पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि एटीएस ने भारतीय खाद्य निगम (FCI) राजस्थान में ‘ऑपरेशन स्क्वायर पिरामिड’ चलाया था। यह कार्रवाई उन निजी व्यक्तियों के खिलाफ की गई, जो भूतपूर्व सैनिकों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर एफसीआई के गोदामों और डिपो में खाद्य सुरक्षा गार्ड के रूप में नौकरी कर रहे थे। भारत सरकार द्वारा पूर्व सैनिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकारी प्रतिष्ठानों में 90 प्रतिशत कोटा दिया गया है। ये नियुक्तियां निजी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा किए गए सत्यापन, प्रशिक्षण और गारंटी के आधार पर दी जाती हैं। भारतीय खाद्य निगम में भी सुरक्षा गार्ड के रूप में पूर्व सैनिकों की नियुक्ति विभिन्न निजी सुरक्षा एजेंसियों के माध्यम से की गई है। एक संगठित गिरोह भूतपूर्व सैनिकों के पहचान पत्र, पेंशन पीपीओ, कैंटीन कार्ड और डिस्चार्ज प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेजों का दुरुपयोग करता था। वे इन दस्तावेजों को निजी व्यक्तियों के नाम से कूटरचित कर उन्हें एफसीआई में सुरक्षा गार्ड की नौकरी दिलवाते थे और बदले में नियमित रूप से कमीशन राशि प्राप्त करते थे। एटीएस द्वारा इस संबंध में प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान किया जा रहा है। पूर्व में इस मामले में 29 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अब अनुसंधान के दौरान चार और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें ब्यावर निवासी अजय कुमार (39), भीलवाड़ा निवासी रामेश्वरलाल मीना (50), बारां निवासी मुकुटबिहारी (49) और बूंदी निवासी मोहनलाल कुमावत (54) शामिल हैं। महानिरीक्षक पुलिस विकास कुमार ने आमजन से अपील की है, किसी भी अपराधी या उससे संबंधित सूचना एटीएस नियंत्रण कक्ष नंबर 0141-2601583 और वॉट्सऐप नंबर 9001999070 पर दी जा सकती है। सूचना देने वाले व्यक्ति की गोपनीयता का पूर्णरूप से ख्याल रखा जाएगा।


