एक ने टेम्पो चलाई तो दूसरे ने छोटे से कमरे से शुरू किया बिजनेस! कौन हैं नई एयरलाइन शंख एयर और अल-हिंद एयर के मालिक

एक ने टेम्पो चलाई तो दूसरे ने छोटे से कमरे से शुरू किया बिजनेस! कौन हैं नई एयरलाइन शंख एयर और अल-हिंद एयर के मालिक

देश में तीन नई एयरलाइंस शुरू होने जा रही हैं. केंद्रीय विमानन मंत्रालय ने जिन तीन एयरलाइंस को मंजूरी दी है उनमें अल-हिंद एयर, शंख एयर और फ्लाईएक्सप्रेस शामिल है. एविएशन बहुत चुनौतियों से भरा काम है. देश में मौजूदा एयरलाइंस जिसमें इंडिगो सबसे बड़ा प्लेयर है, उसको छोड़कर बाकी सारी एयरलाइंस वित्तीय संकटों से जूझ रही हैं. ऐसे में इन तीन कंपनियों का मार्केट में कदम रखना देश की एविएशन इंडस्ट्री के लिए भी अच्छा है और हवाई यात्रियों के लिए भी.

इन तीन एयरलाइंस में से दो प्रमोटर्स का एविएशन इंडस्ट्री से कोई सीधा जुड़ाव नहीं था और न ही किसी बड़े बिजनेस घराने से ताल्लुक था. अगर कोई ताल्लुक था, तो एक सपने से कि जिंदगी में कुछ करना है. इनमें से एक ने कानपुर की सड़कों पर दोस्तों के साथ टेंपो चलाकर जिंदगी का मकसद समझा, तो दूसरे ने अपने जुनून को पूरा करने के लिए एक केरल के कालीकट में छोटे से कमरे से टूर-ट्रेवल का बिजनेस शुरू किया, अब ये दोनों ही आज देश के आसमान पर पंख पसारने को तैयार हैं. आप जरूर जानना चाहेंगे इनकी कहानी कि कैसे इनकी कोशिशें चुनौतियों की जमीन से उठकर कामयाबी के फलक पर जा बैठीं।

शंख एयर के प्रमोटर श्रवण कुमार विश्वकर्मा

क्या आपने इसके पहले कभी श्रवण कुमार विश्वकर्मा का नाम सुना, शायद नहीं. अपने शुरुआती दिनों में दोस्तों के साथ उन्होंने कानपुर की सड़कों पर टेम्पो भी चलाई. श्रवण मानते हैं कि टेम्पो चलाकर उन्होंने लोगों की तकलीफों का समझा. एक मिडिल क्लास परिवार में पैदा हुए श्रवण ने साल 2022 में एक कंपनी शुरू की जो कि बिल्डिंग मैटेरियल, सिरामिक और कंक्रीट के क्षेत्र में काम करती है. उन्होंने ट्रांसपोर्ट बिजनेस में भी हाथ आजमाया और बड़ी सफलता मिली.

एक मिडिल क्लास परिवार में पैदा हुए श्रवण ने साल 2022 में एक कंपनी शुरू की

कुछ साल पहले जब वो सफर कर रहे थे, तो उन्होंने देखा कि एक मिडिल क्लास के लिए सस्ती एयरलाइन की कमी है, उन्होंने इस गैप को एक मौके की तरह देखा और तय किया कि वो भी एक एयरलाइन को शुरू करेंगे. बस, उन्होंने एविएशन सेक्टर में कदम रख दिया. शंख एयर उत्तर प्रदेश से आने वाली पहली एयरलाइन होगी. श्रवण कुमार दावा करते हैं कि वो डायनामिक प्राइसिंग पर काम नहीं करेंगे. वो खुद कहते हैं कि मेरे टिकट का दाम जो सुबह रहेगा, वही दाम आपको शाम को भी मिलेगा. मैं चाहता हूं हर व्यक्ति मेरे हवाई जहाज में बैठे, चाहे उसने हवाई चप्पल पहना हो या जूता.

अल-हिंद के प्रमोटर मोहम्मद हारिस

अल-हिंद एयर को शुरू करने वाले मोहम्मद हारिस थत्ताराथिल केरल के कालीकट (कोझीकोड) से एक बिजनेस लीडर हैं. वे अलहिंद ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रमोटर हैं और इसी ग्रुप की नई एयरलाइन अल हिंद एयर को लॉन्च कर रहे हैं. मोहम्मद हारिस ने हिस्ट्री और इकोनॉमिक्स में BA और फार्माकोलॉजी में ग्रेजुएशन की है. दिमाग तेज था और इरादे मजबूत और हारिस को शुरू से ही कुछ अलग करने का जुनून था, कुछ ऐसा जो उनकी अपनी सोच से मिलता हो.

इसलिए नौकरी करने की बजाय उन्होंने बिजनेस में रिस्क उठाना बेहतर समझा. उनका जुनून ट्रेवल इंडस्ट्री को लेकर था, इसलिए 1990 के शुरुआती दिनों में थोड़े से पैसों में एक छोटे से कमरे से उन्होंने एक टूर्स एंड ट्रैवल्स की शुरुआत की, नाम रखा – अलहिंद. हारिस एक इंटरव्यू के दौरान अपने सफर के बारे में बताते हुए कहते हैं “हमने अल हिंद को एक छोटे से सिंगल रूम से शुरू किया था और सच कहूं तो मुझे कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि हम इतना आगे तक पहुंच जाएंगे।”

अल-हिंद एयर को शुरू करने वाले मोहम्मद हारिस थत्ताराथिल केरल के कालीकट (कोझीकोड) से एक बिजनेस लीडर हैं.

छोटी शुरुआत ने वक्त के साथ बड़ी कामयाबियां हासिल की, वो ट्रेवल इंडस्ट्री का बड़ा नाम बन गए, कंपनी को गल्फ देशों और दुनिया भर में फैलाते हुए 130 से ज्यादा ऑफिस खोले और 15,000 से ज्यादा एजेंट्स का नेटवर्क तैयार किया। वो बताते हैं “जब हमने 1993 में अल हिंद शुरू किया, तो मेरे शहर कालीकट (कोझीकोड) में अच्छी ट्रेवल एजेंसियां बहुत कम थीं। लोग अक्सर मुझे अपनी ट्रैवल की परेशानियां बताते थे, टिकट मिलना मुश्किल, सही जानकारी न मिलना, और तरह-तरह की दिक्कतें पेश आती थीं।”

श्रवण कुमार और मोहम्मद हारिस की कहानी बताती है कि इरादे पक्के और नेक हों तो रास्ते अपने आप बन जाते हैं, तब चुनौतियां मुश्किलें नहीं सीढ़ियां बन जाती हैं.

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