श्रीरामलला का 77वाँ प्राकट्य महोत्सव पर आज निकलेगी शोभायात्रा:रामजन्मभूमि के गेट संख्या 3 से निलकेगी,पूजित कलश और रामलला का चित्रपट शामिल रहेगा

श्रीरामलला का 77वाँ प्राकट्य महोत्सव पर आज निकलेगी शोभायात्रा:रामजन्मभूमि के गेट संख्या 3 से निलकेगी,पूजित कलश और रामलला का चित्रपट शामिल रहेगा

रविवार से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में विराजमान प्रभु श्रीरामलला का 77वाँ प्राकट्य महोत्सव आरंभ हो गया है। श्रीराम जन्मभूमि सेवा समिति ने कलश गर्भगृह में स्थापित करने के लिए पुजारी को सौंप दिया था।आज पूजित कलश और रामलला के चित्रपट के साथ रामलला की विशाल शोभा यात्रा निकलेगी।इसमें संतों सहित सैकड़ों लोग शामिल रहेंगे। कार्यक्रम में समिति के सभापति महंत धर्मदास, महामंत्री अच्युत शंकर शुक्ल, संयुक्त मंत्री महंत जयराम दास, कोषाध्यक्ष महंत सत्येन्द्र दास वेदांती, महामंडलेश्वर गणेशानंद, महंत राम मिलन शरण, महंत श्यामसुंदर दास, महंत गोविंद दास, गया शरण, आचार्य वरुण दास, अविरल पाठक, व्यास श्याम उपाध्याय एवं अन्य सदस्य उपस्थित रहेंगे। महोत्सव में आज पूजित कलश के साथ विशाल शोभा यात्रा निकाली जाएगी। यह शोभा यात्रा श्रीराम जन्मभूमि संपर्क मार्ग संख्या तीन के सामने श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर से प्रारंभ होगी। श्रीराम जन्मभूमि के चारों ओर मार्गों से होकर रामकोट की परिक्रमा करते हुए वापस संपर्क मार्ग पर समाप्त होगी। इसमें श्री हनुमानगढ़ी का निशान, श्रीराम स्वरूप की झांकी, बैंड-बाजा और सांस्कृतिक झांकियां शामिल रहेंगी। इस वर्ष शोभा यात्रा मंगलवार, 23 दिसंबर को निकाली जाएगी, जिसमें समाज के हर वर्ग से प्रभु श्रीराम में आस्था रखने वाले शामिल होंगे। समिति के महामंत्री अच्युत शंकर शुक्ल ने कहा, कि 23 दिसंबर, रविवार को अयोध्या के सभी लोग शोभा यात्रा में अधिक से अधिक संख्या में आएं और प्रभु श्रीरामलला की कृपा प्राप्त करें।” 1949 से मनाया जा रहा प्राकट्योत्सव पौष शुक्ल तृतीया, 22-23 दिसंबर 1949 को ही श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में विराजमान प्रभु श्रीरामलला का प्राकट्य हुआ और उनकी तीनों भाइयों संग प्राण-प्रतिष्ठा की गई। बाबा अभिराम दास जी की प्रेरणा से उक्त तिथि पर प्राण-प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त निकाला गया था। कहा गया कि इस तिथि पर प्राण-प्रतिष्ठा होने के कारण भगवान की मूर्ति को कभी हटाया नहीं जा सकेगा। 22 दिसंबर की मध्यरात्रि से 23 दिसंबर 1949 को पूज्य बाबा अभिराम दास के नेतृत्व में भगवान श्रीरामलला का प्राकट्य हुआ। सन् 1950 से श्रीराम जन्मभूमि सेवा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष स्वर्गीय ठाकुर गुरुदत्त सिंह, महामंत्री स्वर्गीय गोपाल सिंह विशारद और मंत्री साकेत वासी महंत रामचंद्र परमहंस व अन्य सदस्यों द्वारा पौष शुक्ल तृतीया को हर वर्ष प्राकट्य महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। इस साल समिति के आयोजन इस वर्ष, 21 दिसंबर को समिति के सदस्यों द्वारा गर्भगृह में कलश स्थापना की गई और 23 दिसंबर को अपराह्न 2 बजे पूजित कलश के साथ विशाल शोभा यात्रा निकाली जाएगी। शोभा यात्रा पूज्य साधु-संतों के नेतृत्व में श्री हनुमानगढ़ी का निशान, श्रीराम जन्मभूमि में स्थापित पूजित कलश, श्रीराम दरबार और अन्य सांस्कृतिक झांकियों सहित निकलेगी। शोभा यात्रा श्रीराम जन्मभूमि संपर्क मार्ग (निकट श्री क्षीरेश्वर नाथ मंदिर) से प्रारंभ होकर परंपरागत मार्ग से रामकोट परिक्रमा पूरी करने के बाद पुनः संपर्क मार्ग पर समाप्त होगी। इसमें श्री हनुमानगढ़ी का निशान, श्रीरामदरबार की झांकी, बैंड-बाजा और सांस्कृतिक झांकियाँ लोगों के आकर्षण का केंद्र रहेंगी। समिति के महामंत्री अच्युत शंकर शुक्ल ने कहा कि आयोजन का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों को सनातन संस्कृति से जोड़ना, रामराज्य की स्थापना का संदेश देना और श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में योगदान देने वालों का सम्मान करना है। उन्होंने कहा कि 23 दिसंबर को अयोध्या के सभी लोग शोभा यात्रा में अधिक से अधिक संख्या में शामिल हों और प्रभु श्रीरामलला का आशीर्वाद प्राप्त करें।

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श्रीरामलला का 77वाँ प्राकट्य महोत्सव पर आज निकलेगी शोभायात्रा:रामजन्मभूमि के गेट संख्या 3 से निलकेगी,पूजित कलश और रामलला का चित्रपट शामिल रहेगा

श्रीरामलला का 77वाँ प्राकट्य महोत्सव पर आज निकलेगी शोभायात्रा:रामजन्मभूमि के गेट संख्या 3 से निलकेगी,पूजित कलश और रामलला का चित्रपट शामिल रहेगा

रविवार से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में विराजमान प्रभु श्रीरामलला का 77वाँ प्राकट्य महोत्सव आरंभ हो गया है। श्रीराम जन्मभूमि सेवा समिति ने कलश गर्भगृह में स्थापित करने के लिए पुजारी को सौंप दिया था।आज पूजित कलश और रामलला के चित्रपट के साथ रामलला की विशाल शोभा यात्रा निकलेगी।इसमें संतों सहित सैकड़ों लोग शामिल रहेंगे। कार्यक्रम में समिति के सभापति महंत धर्मदास, महामंत्री अच्युत शंकर शुक्ल, संयुक्त मंत्री महंत जयराम दास, कोषाध्यक्ष महंत सत्येन्द्र दास वेदांती, महामंडलेश्वर गणेशानंद, महंत राम मिलन शरण, महंत श्यामसुंदर दास, महंत गोविंद दास, गया शरण, आचार्य वरुण दास, अविरल पाठक, व्यास श्याम उपाध्याय एवं अन्य सदस्य उपस्थित रहेंगे। महोत्सव में आज पूजित कलश के साथ विशाल शोभा यात्रा निकाली जाएगी। यह शोभा यात्रा श्रीराम जन्मभूमि संपर्क मार्ग संख्या तीन के सामने श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर से प्रारंभ होगी। श्रीराम जन्मभूमि के चारों ओर मार्गों से होकर रामकोट की परिक्रमा करते हुए वापस संपर्क मार्ग पर समाप्त होगी। इसमें श्री हनुमानगढ़ी का निशान, श्रीराम स्वरूप की झांकी, बैंड-बाजा और सांस्कृतिक झांकियां शामिल रहेंगी। इस वर्ष शोभा यात्रा मंगलवार, 23 दिसंबर को निकाली जाएगी, जिसमें समाज के हर वर्ग से प्रभु श्रीराम में आस्था रखने वाले शामिल होंगे। समिति के महामंत्री अच्युत शंकर शुक्ल ने कहा, कि 23 दिसंबर, रविवार को अयोध्या के सभी लोग शोभा यात्रा में अधिक से अधिक संख्या में आएं और प्रभु श्रीरामलला की कृपा प्राप्त करें।” 1949 से मनाया जा रहा प्राकट्योत्सव पौष शुक्ल तृतीया, 22-23 दिसंबर 1949 को ही श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में विराजमान प्रभु श्रीरामलला का प्राकट्य हुआ और उनकी तीनों भाइयों संग प्राण-प्रतिष्ठा की गई। बाबा अभिराम दास जी की प्रेरणा से उक्त तिथि पर प्राण-प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त निकाला गया था। कहा गया कि इस तिथि पर प्राण-प्रतिष्ठा होने के कारण भगवान की मूर्ति को कभी हटाया नहीं जा सकेगा। 22 दिसंबर की मध्यरात्रि से 23 दिसंबर 1949 को पूज्य बाबा अभिराम दास के नेतृत्व में भगवान श्रीरामलला का प्राकट्य हुआ। सन् 1950 से श्रीराम जन्मभूमि सेवा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष स्वर्गीय ठाकुर गुरुदत्त सिंह, महामंत्री स्वर्गीय गोपाल सिंह विशारद और मंत्री साकेत वासी महंत रामचंद्र परमहंस व अन्य सदस्यों द्वारा पौष शुक्ल तृतीया को हर वर्ष प्राकट्य महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। इस साल समिति के आयोजन इस वर्ष, 21 दिसंबर को समिति के सदस्यों द्वारा गर्भगृह में कलश स्थापना की गई और 23 दिसंबर को अपराह्न 2 बजे पूजित कलश के साथ विशाल शोभा यात्रा निकाली जाएगी। शोभा यात्रा पूज्य साधु-संतों के नेतृत्व में श्री हनुमानगढ़ी का निशान, श्रीराम जन्मभूमि में स्थापित पूजित कलश, श्रीराम दरबार और अन्य सांस्कृतिक झांकियों सहित निकलेगी। शोभा यात्रा श्रीराम जन्मभूमि संपर्क मार्ग (निकट श्री क्षीरेश्वर नाथ मंदिर) से प्रारंभ होकर परंपरागत मार्ग से रामकोट परिक्रमा पूरी करने के बाद पुनः संपर्क मार्ग पर समाप्त होगी। इसमें श्री हनुमानगढ़ी का निशान, श्रीरामदरबार की झांकी, बैंड-बाजा और सांस्कृतिक झांकियाँ लोगों के आकर्षण का केंद्र रहेंगी। समिति के महामंत्री अच्युत शंकर शुक्ल ने कहा कि आयोजन का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों को सनातन संस्कृति से जोड़ना, रामराज्य की स्थापना का संदेश देना और श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में योगदान देने वालों का सम्मान करना है। उन्होंने कहा कि 23 दिसंबर को अयोध्या के सभी लोग शोभा यात्रा में अधिक से अधिक संख्या में शामिल हों और प्रभु श्रीरामलला का आशीर्वाद प्राप्त करें।

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