जालोर। सड़क सुविधा से महरूम गांवों को नई सड़कों की सौगात मिली है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाय) के चतुर्थ चरण में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए स्वीकृतियां जारी की गई हैं। इसके तहत वंचित गांवों व ढाणियों तक कुल 117 नई डामर सड़कों का निर्माण होगा। इस कार्य के लिए 171.48 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है।
ये वे गांव-ढाणियां हैं, जहां अब तक संपर्क सड़कें नहीं थीं। कच्चे मार्गों से आवाजाही करने वाले ग्रामीणों के लिए डामर सड़क अब सपना नहीं रहेगा। इसमें सांचौर, चितलवाना और सायला क्षेत्र की ढाणियां प्रमुख हैं। सर्वाधिक 41 सड़कों की स्वीकृति सायला ब्लॉक के लिए हुई है। इसके अलावा सरनाऊ, सांचौर और चितलवाना ब्लॉक के लिए कुल 25 सड़कें शामिल हैं।
ब्लॉकवार स्वीकृतियां
आहोर ब्लॉक में 2 सड़कों के लिए 143.40 लाख रुपए स्वीकृत हुए हैं। इसी तरह बागोड़ा ब्लॉक में 10, भीनमाल में 11, चितलवाना में 6, जालोर में 5, जसवंतपुरा में 12, रानीवाड़ा में 11, सांचौर में 4, सरनाऊ में 15 और सायला ब्लॉक में कुल 41 सड़कों का निर्माण किया जाएगा।
इन सड़कों की कुल लंबाई आहोर में 2.70 किलोमीटर, बागोड़ा में 36.63 किमी, भीनमाल में 28.95 किमी, चितलवाना में 14.32 किमी, जालोर में 11.81 किमी, जसवंतपुरा में 21.27 किमी, रानीवाड़ा में 22.02 किमी, सांचौर में 10.66 किमी, सरनाऊ में 34.85 किमी और सायला में 101.72 किमी रहेगी। इस तरह कुल 284.92 किलोमीटर नई सड़कें बनेंगी।
जिले में 25 साल की स्थिति
विभागीय जानकारी के अनुसार पीएमजीएसवाय के तहत पिछले ढाई दशक में जालोर जिले में कुल 3085.48 किलोमीटर नई सड़कें बनाई गईं, जिन पर 734.04 करोड़ रुपए खर्च हुए। इस दौरान 493 ढाणियों को सड़क से जोड़ा गया। साथ ही 869.16 किलोमीटर पुरानी ग्रेवल व क्षतिग्रस्त सड़कों को अपग्रेड किया गया, जिस पर 245 करोड़ रुपए व्यय हुए।
इस दायरे में चिह्नित हुई सड़कें
वर्तमान में पीएमजीएसवाय के तहत 250 या उससे अधिक आबादी वाली ढाणियों को शामिल किया गया है। इनमें सर्वाधिक जरूरत वाली वंचित ढाणियों को प्राथमिकता दी गई है।
पत्रिका व्यू
विभाग का कहना है कि वर्तमान में 117 सड़कें स्वीकृत की गई हैं, जो उन सभी वंचित ढाणियों के लिए हैं, जहां कच्चे मार्गों के कारण आवाजाही मुश्किल है। दूसरा अहम पहलू यह भी है कि गांवों में पूर्व में बनी कई सड़कों की स्थिति खराब है। जो डामर सड़कें हैं, वे भी जगह-जगह से टूट चुकी हैं। वंचित गांवों तक नई सड़कों के निर्माण के साथ-साथ पहले से बनी सड़कों की नियमित देखरेख, मरम्मत और पुनः डामरीकरण भी आवश्यक है।
इन्होंने कहा
जालोर जिले के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 117 सड़कें स्वीकृत हुई हैं। इन मार्गों के निर्माण के बाद सड़क सुविधा से वंचित गांव-ढाणियों तक आवाजाही आसान होगी।
- शंकरलाल सुथार, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी, जालोर


