जीवन में एक और त्रासदी लेकर आया। श्वेता को अपने पिता के बारे में सब कुछ बताए हुए पांच महीने बीत चुके थे। ये पांच महीने उसकी मां के लिए मानो एक अग्निपरीक्षा थे, जिसमें उन्होंने खुद को दांव पर लगाकर श्वेता की हर तरह से रक्षा की। मां ने अपनी बेटी के लिए एक ढाल का काम किया, उसे पिता की हैवानियत से बचाने की हरसंभव कोशिश की। 26 मई 2023 को एक सड़क दुर्घटना में उसकी मां का निधन हो गया। मां के जाने के बाद श्वेता और उसकी 11 वर्षीय छोटी बहन अनाथ सी हो गईं। उनके सिर से मां का साया उठ गया और वे अपने पिता के साथ रहने को मजबूर थीं, जो उनके लिए सबसे बड़ा खतरा था। चाइल्ड हेल्पलाइन पर की पिता के खिलाफ शिकायत
जब मां के जाने के बाद पिता की हैवानियत सारी हदें पार करने लगीं, तब श्वेता ने हिम्मत कर चाइल्ड हेल्पलाइन पर कॉल किया। चाइल्ड हेल्पलाइन पर शिकायत के बाद श्वेता और उसकी छोटी बहन को बाल निकेतन भेज दिया गया। दोनों बहनें वहां अकेले रहने लगीं, एक सुरक्षित माहौल में, अपने पिता से दूर। यह उनके लिए एक अस्थायी राहत थी, लेकिन उनके मन में गहरे घाव थे। श्वेता कहती है, ‘मैंने चाइल्ड लाइन का सहारा इसलिए लिया, क्योंकि रोज-रोज की यातना से बहुत ज्यादा डर गई थी। मुझे खुद से ज्यादा अपनी बहन की चिंता सताने लगी थी, क्योंकि वो भी बड़ी हो रही थी। मेरे पिता की हैवानियत बढ़ती जा रही थी। मैं नहीं चाहती थी कि मेरी बहन भी वही दर्द झेले जो मैंने झेला।’ पिता की बात पर किया भरोसा, मगर जल्द ही टूटा
कुछ महीनों बाद श्वेता के पिता बाल निकेतन पहुंचे और माफी मांगने लगे। श्वेता बताती है कि पापा आकर बोलने लगे ‘अब से ऐसा कभी नहीं करूंगा। अपने किए पर शर्मिंदा हूं।’ मासूम श्वेता और उसकी बहन ने अपने पिता की बातों पर भरोसा कर लिया। उन्हें लगा कि शायद उनके पिता बदल गए हैं। अब सब ठीक हो जाएगा। दोनों बहनें पिता की बातों पर भरोसा कर वापस उनके साथ रहने लगीं। यह भरोसा जल्द टूट गया। कुछ समय बाद पिता ने दोबारा वही घिनौनी हरकतें शुरू कर दीं। श्वेता कहती है कि यह उनके लिए एक और गहरा आघात (ट्रॉमा) था। उसने तुरंत निर्णय लिया कि वह अपनी बहन को लेकर अब अलग घर में रहेगी। पिता से पैसे मांगे तो बोला- मेरे साथ सोएगी तो 10 हजार मिलेंगे
श्वेता अपनी बहन के साथ किराए के घर में रहने लगी थी, लेकिन दोनों बहनों की पढ़ाई और जीवन-यापन का खर्च बहुत ज्यादा था, जिसे श्वेता अकेले वहन नहीं कर सकती थी। एक दिन श्वेता ने अपने पापा को फोन लगाया। उनसे बहन की पढ़ाई का खर्च उठाने का अनुरोध किया। श्वेता ने बताया कि जब उसने खर्च मांगा तो पापा ने कहा, ‘तू आकर मेरे साथ सो जा। मैं हर महीने दस हजार रुपए भिजवाऊंगा।’ यह सुनकर श्वेता के पैरों तले जमीन खिसक गई। उसके पिता की हैवानियत की कोई सीमा नहीं थी। इस बार श्वेता ने बिना सोचे-समझे तुरंत पुलिस में शिकायत करने का निर्णय लिया। श्वेता कहती है कि मैं चाहती हूं। मेरी कहानी लोग पढ़ें। वो अवेयर हों। सामने आकर कंप्लेंट करने का साहस जुटाएं। जो मेरे साथ हुआ, वो किसी और के साथ ना हो।” पिता के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज
पुलिस ने श्वेता के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए उसके पिता के खिलाफ छेड़छाड़, शारीरिक संबंध के लिए दबाव बनाने और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। पॉक्सो एक्ट के तहत 3 से 5 साल तक की सजा का प्रावधान है। यदि बच्चे के साथ कोई भरोसेमंद या नजदीक का व्यक्ति अपराध करता है तो इसे एग्रेवेटेड सेक्शुअल असॉल्ट माना जाता है। ऐसे मामलों में सजा की अवधि बढ़ सकती है। बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में बच्चों के खिलाफ कुल 22 हजार 433 अपराध दर्ज किए गए थे। यह संख्या 2022 की तुलना में 9.2% ज्यादा है।


