नाबालिग से दोस्ती के बाद चैट वायरल करने की धमकी देकर न्यूड फोटो वीडियो बुलाने के आरोपी सुयश श्रीवास्तव को कोर्ट ने 3 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 6 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। फैसला विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) कुमुदिनी पटेल ने सुनाया है। ऐसे मामलों को ऑनलाइन ग्रूमिंग कहा जाता है। आरोपी ने पहले पीड़िता से वॉट्सएप पर दोस्ती की। इसके बाद दोनों के बीच हुई बातचीत को वायरल करने की धमकी देकर उससे न्यूड फोटो और वीडियो मंगाने लगा। सुयश पीड़िता से कहता था कि तुम बहुत सुंदर हो, इसलिए अपनी न्यूड फोटो भेजो। पीड़िता की मां ने आरोपी को भेजी गई न्यूड फोटो व वीडियो देख ली थी। इसके बाद साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई थी। मामले में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक दिव्या शुक्ला और नवीन श्रीवास्तव ने पैरवी की है। मां ने मोबाइल चेक किया तो हुआ खुलासा घटना 28 अक्टूबर 2019 से 14 फरवरी 2020 के बीच की है। आरोपी ने पीड़िता को अंजान नंबर से वॉट्सएप पर मैसेज किया था। वह आरोपी को नहीं जानती थी। आरोपी ने पहले उससे बात की और फिर दोस्ती की। इसके बाद आरोपी ने उसे डरा धमकाकर उसकी न्यूड फोटो और वीडियो वॉट्सएप पर बुलवाई। पीड़िता ने बताया कि 4 फरवरी 2020 को वो घर पर मां से छिपकर मोबाइल पर इंस्टाग्राम चला रही थी। इस दौरान मां ने उससे मोबाइल छीन लिया था। मोबाइल चैक करने पर उसमें वॉट्सएप पर भेजी गई न्यूड फोटो और वीडियो मिली थीं। इसके बाद मां ने आरोपी का नंबर ब्लॉक कर दिया था। 14 फरवरी को उन्होंने आरोपी का नंबर ब्लॉक लिस्ट से हटाया था। इसके बाद आरोपी ने उसे वैलेंटाइन डे विश किया था। फिर मां ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। स्कूल के दोस्तों को फोटो व वीडियो वायरल करने की धमकी देता था पीड़िता ने बताया कि आरोपी ने अक्टूबर 2019 में उससे चैट वायरल करने की धमकी देकर वॉट्सएप पर न्यूड फोटो बुलवाई थी। इसके बाद उसने 20 जनवरी 2020 को पीड़िता से दोबारा से न्यूड वीडियो मांगी थी। पीड़िता के मना करने पर सुयश ने कहा था कि वो पहले की न्यूड फोटो उसके स्कूल के दोस्तों को भेज देगा। इसके बाद आरोपी ने उसे वीडियो कॉल पर न्यूड वीडियो कैसे बनानी है, इसकी जानकारी दी थी। पीड़िता ने डर के कारण आरोपी को दोबारा से वीडियो बनाकर भेज दी थी। ऑनलाइन ग्रूमिंग क्या है… पहले आरोपी सोशल मीडिया पर नाबालिग से दोस्ती करता है। उसकी तारीफ करके भरोसा जीतता है। फिर फोटो और वीडियो की मांग करता है। मना करने पर वायरल करने की धमकी दी जाती है। आरोपी पहले अंजान नंबर से मैसेज करता है। चैट को सीक्रेट रखने की सलाह देता है। फिर डर पैदा कर ब्लैकमेल करता है। परिजनों को चाहिए कि वे अपने बच्चों के मोबाइल समय-समय पर चेक करें।


