सिलियारी रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज बनेगा, 10 किमी का सफर कम होगा

सिलियारी रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज बनेगा, 10 किमी का सफर कम होगा

सिलियारी रेलवे क्रॉसिंग पर लोक निर्माण विभाग 44 करोड़ की लागत से ओवरब्रिज का निर्माण करेगा। ओवरब्रिज 900 मीटर लंबा और 13 मीटर चौड़ा होगा। पीडब्ल्यूडी ने टेंडर जारी कर दिया है। एक माह में टेंडर खुलेगा उसके बाद ओवरब्रिज का निर्माण शुरु हो जाएगा। पीडब्ल्यूडी के अफसरों के मुताबिक सिलियारी रेलवे क्रासिंग बंद होने पर लंबा जाम लगता है। ओवरब्रिज के बनने से लोगों राहत मिलेगी। मुंबई-हावड़ा मार्ग पर रोजाना 250 से अधिक ट्रेनों का परिचालन होता है। इसलिए सिलियारी रेलवे क्रॉसिंग हर पांच मिनट में बंद होता है। इस कारण क्रॉसिंग पर अक्सर लगने वाले जाम के कारण लोगों को काफी परेशानी होती है। सिलियारी रेलवे क्रासिंग के बंद होने से जाम से बचने के लिए बड़ी गाड़ी तिल्दा से होकर 25 किमी का चक्कर लगाकर सिलियारी आते हैं। ओवरब्रिज के बनने से सारागांव होकर लोग सिलियारी आसानी से पहुंच जाएंगे। इससे यात्रियों का 10 किमी की बचत होगी। इस ओवरब्रिज के बनने से सिलियारी से तिल्दा जाने वाले लाखों लोगों को राहत मिलेगी। सुबह और शाम सबसे ज्यादा जाम, हर 30 मिनट में बंद होता है फाटक यहां रेलवे फाटक औसतन हर 30 मिनट में बंद होता है। ऐसे में सुबह से लेकर शाम तक जाम की स्थिति निर्मित होती है। सबसे ज्यादा परेशानी सुबह 10 से 12 और शाम 5 से 9 बजे तक होती है। इस दौरान दोनों तरफ लंबा जाम लग जाता है। स्कूल चालू होने पर सबसे ज्यादा स्कूली बच्चों को परेशानी होती है, क्योंकि जाम में स्कूली बसें फंस जाती हैं। वहीं सिलियारी रेलवे फाटक के पास पटरी के किनारे रेलवे ट्रेनों से आने वाला कोयला खाली करवाता है। इस कारण ट्रकों का भी आना-जाना लगा रहता है। इस कारण सुबह और शाम स्कूली बच्चे भी जाम में फंसते हैं। वहीं, आफिस जाने वालों को भी विलंब हो जाता है। इससे उनको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यहां रेलवे क्रासिंग पार करके रोजाना 30 से अधिक गांव वाले आना-जाना करते हैं। थ्री-लेन ओवरब्रिज बनाने की मंजूरी ओवरब्रिज थ्री-लेन का होगा। बजट में मंजूरी मिलने के बाद पीडब्ल्यूडी ने रेल ओवरब्रिज के प्रस्तावित स्थानों के आसपास मेजरमेंट का काम शुरू कर दिया है। इसके साथ ही सर्वे भी शुरू हो गया है। स्वीकृति मिलते ही विभाग जल्द ही जगह-जगह पर बोरिंग करके यह देखेगा कि ब्रिज के पिलर के लिए मिट्टी किस तरह की है। उसी के आधार पर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार किया जाएगा।

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