तत्काल विंडो टिकट के लिए अब OTP जरूरी:कुछ दिनों में पूरे देश में लागू होगा सिस्टम, काउंटर बुकिंग को सुरक्षित बनाने के लिए रेलवे का फैसला

तत्काल विंडो टिकट के लिए अब OTP जरूरी:कुछ दिनों में पूरे देश में लागू होगा सिस्टम, काउंटर बुकिंग को सुरक्षित बनाने के लिए रेलवे का फैसला

भारतीय रेलवे तत्काल टिकटों की काउंटर बुकिंग में बदलाव करने जा रही है। अब पैसेंजर्स को टिकट कन्फर्म करने के लिए मोबाइल पर OTP वेरिफाई करना होगा। ये सिस्टम अगले कुछ दिनों में पूरे देश की सभी ट्रेनों पर लागू हो जाएगा। साथ ही ट्रेन चार्ट तैयार करने का समय भी 4 घंटे से बढ़ाकर 8 घंटे पहले कर दिया जाएगा। इससे वेट-लिस्ट वाले पैसेंजर्स को प्लानिंग के लिए ज्यादा समय मिलेगा। पायलट प्रोजेक्ट 17 नवंबर को 52 ट्रेनों पर शुरू हुआ था, जो सफल रहा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने चार्ट टाइमिंग के बदलाव को मंजूरी दी है। ये कदम तत्काल कोटा में गलत इस्तेमाल रोकने और ईमानदार पैसेंजर्स को आसानी देने के लिए उठाए गए हैं। पहले ही ऑनलाइन तत्काल बुकिंग में आधार वेरिफिकेशन और जनरल रिजर्वेशन में OTP चालू हो चुका है। काउंटर तत्काल बुकिंग में OTP का क्या मतलब है? तत्काल टिकट हाई डिमांड वाले होते हैं, इसलिए काउंटर पर लाइन लगती है और कभी-कभी टिकट गलत हाथों में चले जाते हैं। अब जब कोई पैसेंजर काउंटर पर टिकट बुक करेगा, तो उसके मोबाइल नंबर पर OTP भेजा जाएगा। OTP डालने के बाद ही टिकट कन्फर्म होगा। इससे फर्जी बुकिंग रुकेगी और असली ट्रैवलर्स को फायदा मिलेगा। रेलवे के मुताबिक, ये सिस्टम पहले ही जनरल बुकिंग के पहले दिन पर सफलतापूर्वक चल रहा है। अक्टूबर 2025 से ये सुविधा शुरू हुई थी, जिसका रिस्पॉन्स अच्छा रहा। जुलाई 2025 में ऑनलाइन तत्काल के लिए आधार बेस्ड ऑथेंटिकेशन जोड़ा गया था, जो फ्रॉड को कम करने में मददगार साबित हुआ। अब काउंटर बुकिंग को भी इसी तरह सुरक्षित बनाया जा रहा है। नया सिस्टम कुछ दिनों में सभी ट्रेनों पर लागू होगा 17 नवंबर 2025 को शुरू हुए पायलट में 52 ट्रेनों पर OTP सिस्टम टेस्ट किया गया। रिजल्ट पॉजिटिव आने के बाद रेलवे ने फैसला लिया कि अगले कुछ दिनों में बाकी सभी ट्रेनों पर इसे लागू कर दिया जाएगा। फेज में रोलआउट होगा, ताकि कोई दिक्कत न हो। साथ ही ट्रेन चार्ट तैयार करने का समय बढ़ाने का ऐलान भी हो गया है। अभी चार्ट डिपार्चर से 4 घंटे पहले बनता है, लेकिन अब 8 घंटे पहले तैयार होगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की मंजूरी से ये बदलाव होगा। पैसेंजर्स को वेट-लिस्ट स्टेटस जल्दी पता चलेगा, जिससे अल्टरनेटिव प्लान बनाने का टाइम मिलेगा। उदाहरण के लिए अगर आपकी टिकट कन्फर्म न हो, तो दूसरी ट्रेन या लोकल ट्रांसपोर्ट का इंतजाम पहले कर सकेंगे। मौजूदा सिस्टम की दिक्कतें, बदलाव क्यों जरूरी तत्काल कोटा में मिसयूज की शिकायतें लंबे समय से आ रही हैं। काउंटर पर बिना वेरिफिकेशन के टिकट बुक हो जाते हैं, जिससे एजेंट्स और गलत लोग फायदा उठाते हैं। आम पैसेंजर्स को मुश्किल होती है। रेलवे ने पिछले कुछ महीनों में कई रिफॉर्म्स किए हैं। जुलाई में ऑनलाइन तत्काल के लिए आधार लिंकिंग जरूरी की गई, जिससे फर्जी आईडी रुकीं। अक्टूबर में जनरल बुकिंग के पहले दिन OTP जोड़ा गया, जो ट्रांसपेरेंसी बढ़ाने में कामयाब रहा। अब काउंटर तत्काल को भी इसी चेन में जोड़ा जा रहा है। रेलवे के एक अधिकारी ने कहा, ‘ये बदलाव पैसेंजर्स की सुविधा के लिए हैं। हम चाहते हैं कि हर कोई आसानी से टिकट पा सके।’ चार्ट टाइमिंग बढ़ाने से भी लाखों पैसेंजर्स को राहत मिलेगी। टिकटिंग सिस्टम को डिजिटल बनाएगा रेलवे रेलवे टिकटिंग सिस्टम को और डिजिटल बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। OTP सिस्टम के बाद अगला फोकस IRCTC एप के सुधारों पर होगा। जल्द ही फेस रिकग्निशन या बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन जैसे ऑप्शंस भी आएंगे। चार्ट प्रिपरेशन का फेज्ड रोलआउट सभी जोन में होगा, ताकि सिस्टम स्मूथ चले। ये बदलाव 2025 के आखिरी तक पूरी तरह लागू हो जाएंगे। रेलवे का मकसद है कि पैसेंजर्स को ज्यादा ट्रांसपेरेंट और कन्वीनिएंट एक्सपीरियंस मिले। अगर आप तत्काल बुकिंग करते हैं, तो अपना मोबाइल नंबर अपडेट रखें वरना दिक्कत हो सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *