हनुमान मंदिरों में हर्षोल्लास के साथ हनुमान जन्मोत्सव मनाया

हनुमान मंदिरों में हर्षोल्लास के साथ हनुमान जन्मोत्सव मनाया

शहर सहित जिला के विभिन्न हनुमान मंदिरों में हर्षोल्लास के साथ हनुमान जन्मोत्सव मनाया गया। शहर के प्रसिद्ध हनुमान प्रेम मंदिर में विद्वान पंडितों के माध्यम से वैदिक मंत्रों के साथ आज विशेष पूजा पाठ किया गया। दक्षिण मुखी युगल हनुमान जी को 56 प्रकार का महा भोग लगाया गया, साथ ही भजन संध्या का भी आयोजन किया गया जिससे वातारण भक्तिमय बना रहा। मंदिर के सचिव राजू कुमार राज ने बताया कि मंदिर में विशेष पूजा पाठ में सहयोग मंदिर के सदस्य के साथ साथ श्रद्धालु भक्तों खासकर युवा वर्गों का प्रमुख योगदान रहता है। दीपावली से एक दिन पहले कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि पर हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है, इस दिन हनुमान जी की विशेष पूजा आराधना की जाती है। इसी दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली भी होती है। इस तिथि पर जो भी भक्त हनुमान जी की आराधना विधि-विधान से करता है उसके बल, बुद्धि और विद्या में वृद्धि होती है। हनुमान प्रेम मंदिर के पुजारी पंडित पंकज झा शास्त्री ने बताया कि वाल्मीकि रामायण के अनुसार, हनुमान जी का जन्म कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को स्वाति नक्षत्र और मेष लग्न में हुआ था। यह दिन नरक चतुर्दशी के रूप में भी मनाया जाता है और इस कारण हनुमान जयंती भी इसी दिन मनाई जाती है। पंडित पंकज झा शास्त्री ने कहा कि हनुमान जी को 56 प्रकार का विशेष भोग लगाकर महा प्रसाद श्रद्धालु भक्तों में वितरण किया गया। हनुमान जी के सेवा में युवा वर्गों की विशेष तत्परता रहती है कारण हनुमान जी को युवा वर्ग अपना परम आराध्य मानते हैं। शहर सहित जिला के विभिन्न हनुमान मंदिरों में हर्षोल्लास के साथ हनुमान जन्मोत्सव मनाया गया। शहर के प्रसिद्ध हनुमान प्रेम मंदिर में विद्वान पंडितों के माध्यम से वैदिक मंत्रों के साथ आज विशेष पूजा पाठ किया गया। दक्षिण मुखी युगल हनुमान जी को 56 प्रकार का महा भोग लगाया गया, साथ ही भजन संध्या का भी आयोजन किया गया जिससे वातारण भक्तिमय बना रहा। मंदिर के सचिव राजू कुमार राज ने बताया कि मंदिर में विशेष पूजा पाठ में सहयोग मंदिर के सदस्य के साथ साथ श्रद्धालु भक्तों खासकर युवा वर्गों का प्रमुख योगदान रहता है। दीपावली से एक दिन पहले कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि पर हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है, इस दिन हनुमान जी की विशेष पूजा आराधना की जाती है। इसी दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली भी होती है। इस तिथि पर जो भी भक्त हनुमान जी की आराधना विधि-विधान से करता है उसके बल, बुद्धि और विद्या में वृद्धि होती है। हनुमान प्रेम मंदिर के पुजारी पंडित पंकज झा शास्त्री ने बताया कि वाल्मीकि रामायण के अनुसार, हनुमान जी का जन्म कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को स्वाति नक्षत्र और मेष लग्न में हुआ था। यह दिन नरक चतुर्दशी के रूप में भी मनाया जाता है और इस कारण हनुमान जयंती भी इसी दिन मनाई जाती है। पंडित पंकज झा शास्त्री ने कहा कि हनुमान जी को 56 प्रकार का विशेष भोग लगाकर महा प्रसाद श्रद्धालु भक्तों में वितरण किया गया। हनुमान जी के सेवा में युवा वर्गों की विशेष तत्परता रहती है कारण हनुमान जी को युवा वर्ग अपना परम आराध्य मानते हैं।  

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