नेशनल सैंपल सर्वे:ऑनलाइन खरीदारी में राजस्थान 34वें नंबर पर, हर छठा परिवार कर रहा खरीदारी, 58 फीसदी कपड़े-जूते-मोबाइल के ऑर्डर, फूड आइटम सिर्फ 6.5 प्रतिशत खरीद रहे

नेशनल सैंपल सर्वे:ऑनलाइन खरीदारी में राजस्थान 34वें नंबर पर, हर छठा परिवार कर रहा खरीदारी, 58 फीसदी कपड़े-जूते-मोबाइल के ऑर्डर, फूड आइटम सिर्फ 6.5 प्रतिशत खरीद रहे

देश के 36 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में ऑनलाइन खरीदारी के मामले में राजस्थान अभी तक 34वें नंबर पर है। प्रदेश 14.3 फीसदी यानी हर छठा परिवार ही ऑनलाइन शॉपिंग कर रहा, जबकि देश में 24.5 फीसदी यानी हर चौथा परिवार ऑनलाइन कुछ ना कुछ मंगवाता है। चंडीगढ़ के 68.7 परिवार ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं। इस लिहाज चंडीगढ़ टाॅप पर और लद्दाख आखिरी स्थान पर है। राजस्थान ग्रामीण परिवार ऑनलाइन खरीद के लिहाज से देश में आखिरी, जबकि शहरी 30वें नंबर आते हैं। प्रदेश में ऑनलाइन खरीदारी करने वालों में से 58.4% गारमेंट, जूते और मोबाइल जैसी गैर खाद्य वस्तुएं मंगवा रहे, जबकि 5.5% खाद्य सामग्री और 36.2% ने फूड व नॉन फूड दोनों तरह के आयटमों की ऑनलाइन खरीदारी की। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के द्वारा इस साल किए गए 30 दिन में ऑनलाइन शॉपिंग के नेशनल सैंपल सर्वे के मुताबिक, राजस्थान के शहरी परिवार छत्तीसगढ़, गुजरात, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, लद्दाख और लक्ष्यद्वीप से ही आगे हैं। दूसरी तरफ, ग्रामीण परिवारों द्वारा ऑनलाइन खरीदारी में महाराष्ट्र 16.3 फीसदी के साथ टाॅप और शहरी परिवारों द्वारा खरीदारी में चंडीगढ़ अव्वल है। राजस्थान के ग्रामीण परिवारों ने क्या खरीदा 85.1% ने इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े, घर का सामान जैसे गैर खाद्य वस्तुएं। 12.8% ने खाद्य और गैर-खाद्य दोनों वस्तुएं ऑर्डर कीं। 2.1% ने केवल फूड आइटम्स। राजस्थान के शहरी परिवारों की खरीदारी का पैटर्न
49.8% ने गैर-खाद्य वस्तुएं ही।
43.7% ने दोनों तरह के उत्पाद ऑनलाइन मंगवाए।
6.5% ने फूड आइटम ऑर्डर ही किए। ऑर्डर का पैटर्न राजस्थान में व्यापारी और ग्राहक के बीच भी पीढ़ियों का रिश्ता है। इसलिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म यहां ज्यादा सफल नहीं हो रहे। शहरी क्षेत्रों में केवल युवा वर्ग लाइफस्टाइल प्रोडक्ट के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहे। बाकी उपभोक्ता उत्पाद देखकर परखने के बाद मोलभाव कर खरीदारी करना पसंद करते हैं। प्रदेश में ई-कॉमर्स प्‍लेटफॉर्म अभी तक विश्वसनीयता नहीं बना पाए। ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में तो ऑनलाइन शॉपिंग बेहद कम है। शहरों में नौकरीपेशा व कामगार सभी किराने वाले का महीने दो महीने में वेतन आने पर भुगतान कर देते हैं, लेकिन ऑनलाइन में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में धोखाधड़ी के डर की वजह से ऑनलाइन खरीदारी में पीछे है।

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