सहरसा अस्पताल से ऑक्सीजन पाइप चोरी:अज्ञात चोरों ने घटना को दिया अंजाम, गार्ड के शोर मचाने पर भागे चोर

सहरसा अस्पताल से ऑक्सीजन पाइप चोरी:अज्ञात चोरों ने घटना को दिया अंजाम, गार्ड के शोर मचाने पर भागे चोर

सहरसा सदर अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था की बड़ी चूक सामने आई है। यहां मरीजों की जान बचाने वाली ऑक्सीजन सप्लाई से जुड़ी तांबे की पाइप को अज्ञात चोरों ने चोरी कर लिया। यह घटना न केवल अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह भी सवाल खड़ा करती है कि यदि समय रहते चोरी का पता नहीं चलता, तो किसी गंभीर मरीज की जान भी जा सकती थी। इस मामले को लेकर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक एसएस मेहता मंगलवार की शाम करीब 5:30 बजे सदर थाना पहुंचे और पुलिस को लिखित आवेदन देकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। उन्होंने पुलिस से अस्पताल परिसर में हो रही लगातार चोरी की घटनाओं पर रोक लगाने और रात्रि गश्ती बढ़ाने की मांग की। पोस्टमॉर्टम रूम की ओर से घुसे चोर उपाधीक्षक एसएस मेहता ने बताया कि यह चोरी की घटना अस्पताल के बच्चा वार्ड के पीछे हुई। अज्ञात चोर पोस्टमार्टम रूम की ओर से ग्रिल के नट खोलकर अंदर घुसे और वहां लगे ऑक्सीजन सप्लाई के तांबे के पाइप को काट दिया। चोर कुछ पाइप को काटकर ले जाने में सफल भी हो गए। उन्होंने बताया कि यह पाइप सीधे अस्पताल की ऑक्सीजन लाइन से जुड़ी थी, जिससे गंभीर मरीजों और नवजात बच्चों को ऑक्सीजन सप्लाई होती है। यदि चोरी पूरी तरह सफल हो जाती या देर रात यह घटना होती, तो मरीजों की जान पर सीधा खतरा बन सकता था। गार्ड के शोर मचाने पर भागे चोर उपाधीक्षक के अनुसार, चोरी के दौरान वहां मौजूद गेट गार्ड को कुछ संदिग्ध आवाजें सुनाई दीं। जब गार्ड ने शोर मचाया, तो चोर पोस्टमार्टम रूम की ओर से ही भाग निकले। हालांकि, तब तक वे पाइप काट चुके थे और कुछ हिस्सा चोरी कर ले गए थे। घटना के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया। तत्काल ऑक्सीजन लाइन की जांच कर उसे अस्थायी रूप से दुरुस्त किया गया, ताकि मरीजों को कोई नुकसान न हो। रात में गश्ती बढ़ाने की मांग उपाधीक्षक एसएस मेहता ने पुलिस से आग्रह किया कि यदि रात के समय दो-तीन बार पेट्रोलिंग पार्टी अस्पताल परिसर का चक्कर लगाए, तो चोरों में भय का माहौल बनेगा और इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सकेगी। उन्होंने कहा कि अस्पताल में पहले भी छोटी-बड़ी चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन अब मामला मरीजों की जान से जुड़ गया है। सुरक्षा गार्ड की मौजूदगी के बावजूद चोरी इस घटना ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। जब अस्पताल परिसर में सुरक्षा गार्ड की तैनाती है, सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, तब भी अज्ञात चोर इतनी आसानी से अंदर घुसकर ऑक्सीजन पाइप काट ले जाते हैं, तो यह सुरक्षा में गंभीर खामी को दर्शाता है। स्थानीय लोगों और मरीजों के परिजनों का कहना है कि रात के समय अस्पताल परिसर में असामाजिक तत्वों की आवाजाही आम बात हो गई है। कई बार चोरी और संदिग्ध गतिविधियों की शिकायत की गई, लेकिन ठोस कदम नहीं उठाए गए। मरीजों की जान से खिलवाड़ ऑक्सीजन पाइप की चोरी को लोग सिर्फ चोरी नहीं, बल्कि जानलेवा अपराध मान रहे हैं। खासकर बच्चा वार्ड और इमरजेंसी में भर्ती मरीजों के लिए ऑक्सीजन सप्लाई जीवन और मृत्यु का सवाल होती है। ऐसे में इस तरह की घटनाएं स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती हैं। मरीजों के परिजनों ने सवाल उठाया है कि यदि किसी रात ऑक्सीजन सप्लाई अचानक बंद हो जाए और मरीज की मौत हो जाए, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? पुलिस ने शुरू की जांच इस मामले पर सदर थाना प्रभारी शोएब अख्तर ने बताया कि अस्पताल प्रशासन की ओर से आवेदन प्राप्त हुआ है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि “घटना से जुड़े सभी पहलुओं की जांच की जाएगी। दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।” पुलिस का कहना है कि आसपास के इलाकों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है और संदिग्धों की तलाश की जा रही है। प्रशासन की चुप्पी पर भी सवाल घटना के बाद जिला स्वास्थ्य प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, अंदरखाने में अस्पताल प्रबंधन पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने का दबाव बढ़ गया है। जनहित का मुद्दा यह घटना केवल एक अस्पताल तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे जिले की स्वास्थ्य सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है। जरूरत इस बात की है कि अस्पताल परिसर की सुरक्षा बढ़ाई जाए, रात में नियमित पुलिस गश्ती हो, सीसीटीवी कैमरों की निगरानी सख्त की जाए और अस्पताल में चोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। जब तक ऐसे कदम नहीं उठाए जाते, तब तक मरीजों की जान खतरे में बनी रहेगी। सहरसा सदर अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था की बड़ी चूक सामने आई है। यहां मरीजों की जान बचाने वाली ऑक्सीजन सप्लाई से जुड़ी तांबे की पाइप को अज्ञात चोरों ने चोरी कर लिया। यह घटना न केवल अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह भी सवाल खड़ा करती है कि यदि समय रहते चोरी का पता नहीं चलता, तो किसी गंभीर मरीज की जान भी जा सकती थी। इस मामले को लेकर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक एसएस मेहता मंगलवार की शाम करीब 5:30 बजे सदर थाना पहुंचे और पुलिस को लिखित आवेदन देकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। उन्होंने पुलिस से अस्पताल परिसर में हो रही लगातार चोरी की घटनाओं पर रोक लगाने और रात्रि गश्ती बढ़ाने की मांग की। पोस्टमॉर्टम रूम की ओर से घुसे चोर उपाधीक्षक एसएस मेहता ने बताया कि यह चोरी की घटना अस्पताल के बच्चा वार्ड के पीछे हुई। अज्ञात चोर पोस्टमार्टम रूम की ओर से ग्रिल के नट खोलकर अंदर घुसे और वहां लगे ऑक्सीजन सप्लाई के तांबे के पाइप को काट दिया। चोर कुछ पाइप को काटकर ले जाने में सफल भी हो गए। उन्होंने बताया कि यह पाइप सीधे अस्पताल की ऑक्सीजन लाइन से जुड़ी थी, जिससे गंभीर मरीजों और नवजात बच्चों को ऑक्सीजन सप्लाई होती है। यदि चोरी पूरी तरह सफल हो जाती या देर रात यह घटना होती, तो मरीजों की जान पर सीधा खतरा बन सकता था। गार्ड के शोर मचाने पर भागे चोर उपाधीक्षक के अनुसार, चोरी के दौरान वहां मौजूद गेट गार्ड को कुछ संदिग्ध आवाजें सुनाई दीं। जब गार्ड ने शोर मचाया, तो चोर पोस्टमार्टम रूम की ओर से ही भाग निकले। हालांकि, तब तक वे पाइप काट चुके थे और कुछ हिस्सा चोरी कर ले गए थे। घटना के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया। तत्काल ऑक्सीजन लाइन की जांच कर उसे अस्थायी रूप से दुरुस्त किया गया, ताकि मरीजों को कोई नुकसान न हो। रात में गश्ती बढ़ाने की मांग उपाधीक्षक एसएस मेहता ने पुलिस से आग्रह किया कि यदि रात के समय दो-तीन बार पेट्रोलिंग पार्टी अस्पताल परिसर का चक्कर लगाए, तो चोरों में भय का माहौल बनेगा और इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सकेगी। उन्होंने कहा कि अस्पताल में पहले भी छोटी-बड़ी चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन अब मामला मरीजों की जान से जुड़ गया है। सुरक्षा गार्ड की मौजूदगी के बावजूद चोरी इस घटना ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। जब अस्पताल परिसर में सुरक्षा गार्ड की तैनाती है, सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, तब भी अज्ञात चोर इतनी आसानी से अंदर घुसकर ऑक्सीजन पाइप काट ले जाते हैं, तो यह सुरक्षा में गंभीर खामी को दर्शाता है। स्थानीय लोगों और मरीजों के परिजनों का कहना है कि रात के समय अस्पताल परिसर में असामाजिक तत्वों की आवाजाही आम बात हो गई है। कई बार चोरी और संदिग्ध गतिविधियों की शिकायत की गई, लेकिन ठोस कदम नहीं उठाए गए। मरीजों की जान से खिलवाड़ ऑक्सीजन पाइप की चोरी को लोग सिर्फ चोरी नहीं, बल्कि जानलेवा अपराध मान रहे हैं। खासकर बच्चा वार्ड और इमरजेंसी में भर्ती मरीजों के लिए ऑक्सीजन सप्लाई जीवन और मृत्यु का सवाल होती है। ऐसे में इस तरह की घटनाएं स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती हैं। मरीजों के परिजनों ने सवाल उठाया है कि यदि किसी रात ऑक्सीजन सप्लाई अचानक बंद हो जाए और मरीज की मौत हो जाए, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? पुलिस ने शुरू की जांच इस मामले पर सदर थाना प्रभारी शोएब अख्तर ने बताया कि अस्पताल प्रशासन की ओर से आवेदन प्राप्त हुआ है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि “घटना से जुड़े सभी पहलुओं की जांच की जाएगी। दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।” पुलिस का कहना है कि आसपास के इलाकों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है और संदिग्धों की तलाश की जा रही है। प्रशासन की चुप्पी पर भी सवाल घटना के बाद जिला स्वास्थ्य प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, अंदरखाने में अस्पताल प्रबंधन पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने का दबाव बढ़ गया है। जनहित का मुद्दा यह घटना केवल एक अस्पताल तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे जिले की स्वास्थ्य सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है। जरूरत इस बात की है कि अस्पताल परिसर की सुरक्षा बढ़ाई जाए, रात में नियमित पुलिस गश्ती हो, सीसीटीवी कैमरों की निगरानी सख्त की जाए और अस्पताल में चोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। जब तक ऐसे कदम नहीं उठाए जाते, तब तक मरीजों की जान खतरे में बनी रहेगी।  

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