‘बूढ़े’ ब्रिज:राऊ ब्रिज 10 माह में हिलने लगा, तीन इमली 10 साल बाद भी अधूरा

‘बूढ़े’ ब्रिज:राऊ ब्रिज 10 माह में हिलने लगा, तीन इमली 10 साल बाद भी अधूरा

शहर के पांच फ्लायओवर और रेलवे ओवरब्रिज 10 साल में ही ‘बूढ़े’ हो गए हैं। कहीं रिटेनिंग वॉल हिलने लगी हैं, दरारें उभर आई हैं तो कहीं इतने गड्‌ढे हो गए हैं, लोगों का निकलना मुश्किल है। मात्र 10 माह पहले तैयार राऊ फ्लाय ओवर में अभी से गड्ढे व दरारें दिखने लगी हैं। रिटेनिंग वॉल हिल रही है। 10 साल पुराने तीन इमली ब्रिज के अधूरे काम अब तक पूरे नहीं हो पाए हैं। सर्विस रोड, रिटेनिंग वॉल अधूरी है और डामर उखड़ा हुआ है। तीन इमली ब्रिज के रखरखाव को लेकर नगर निगम और लोक निर्माण विभाग आपस में लड़ रहे हैं। 10 साल पहले 17 करोड़ में बने राऊ रेलवे ओवरब्रिज के भी यही हाल हैं। ब्रिज पर आठ-आठ इंच गहरे गड्‌ढे हैं। ठेकेदार हाथ खड़े कर चुका है। बंगाली ब्रिज पर तीन साल में ही उछलने लगी गाड़ियां, गाड़ी अड्‌डा का प्लान ही फेल भास्कर एक्सपर्ट – अतुल शेठ, अर्बन प्लानर सर्वे टीम खत्म, सुपरविजन भी कमजोर अधिकारी गूगल मैप देखकर प्लानिंग कर रहे हैं। बिना समझे की ट्रैफिक का बहाव किस तरफ है और कहां ब्रिज की ज्यादा जरूरत है। अब साइट पर सिर्फ लेबर दिखती है, इंजीनियर नदारद हैं। मेंटेनेंस का शेड्यूल ही नहीं है। किस ब्रिज को कब नवीनीकरण की जरूरत है इसका एक सम्पूर्ण टाइम टेबल बनाया जाता है, लेकिन अब ये सारे विभाग ही गायब हो गए हैं। ^ राऊ रेलवे ओवरब्रिज पर डामरीकरण करवा रहे हैं। राजेंद्र नगर और गाड़ी अड्डा ब्रिज नगर निगम के पास हैं। स्ट्रक्चर में कोई समस्या नहीं है। – गुरनीत कौर भाटिया, ईई, पीडब्ल्यूडी ^राऊ फ्लायओवर की एजेंसी को पूर्णता प्रमाण पत्र नहीं दिया है। बैंक गारंटी भी रिफंड नहीं की है। वे काम नहीं करेंगे तो अलग से मरम्मत कराएंगे। – प्रवीण यादव, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआई

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