डायबिटीज के मरीजों में मसल लॉस से जुड़ीसारकोपीनिया बीमारी एक गंभीर चुनौती बनती जा रही है। समय रहते ध्यान नहीं दिया गया, तो इससे मरीजों की कार्यक्षमता और जीवन गुणवत्ता पर गहरा असर पड़ सकता है। यह बात विशेषज्ञों ने राजएपिकॉन–2025 के समापन सत्र में कही। मेडिसिन विभाग के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राजएपिकॉन–2025 का समापन रविवार को विभिन्न वैज्ञानिक सत्रों और कार्यशालाओं के साथ हुआ। आयोजन के मुख्य संरक्षक एवं एसपी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि सम्मेलन में देश-प्रदेश से आए विशेषज्ञों ने मेडिकल क्षेत्र के नवीन शोध और नवाचारों से चिकित्सकों को अवगत कराया।
इंसुलिन व ग्लूकोज मॉनिटरिंग पर सत्र
आयोजन सचिव डॉ. परमेन्द्र सिरोही ने बताया कि सम्मेलन के दूसरे दिन जयपुर की डॉ. अंकिता अनेजा ने इंसुलिन देने के विभिन्न आधुनिक उपकरणों और कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग सिस्टम पर विस्तृत जानकारी दी।
कॉलेस्ट्रॉल से वैक्सीन तक पर चर्चा
आयोजन सचिव डॉ. कुलदीप सैनी के अनुसार, उदयपुर के डॉ. गिरिश वर्मा ने कॉलेस्ट्रॉल से होने वाली बीमारियों पर नवीन जानकारियां साझा कीं। जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. एस.एस.डारिया ने वयस्कों में जरूरी वैक्सीन और उनके समय पर प्रकाश डाला।
शुगर मरीजों में सारकोपीनिया पर जोर
डॉ. प्रकाश केसवानी ने शुगर मरीजों में होने वाले मसल लॉस से जुड़ी सारकोपीनिया बीमारी पर व्याख्यान देते हुए इसके शुरुआती लक्षणों और रोकथाम के उपाय बताए। कोटा मेडिकल कॉलेज की मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. मिनाक्षीसारड़ा ने हार्ट अटैक के निदान और उपचार की आधुनिक तकनीकों पर विस्तार से चर्चा की।
मोटापे पर पैनल डिस्कशन
सम्मेलन की स्मारिका के संपादक डॉ. मनोज माली ने बताया कि फ्री पेपर प्रजेंटेशन के साथ मोटापे पर पैनल डिस्कशन भी आयोजित किया गया। इसमें डॉ. एस.के. शर्मा ने मोटापा कम करने के लिए उपलब्ध नए इंजेक्शन उपचार की जानकारी दी।आयोजन समिति के साइंटिफिक चेयरमैन डॉ. संजय कोचर ने शोध पत्रों और फ्री पेपर प्रजेंटेशन में विजेता चिकित्सकों के नामों की घोषणा की।


