बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की ‘सनातन हिंदू एकता पदयात्रा’ शुक्रवार सुबह दिल्ली के कात्यायनी माता मंदिर से श्री धाम वृंदावन के लिए शुरू हुई। पं. शास्त्री ने इसे विचारों को जगाने वाली ‘वैचारिक क्रांति’ बताया। 7 नवंबर से 16 नवंबर तक चलने वाली इस यात्रा के जरिए 5 करोड़ लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य है। इस यात्रा में मुस्लिम समाज के 300 से अधिक लोग भी शामिल हो रहे हैं। गुरुवार दोपहर नई दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशनल क्लब में मीडिया से बात करते हुए पं. शास्त्री ने कहा कि यह यात्रा नहीं, बल्कि विचारों को जगाने के लिए एक वैचारिक क्रांति है, जिसमें सबकी भागीदारी होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे विवाद के बजाय संवाद के माध्यम से आगे बढ़ना चाहते हैं। यह यात्रा माया शक्ति की नगरी से माधव की नगरी तक चलेगी। 5 करोड़ लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य
बागेश्वर महाराज ने देश-विदेश में रहने वाले हिंदुओं से 7 नवंबर से 16 नवंबर तक चलने वाली इस यात्रा में कम से कम एक दिन के लिए अवश्य शामिल होने का आह्वान किया। पं. शास्त्री ने बताया कि इस पदयात्रा का संदेश दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की 422 ग्राम पंचायतों के साथ-साथ नगरों और कस्बों सहित लगभग 5 करोड़ की आबादी तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। मुस्लिम समाज का मिला समर्थन, 300 लोग होंगे शामिल
इस यात्रा को मुस्लिम समाज का भी समर्थन मिला है। फैज खान के नेतृत्व में तीन सौ से अधिक मुस्लिम समाज के लोग इस पदयात्रा में शामिल होंगे। विगत दिनों दिल्ली में मुस्लिम समाज के लोगों के साथ हुई बैठक में महाराज ने संवाद किया था। इस दौरान समाज के सभी लोगों ने यात्रा का समर्थन करते हुए साथ चलने का भरोसा दिया। मुस्लिम समाज के लोगों का कहना है कि सनातन हिंदू एकता पदयात्रा लोगों को जोड़ने का काम कर रही है, इसलिए वे इसमें साथ चलेंगे। यात्रा के 8 मुख्य संकल्प
इस पदयात्रा के माध्यम से कई संकल्पों को पूरा करने का आह्वान किया गया है। इनमें शामिल हैं…


