बिहार के 26 जिले भीषण ठंड और शीतलहर की चपेट में हैं। इसका सीधा असर आम जनजीवन पर पड़ रहा है, खासकर पूरा उत्तर बिहार कड़ाके की ठंड से प्रभावित है। राजधानी में भी स्थिति गंभीर है, जहां अस्पतालों में मरीजों की संख्या में भारी वृद्धि देखी जा रही है। ओपीडी के बाहर लंबी कतारें लग रही हैं। ठंड बढ़ने के साथ ही हृदय रोग, ब्रेन हेमरेज और निमोनिया जैसी बीमारियों के मरीजों की संख्या में बेतहाशा इजाफा हुआ है। अस्पतालों में भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। विशेषज्ञों के अनुसार, सर्दियों में लोग कम पानी पीते हैं, जिससे खून गाढ़ा होने लगता है और रक्त नलिकाओं में संकुचन आ जाता है। इसका सीधा असर रक्तचाप पर पड़ता है, जिससे हाई बीपी अनियंत्रित हो सकता है। हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ा यही कारण है कि ठंड के मौसम में हृदयाघात (हार्ट अटैक) और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। डॉक्टरों की सलाह है कि रात में सोने से पहले एक गिलास गुनगुना या गर्म पानी पीने से हृदय और मस्तिष्क से जुड़ी जटिलताओं के जोखिम को कम किया जा सकता है। इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) के उपाधीक्षक सह न्यूरो सर्जन डॉ. समरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि ठंड में न्यूरो से संबंधित मरीजों की संख्या काफी बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि औसतन रोज 10 से 12 मरीज ब्रेन हेमरेज के अस्पताल पहुंच रहे हैं। डॉ. सिंह के अनुसार, महिलाओं में हार्मोनल प्रोफाइल के कारण हृदय रोग की समस्याएं रहती हैं, लेकिन सर्दियों में पुरुषों में ब्रेन हेमरेज के मामले ज्यादा सामने आते हैं। ठंड का असर बच्चों पर भी ज्यादा पड़ रहा है, जिनमें निमोनिया, खांसी और बुखार की शिकायतें बढ़ी हैं। कई मामलों में नियमित जांच नहीं हो पाने के कारण परेशानी और गंभीर हो जाती है। मरीजों की संख्या में भारी इजाफा, बेड की कमी डॉ. सिंह के अनुसार, प्रचंड ठंड के कारण अस्पतालों में रोजाना 4 हजार से 6 हजार तक मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है। हालात ऐसे हैं कि अस्पतालों में बेड की कमी हो गई है और मरीजों को दूसरे अस्पतालों में रेफर करना पड़ रहा है। धूप निकलने पर ही करें मॉर्निंग वॉक विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में अचानक बीपी बढ़ने की आशंका रहती है। ऐसे में सुबह ठंड में खुले मैदान में टहलने से बचें। धूप निकलने पर ही मॉर्निंग वॉक करें। यदि धूप न निकले तो घर में ही हल्का व्यायाम और प्राणायाम करें। सर्दियों में उच्च प्रोटीन युक्त और सुपाच्य भोजन करें, ताकि शरीर की ऊर्जा बनी रहे और रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो। नमक का सेवन प्रतिदिन 5 ग्राम से अधिक न करें, क्योंकि ज्यादा नमक रक्तचाप को तेजी से बढ़ सकता है। बिहार के 26 जिले भीषण ठंड और शीतलहर की चपेट में हैं। इसका सीधा असर आम जनजीवन पर पड़ रहा है, खासकर पूरा उत्तर बिहार कड़ाके की ठंड से प्रभावित है। राजधानी में भी स्थिति गंभीर है, जहां अस्पतालों में मरीजों की संख्या में भारी वृद्धि देखी जा रही है। ओपीडी के बाहर लंबी कतारें लग रही हैं। ठंड बढ़ने के साथ ही हृदय रोग, ब्रेन हेमरेज और निमोनिया जैसी बीमारियों के मरीजों की संख्या में बेतहाशा इजाफा हुआ है। अस्पतालों में भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। विशेषज्ञों के अनुसार, सर्दियों में लोग कम पानी पीते हैं, जिससे खून गाढ़ा होने लगता है और रक्त नलिकाओं में संकुचन आ जाता है। इसका सीधा असर रक्तचाप पर पड़ता है, जिससे हाई बीपी अनियंत्रित हो सकता है। हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ा यही कारण है कि ठंड के मौसम में हृदयाघात (हार्ट अटैक) और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। डॉक्टरों की सलाह है कि रात में सोने से पहले एक गिलास गुनगुना या गर्म पानी पीने से हृदय और मस्तिष्क से जुड़ी जटिलताओं के जोखिम को कम किया जा सकता है। इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) के उपाधीक्षक सह न्यूरो सर्जन डॉ. समरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि ठंड में न्यूरो से संबंधित मरीजों की संख्या काफी बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि औसतन रोज 10 से 12 मरीज ब्रेन हेमरेज के अस्पताल पहुंच रहे हैं। डॉ. सिंह के अनुसार, महिलाओं में हार्मोनल प्रोफाइल के कारण हृदय रोग की समस्याएं रहती हैं, लेकिन सर्दियों में पुरुषों में ब्रेन हेमरेज के मामले ज्यादा सामने आते हैं। ठंड का असर बच्चों पर भी ज्यादा पड़ रहा है, जिनमें निमोनिया, खांसी और बुखार की शिकायतें बढ़ी हैं। कई मामलों में नियमित जांच नहीं हो पाने के कारण परेशानी और गंभीर हो जाती है। मरीजों की संख्या में भारी इजाफा, बेड की कमी डॉ. सिंह के अनुसार, प्रचंड ठंड के कारण अस्पतालों में रोजाना 4 हजार से 6 हजार तक मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है। हालात ऐसे हैं कि अस्पतालों में बेड की कमी हो गई है और मरीजों को दूसरे अस्पतालों में रेफर करना पड़ रहा है। धूप निकलने पर ही करें मॉर्निंग वॉक विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में अचानक बीपी बढ़ने की आशंका रहती है। ऐसे में सुबह ठंड में खुले मैदान में टहलने से बचें। धूप निकलने पर ही मॉर्निंग वॉक करें। यदि धूप न निकले तो घर में ही हल्का व्यायाम और प्राणायाम करें। सर्दियों में उच्च प्रोटीन युक्त और सुपाच्य भोजन करें, ताकि शरीर की ऊर्जा बनी रहे और रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो। नमक का सेवन प्रतिदिन 5 ग्राम से अधिक न करें, क्योंकि ज्यादा नमक रक्तचाप को तेजी से बढ़ सकता है।


