राजधानी की व्यस्ततम और अहम 12 सड़कों पर ई-रिक्शा की नो-एंट्री के आदेश को 3 महीने से ज्यादा हो चुके हैं। लेकिन, इसका पालन होता नहीं दिख रहा है। ई-रिक्शों की नो-एंट्री सिर्फ कागजों तक सीमित होकर रह गई है। जमीनी स्तर पर यह आदेश अभी उतर नहीं पाया है। सभी नो-एंट्री जोन में धड़ल्ले से ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं। इनको रोकने के लिए कहीं पर कोई ट्रैफिक पुलिसकर्मी नजर नहीं आता है। आदेश जारी करते समय कहा गया था कि अगले एक हफ्ते तक ई-रिक्शा चालकों को नो-एंट्री में न आने की समझाइश दी जाएगी। इसके बाद चालानी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन 11 दिनों में न तो ई-रिक्शा चालकों को न कोई समझाइश देता कोई नजर आया और न हफ्तेभर बाद से कोई कार्रवाई की गई। कार्रवाई न होने से पीक ऑवर्स में जाम की समस्या बनती है। 12 प्रमुख रूट पर है नो-एंट्री 22 जुलाई को कलेक्टर ने आदेश जारी किया था कि ई-रिक्शा की एंट्री पर 12 प्रमुख रूट पर नो-एंट्री रहेगी। इसका पालन ट्रैफिक पुलिस को करना होगा। इससे 2 दिन पहले स्कूली बच्चों को ई-रिक्शा पर आने-जाने पर रोक लगाए जाने का आदेश हुआ था। 27 जून को जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में ई-रिक्शा चलाने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया था। राजभवन, रंगमहल, रोशनपुरा, वीआईपी रोड, लालघाटी से स्टेट हैंगर, लिंक रोड नंबर-1 समेत सभी नो-एंट्री वाले 12 रूटों पर ई-रिक्शा दौड़ते मिले। चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस की चौकी फिर भी लगा रहता है ई-रिक्शा का जमावड़ा बोर्ड ऑफिस चौराहा
व्यस्ततम चौराहे बोर्ड से अपेक्स बैंक तक ई-रिक्शा को प्रतिबंधित किया गया है। लेकिन, इसका पालन होता नहीं दिखा। चौराहे से अपेक्स बैंक जाने के लिए लाइन से बड़ी संख्या में ई-रिक्शा खड़े थे। हैरानी की बात यह है कि इसी चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस की चौकी भी है। इसके बाद भी यहां ई-रिक्शा धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं और इनको रोकने के लिए कोई नहीं है। रंगमहल चौराहा
रंगमहल चौराहे पर ई-रिक्शों के कारण जाम की स्थिति अधिकतर समय बनी रहती थी। इसी को ठीक करने के लिए रंगमहल चौराहे से काटजू अस्पताल तक ई-रिक्शा को नो-एंट्री की गई है। लेकिन, जब भास्कर रिपोर्टर ने मौके पर जाकर हकीकत देखी, तो यहां बेतरतीब तरीके से बड़ी संख्या में ई-रिक्शा खड़े थे। इससे लेफ्ट टर्न पूरी तरह बंद हो गया था। इन रूट पर है नो-एंट्री पॉलीटेक्निक चैराहा … पॉलीटेक्निक चौराहे से बोट क्लब तक ई-रिक्शा के संचालन पर प्रतिबंध लगा है। इसके बाद भी यहां ई-रिक्शा चल रहे हैं। रोकने वाला कोई नहीं है। यहां ट्रैफिक मौजूद तो रहती है, लेकिन उनका ध्यान सिर्फ हैलमेट और सीट बेल्ट को लेकर चालानी कार्रवाई करने पर रहता है। यहां ई-रिक्शा चालक सड़क पर रिक्शा लगाकर सवारी भरते हैं। जिससे पीछे जाम लगने लगता है। यही हाल वीआईपी रोड का भी है। त्योहार के चलते नहीं की कार्रवाई कार्रवाई की जा रही है। प्रतिबंधित रूट पर चलने वाले ई-रिक्शों के खिलाफ चालानी कार्रवाई हो रही है। सख्त मॉनीटरिंग की जा रही है। कुछ इलाकों में त्योहार के चलते ट्रैफिक ज्यादा होने से ई-रिक्शा नहीं रोके जा सके हैं। उन पर भी अब कार्रवाई शुरू की जा रही है।
बसंत कौल, एडिशनल डीसीपी ट्रैफिक


