सिंहावलोकन 2025: मुक्केबाजी में भारत का रहा दबदबा, महिला मुक्केबाजों ने रचा इतिहास

सिंहावलोकन 2025: मुक्केबाजी में भारत का रहा दबदबा, महिला मुक्केबाजों ने रचा इतिहास

नवंबर 2025 में ग्रेटर नोएडा में हुए विश्व बॉक्सिंग कप फाइनल्स में भारत ने घरेलू सरजमीं पर धमाकेदार प्रदर्शन किया। भारतीय टीम ने मेडल तालिका में शीर्ष स्थान हासिल करते हुए कुल 20 पदक जीते, 9 स्वर्ण, 6 रजत और 5 कांस्य। 

भारतीय बॉक्सिंग के लिए साल 2025 वाकई यादगार और गौरवपूर्ण रहा। पुरुष और महिला दोनों वर्गों के मुक्केबाजों ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर शानदार प्रदर्शन करते हुए देश का नाम ऊंचा किया। खासकर महिलाओं ने विश्व स्तर पर अपना दबदबा दिखाया, जबकि पुरुषों ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। आइए, साल की प्रमुख उपलब्धियों पर नजर डालते हैं।

नवंबर 2025 में ग्रेटर नोएडा में हुए विश्व बॉक्सिंग कप फाइनल्स में भारत ने घरेलू सरजमीं पर धमाकेदार प्रदर्शन किया। भारतीय टीम ने मेडल तालिका में शीर्ष स्थान हासिल करते हुए कुल 20 पदक जीते, 9 स्वर्ण, 6 रजत और 5 कांस्य। इनमें महिलाओं ने 7 स्वर्ण पदक जीते, जो एक रिकॉर्ड है। निकहत जरीन, जैसमिन लांबोरिया, मिनाक्षी हुडा, प्रीति पवार, अरुंधति चौधरी, परवीन हुडा और नुपुर शेरॉन जैसी मुक्केबाजों ने स्वर्ण जीतकर इतिहास रचा।

पुरुष वर्ग में भी सचिन सिवाच जैसे खिलाड़ियों ने योगदान दिया। ये उपलब्धियां भारतीय बॉक्सिंग के उज्ज्वल भविष्य की ओर इशारा करती हैं। मैरी कॉम, निकहत जरीन और लवलीना बोरगोहेन की विरासत को जैसमिन, मिनाक्षी और नुपुर जैसी नई पीढ़ी आगे बढ़ा रही है। बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (BFI) की मेहनत, बेहतर ट्रेनिंग कैंप, अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर, स्पोर्ट्स साइंस का उपयोग और ग्रामीण प्रतिभाओं को मौका देना, इन सफलताओं की नींव है।

2025 की यह तैयारी आने वाले एशियन गेम्स 2026 और लॉस एंजिल्स ओलंपिक 2028 में बड़ा फल देगी। भारतीय मुक्केबाजों का यह सफर न केवल पदकों की कहानी है, बल्कि दृढ़ता, संघर्ष और नई ऊंचाइयों को छूने की प्रेरणा भी है। फैंस को उम्मीद है कि यह सिलसिला जारी रहेगा और ओलंपिक मंच पर भी भारत का परचम लहराएगा।

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