ग्वालियर. शासकीय अस्पतालों में पैथोलॉजी सेवाओं में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से सोमवार से मुरार जिला अस्पताल में एक नई व्यवस्था लागू की गई है। अब पैथोलॉजी जांचों के लिए आधार कार्ड से ङ्क्षलक मोबाइल नंबर अनिवार्य कर दिया गया है। इस निर्णय का सीधा असर मरीजों पर पड़ रहा है, जिन्हें घंटों इंतजार करना पड़ रहा है, वहीं कई मरीज बिना जांच कराए ही लौटने को मजबूर हैं।
आधार-ओटीपी के बिना नहीं जांच… नई व्यवस्था के तहत, ओपीडी
में डॉक्टर द्वारा जांच लिखे जाने के बाद मरीज को पहले अपना आधार कार्ड प्रस्तुत करना होगा। इसके बाद आधार से ङ्क्षलक मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजी जाएगी, जिसके सत्यापन के बाद ही जांच संभव होगी। हालांकि, मरीजों को इस नई प्रक्रिया की पूर्व जानकारी न होने के कारण अस्पताल में सोमवार को अव्यवस्था की स्थिति बनी रही।
लापरवाही या जानकारी का अभाव, मरीज बेहाल
अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले बड़ी संख्या में मरीज या तो आधार कार्ड साथ लेकर नहीं आते, या फिर उनका मोबाइल नंबर आधार से ङ्क्षलक नहीं होता। ऐसे में उन्हें या तो बिना जांच के ही लौटना पड़ रहा है, या आधार कार्ड लाने के लिए दोबारा अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। मंगलवार को ऐसे कई मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ा, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ गई।
पारदर्शिता का लक्ष्य, परेशानी का सबब… यह सख्ती निजी एजेंसियों द्वारा पैथोलॉजी सेवाओं के संचालन में लगातार अनियमितताओं के आरोपों के बाद राज्य शासन द्वारा बरती गई है। शासन का उद्देश्य इन सेवाओं में पारदर्शिता लाना है, लेकिन बिना उचित जन जागरूकता और वैकल्पिक व्यवस्था के इसे लागू करने से मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
सिविल सर्जन
का बयान
इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. राजेश शर्मा ने बताया, राज्य शासन के आदेशानुसार यह नई व्यवस्था लागू की गई है। जिसके तहत अब आधार से ङ्क्षलक मोबाइल वाले मरीजों की ही जांच की व्यवस्था की गई है। मंगलवार को भी कुछ मरीजों को इंतजार भी करना पड़ा। यहां आने वाले मरीजों को आभा आईडी से भी जोड़ा जा रहा है।


